महाराष्ट्र: बीजेपी-शिवसेना में तल्खी जारी, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा- अगर हालात बदले...
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एनसीपी तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. एनसीपी ने इस बार 54 सीटों पर जीत दर्ज की है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र में एनसीपी के प्रमुख शरद पवार की तारीफ भी की थी.

मुंबई: महाराष्ट्र में किसकी सरकार बनेगी और अगला सीएम कौन होगा इसपर अभी तक कुछ साफ नहीं हो पाया है. सीएम पद को लेकर शिवसेना और बीजेपी के बीच तकरार ने राज्य का सियासी पारा चढ़ा रखा है. 50-50 फॉर्मूले की मांग के साथ शिवसेना सीएम पद की मांग पर अड़ी हुई है. इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने कहा कि अगर हालात बदलते हैं तो देखा जाएगा. विधानसभा चुनाव में एनसीपी तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. उसने 54 सीटों पर जीत हासिल की है.
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एनसीपी के सीनियर नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ‘’जनता का जनादेश हमें विपक्ष में बैठने के लिए मिला है. अगर हालात बदलते हैं तो फिर हम देखेंगे. ‘’ शिवसेना और बीजेपी के बीच जारी तनाव के बीच प्रफुल्ल पटेल के बयान के अपने सियासी मायने हैं. याद हो कि विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एनसीपी के प्रमुख शरद पवार की तारीफ की थी. इसको लेकर बीजेपी हाई कमान ने नाराजगी भी जाहिर की थी.
Praful Patel, Nationalist Congress Party (NCP), in Mumbai: The people's mandate (in #MaharashtraAssemblyElections) is for us to sit in the Opposition. If the situation changes, then we will see. pic.twitter.com/WkZHoDLDeZ
— ANI (@ANI) October 30, 2019
पिछले दो दशकों में राज्य में कोई नया राजनीतिक समीकरण देखने को नहीं मिला है. लेकिन जिस तरह से फिलहाल दोनों पार्टियों के बीच तल्खी का माहौल बना हुआ है, क्या कोई नया सियासी समीकरण देखने को मिल सकता है, ये सवाल बना हुआ है.
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उधर बीजेपी ने देवेंद्र फडणवीस को विधायक दल का नेता चुना. इसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य की जनता ने बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को वोट दिया है. ऐसे में इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए और राज्य में शिवसेना-बीजेपी गठबंधन की ही सरकार बनेगी. वहीं कल गुरुवार को शिवेसना ने अपनी बैठक बुलाई है. उम्मीद लगाई जा रही है कि शिवसेना इस बैठक में अपना नेता चुने और मौजूदा सियासी हलचल पर कोई फैसला ले.
जाहिर है कि राज्य में किसी पार्टी को अकेले बहुमत नहीं मिला है. बीजेपी ने 150 सीटों पर चुनाव लड़कर 105 सीटें जीती हैं. शिवसेना के खाते में 56 सीटें आई हैं. सरकार बनाने के लिए ये आंकड़ें पर्याप्त हैं लेकिन मामला सीएम पद को लेकर फंसा हुआ है.
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