गुजरात: पीएम मोदी ने शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती से लिया आशीर्वाद, 20 मिनट चली मुलाकात
PM Modi in Gujarat: राजकोट में पीएम मोदी ने करोड़ों के परियोजनाओं का शिलान्यास किया. रविवार को उन्होंने पंचकुई समुद्र तट पर स्कूबा डाइविंग की और द्वारकाधीश मंदिर में पूजा अर्चना की.

PM Modi in Dwarka: गुजरात दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (25 फरवरी) को द्वारका में शंकराचार्य मठ शारदापीठ में शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महराज से आशीर्वाद लिया. यहां उन्होंने करीब 20 मिनट का समय गुजारा. इससे पहले पीएम मोदी ने सुबह गुजरात के प्रसिद्ध भगवान कृष्ण मंदिर द्वारकाधीश में पूजा अर्चना की. गुजरात में गोमती नदी और अरब सागर के मुहाने पर स्थित यह मंदिर भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थल है. यह मंदिर चार धामों में से एक है.
समंदर के भीतर द्वारका जी के दर्शन किए
यहां पीएम मोदी ने कहा, "भगवान श्री कृष्ण की कर्मभूमि द्वारकाधाम को मैं श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं. देवभूमि द्वारका में भगवान कृष्ण द्वारकाधीश के रूप में विराजते हैं. यहां जो कुछ भी होता है वो द्वारकाधीश की ईच्छा से ही होता है." इस दौरान पीएम मोदी आज समंदर के भीतर जाकर प्राचीन द्वारका जी के दर्शन भी किए.
पीएम मोजी ने कहा, "मैंने गहरे समंदर के भीतर जाकर प्राचीन द्वारका जी के दर्शन किए. पुरातत्व के जानकारों ने समंदर में समाई उस द्वारका के बारे में काफी कुछ लिखा है. कहते हैं कि भगवान विश्वकर्मा ने खुद इस द्वारकानगरी का निर्माण किया था."
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi went underwater, in the deep sea, and prayed at the site where the submerged city of Dwarka is. pic.twitter.com/J7IO4PyWow
— ANI (@ANI) February 25, 2024
सुदर्शन सेतु का लोकार्पण किया
पीएम मोदी ने गुजरात के पंचकुई समुद्र तट पर स्कूबा डाइविंग का आनंद लेने के बाद कहा कि गहरे समुद्र में जाकर प्राचीन द्वारकाजी के दर्शन करना उनके लिए अत्यंत दिव्य अनुभव रहा. स्कूबा डाइविंग बेयट द्वारका द्वीप के पास द्वारका के तट पर कराई जाती है, जहां लोग पुरातत्वविदों द्वारा खोद कर निकाले गए समुद्र में समाई प्राचीन द्वारका के मौजूद अवशेषों को देख सकते हैं.
पीएम मोदी बोले, "मैं आज समुद्र द्वारका के उस दर्शन से विकसित भारत के संकल्प को और मजबूत करके आया हूं. आज मुझे सुदर्शन सेतु के लोकार्पण का भी सौभाग्य मिला है. 6 साल पहले मुझे इस सेतु का शिलान्यास करने का अवसर मिला था. ये सेतु ओखा से बेट द्वारका को जोड़ेगा और द्वारकाधीश के दर्शन को आसान बनाएगा."
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