मुंबई: स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से 600 करोड़ अधिक होगी अरब सागर में बनने वाली शिवाजी स्टैच्यू की लागत
मुंबई में अरब सागर के तट पर महाराष्ट्र सरकार शिवाजी की भव्य प्रतिमा का निर्माण कराने वाली है. इसकी लागत गुजरात में बने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से भी लगभग 600 करोड़ रुपए अधिक होगी. इसका निर्माण कार्य साल 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है.

मुंबई: मुंबई के निकट अरब सागर तट पर बनाई जा रही छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर 3643.78 करोड़ रूपये की लागत आएगी. इस परियोजना का निर्माण कार्य 2022-23 तक पूरा कर लिया जायेगा. इस संबंध में सरकार ने जानकारी दी. महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस काम के लिए निर्धारित समय सारणी के अनुसार प्रतिमा और समुद्र में दीवार बनाने का काम 2019-20 में शुरू किया जाएगा.
पिछले सप्ताह जारी एक सरकारी आदेश में कहा गया कि राज्य मंत्रिमंडल ने एक नवंबर, 2018 को इस परियोजना के लिए प्रशासनिक स्वीकृति और 3700.84 करोड़ रुपये के कुल व्यय को मंजूरी दी थी. राज्य सरकार द्वारा दी गई आधिकारिक मंजूरी के अनुसार, नई लागत अब 3643.78 करोड़ रूपये होगी. अभी तक देश में सबसे महंगी प्रतिमा सरदार पटेल की है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल किया है.
182 मीटर ऊंची सरदार पटेल की प्रतिमा के निर्माण में 2979 करोड़ रुपये की लागत आई थी. सरदार पटेल की प्रतिमा चीन के स्प्रिंग टेम्पल बुद्धा की प्रतिमा (153 मीटर) से लगभग 29 मीटर ऊंची और न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से लगभग दोगुनी है. सरदार पटेल की संसार की सबसे बड़ी प्रतिमा के बनने से गुजरात सरकार को उम्मीद है कि यह प्रतिमा पर्यटन को बढ़ावा देगी और रोजाना 15,000 पर्यटक इसे देखने आएंगे.
इस प्रतिमा की खास बात यह भी है कि इसके 153 मीटर की ऊंचाई पर गैलरी बनाई गई है. जहां एक समय में करीब 200 पर्यटक इकट्ठा हो सकते हैं. गैलरी से सरदार सरोवर बांध और सतपुड़ा और विंध्य की पहाड़ी का दीदार किया जा सकता है.
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