‘स्वेज नहर’ में फंसा विशाल कार्गो जहाज, जानिए इसके फंसने से आपकी जेब पर क्यों पड़ सकता है बुरा असर
मिस्र की स्वेज नहर में तीन दिन से एक विशालकाय शिप फंसा हुआ है. इसे दुनिया के सबसे विशाल मालवाहक कंटेनर जहाज में से एक माना जाता है.इस समस्या से निपटने के लिए अगर कोई दूसरा रुट पकड़ा भी जाता है तो फिर मिडिल ईस्ट-यूरोप की यात्रा में 15 दिन की और देरी हो जाएगी.
दिल्ली से 4300 किलोमीटर दूर मिस्र की स्वेज नहर में तीन दिन से एक विशालकाय शिप फंसा हुआ है. कार्गो जहाज के फंसने से लाल सागर और भूमध्य सागर में ट्रैफिक जाम लग गया है. कई देशों में पेट्रोलियम पदार्थों की डिलवरी में देरी हो रही है. ट्रैफिक जाम में कम से कम 10 क्रूड ट्रैकर फंसे हैं, जिनमें 13 मिलियन बैरल कच्चा तेल लदा है.
निकलने में लग सकते हैं 2 से 3 दिन
कार्गो फंसने के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया है. स्वेज नजर में हर दिन 50 जहाज व्यापार की आवाजाही करते हैं. दुनिया का 12 फीसदी व्यापार स्वेज नहर से होकर गुजरता है. काफी मशक्कत के बाद भी जहाज फंसा हुआ है और बताया जा रहा है कि इसको निकलने में 2 से 3 दिन और लग सकते हैं.
इस समस्या से निपटने के लिए अगर कोई दूसरा रुट पकड़ा भी जाता है तो फिर मिडिल ईस्ट-यूरोप की यात्रा में 15 दिन की और देरी हो जाएगी और इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ सकता है. इस कंटेनर को दुनिया के सबसे विशाल मालवाहक कंटेनर जहाज में से एक माना जाता है.
एशिया और यूरोप के बीच चलता है कंटेनर जहाज
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि कोरोना वायरस के कारण पहले से प्रभावित वैश्विक नौवहन प्रणाली के लिए यह एक और बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है. ‘एमवी एवर गीवन’ पनामा-ध्वजयुक्त कंटेनर जहाज जो एशिया और यूरोप के बीच चलता है, मंगलवार को एक संकीर्ण मानव निर्मित जलमार्ग में फंस गया, जो महाद्वीपीय अफ्रीका को सिनाई प्रायद्वीप से विभाजित करता है.
जहाज के इस तरह फंसने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है. ‘एवरग्रीन मरीन कोर’ ने हालांकि एक बयान में बताया कि तेज हवाओं के कारण ऐसा हुआ, लेकिन उसका एक भी कंटेनर डूबा नहीं है.
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