नृपेंद्र मिश्रा को बनाया जा सकता है दिल्ली का उपराज्यपाल, सितंबर में पीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पद से होंगे रिटायर
प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नृपेंद्र मिश्रा सितंबर के दूसरे हफ्ते में अपने पद से रिटायर हो जाएंगे. पीएम मोदी ने आज इस बात की जानकारी दी. पीएम ने उनके कार्य की तारीफ की और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी.

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नृपेंद्र मिश्रा सितंबर के दूसरे हफ्ते में रिटायर होने वाले हैं. खबर है कि इसके बाद उन्हें दिल्ली का उपराज्यपाल बनाया जा सकता है. बता दें कि पीएम मोदी ने आज ट्वीट कर जानकारी दी कि नृपेंद्र मिश्रा ने रिटायर होने का फैसला किया है. पीएम मोदी ने कहा कि नृपेंद्र मिश्रा ने पांच साल देश को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वे यूपी कैडर 1967 बैचे के आईएएस हैं.
आज पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ''2014 में जब मैंने प्रधानमंत्री के रूप में दायित्व संभाला, तब मेरे लिए दिल्ली भी नई थी और नृपेंद्र मिश्रा जी भी नए थे. लेकिन दिल्ली की शासन-व्यवस्था से वे भली-भांति परिचित थे. उस परिस्थिति में उन्होंने प्रिंसिपल सेक्रेटरी के रूप में अपनी बहुमूल्य सेवाएं दीं. उस समय उन्होंने न सिर्फ व्यक्तिगत रूप से मेरी मदद की, बल्कि 5 साल देश को आगे ले जाने में, जनता का विश्वास जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एक साथी के रूप में 5 साल तक हमेशा उन्होंने साथ दिया.''
अपने एक दूसरे ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा, ''2019 के चुनाव नतीजे आने के बाद श्री नृपेंद्र मिश्रा जी ने खुद को प्रिंसिपल सेक्रेटरी के पद से सेवामुक्त किए जाने का अनुरोध किया था. तब मैंने उनसे वैकल्पिक व्यवस्था होने तक पद पर बने रहने का आग्रह किया था. अब श्री नृपेंद्र मिश्रा जी के सेवामुक्त होने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है. वे अपनी इच्छा के अनुरूप सितंबर के दूसरे हफ्ते से कार्यमुक्त हो जाएंगे. आगे के लिए उन्हें बहुत-बहुत शुभकामनाएं.''
अब श्री नृपेंद्र मिश्रा जी के सेवामुक्त होने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। वे अपनी इच्छा के अनुरूप सितंबर के दूसरे हफ्ते से कार्यमुक्त हो जाएंगे। आगे के लिए उन्हें बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 30, 2019
कौन हैं नृपेंद्र मिश्रा?
उत्तर प्रदेश कैडर के 1967 बैच के आईएसएस नृपेंद्र मिश्रा 2006-2009 तक ट्राई के चेयरमैन भी रहे. इससे पहले वे टेलिकॉम सचिव और वित्त मंत्रालय में भी सेवाएं दे चुके हैं. मिश्र की अध्यक्षता में 2007 में ट्राई ने सिफारिश की थी कि स्पेट्रम की नीलामी की जानी चाहिए. उस वक्त की यूपीए सरकार ने उनकी सिफारिश को नजरअंदाज कर दिया था. उत्तर प्रदेश के रहने वाले मिश्र राजनीति शास्त्र और लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर हैं. अनुभव और कार्यकुशलता के अलावा उन्हें राष्ट्रवादी सोच का अधिकारी भी माना जाता है. नृपेंद्र मिश्रा को 11 जून 2019 को सेवा विस्तार दिया गया था और उस समय उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था.
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Source: IOCL























