Modi Cabinet Decision: Aadhar Card से Voter ID जोड़ने का रास्ता साफ, मतदाता सूची में नाम शामिल कराने के लिए मिलेंगे इतने मौके
Electoral Reform Proposals: नए प्रावधान के मुताबिक, सुरक्षा बलों में काम कर रही महिलाओं के पतियों को भी पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान का अधिकार मिलेगा.
Modi Cabinet Decision: केंद्रीय कैबिनेट ने चुनाव सुधार संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी है. सूत्रों के मुताबिक बिल में चुनाव सुधार से जुड़े तीन बड़े बदलाव किए गए हैं. बिल में आधार कार्ड से मतदाता पहचान पत्र को जोड़ने का प्रावधान किया गया है. फिलहाल इसे ऐच्छिक बनाया जाएगा. इसके साथ ही अगले साल से नए वोटरों को वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए एक साल में चार बार मौका दिया जाएगा. अभी एक जनवरी या उससे पहले 18 वर्ष के होने वालों को मतदाता के रूप में पंजीकरण की अनुमति दी जाती है.
चुनाव आयोग पात्र लोगों को मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने की अनुमति देने के लिये कई ‘कट ऑफ तारीख’ की वकालत करता रहा है. चुनाव आयोग ने सरकार को बताया था कि एक जनवरी के कट ऑफ तिथि के कारण मतदाता सूची की कवायद से कई युवा वंचित रह जाते थे. केवल एक कट ऑफ तिथि होने के कारण 2 जनवरी को 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले व्यक्ति पंजीकरण नहीं करा पाते थे और उन्हें पंजीकरण कराने के लिये अगले साल का इंतजार करना पड़ता था.
विधि एवं न्याय मंत्रालय ने हाल ही में संसद की एक समिति को बताया था कि उसका जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 14 बी में संशोधन का प्रस्ताव है ताकि पंजीकरण के लिये हर वर्ष चार कट ऑफ तिथि एक जनवरी, एक अप्रैल, एक जुलाई तथा एक अक्तूबर शामिल किया जा सके.
मार्च में तत्कालीन विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया था कि चुनाव आयोग ने मतदाता सूची से आधार प्रणाली को जोड़ने का प्रस्ताव किया है ताकि एक ही व्यक्ति के विभिन्न स्थानों से कई बार पंजीकरण कराने की बुराई पर लगाम लगाई जा सके.
पोस्टल बैलेट
इसके साथ ही सुरक्षा बलों में काम कर रही महिलाओं के पतियों को पोस्टल बैलेट के ज़रिए मतदान का अधिकार दिया जाएगा. वर्तमान चुनावी कानून के प्रावधानों के तहत, किसी भी सैन्यकर्मी की पत्नी को सैन्य मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने की पात्रता होगी लेकिन महिला सैन्यकर्मी के पति को नहीं होगी. लेकिन इस प्रस्तावित विधेयक को संसद की मंजूरी मिलने पर स्थितियां बदल जाएंगी. चुनाव आयोग ने विधि मंत्रालय से जन प्रतिनिधित्व कानून में सैन्य मतदाताओं से संबंधित प्रावधानों में ‘पत्नी’ शब्दावली को बदलकर ‘स्पाउस’ करने को कहा था. बिल को मौजूदा शीतकालीन सत्र में ही पेश किए जाने की संभावना है.
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