मध्य प्रदेश: स्पीकर ने स्वीकार किया कांग्रेस के 16 विधायकों का इस्तीफा, आज होगा कमलनाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट
आज कमलनाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट होगा. गुरुवार देर रात मध्य प्रदेश के विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति ने कांग्रेस के 16 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया.

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार का आज बहुमत परीक्षण होगा. मध्य प्रदेश के राजनीतिक उठापटक के बीच जैसे ही गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि 20 मार्च को ही बहुमत परीक्षण होगा, बीजेपी के नेताओं की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. बीजेपी को उम्मीद है कि वह परीक्षण के दौरान सदन में अपना बहुमत साबित करेगी और कमलनाथ सरकार की मध्य प्रदेश की सत्ता से विदाई तय हो जाएगी. इस बीच 16 कांग्रेस विधायकों का इस्तीफा स्पीकर ने स्वीकार कर लिया है.
बीजेपी सत्ता में करेगी वापसी- शिवराज
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जब मीडिया के सामने आए तो उन्होंने साफ कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट से जो फैसला आया है वह संविधान के तहत है और इसी फैसले का वह इंतजार कर रहे थे. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश की मौजूदा कमलनाथ सरकार अल्पमत की सरकार थी और वह कोशिश कर रहे थे कि किसी भी सूरत में बहुमत परीक्षण को टाला जा सके जिससे कि जो विधायक उनके साथ नहीं है उनको भी किसी भी तरह अपने साथ जोड़ने का मौका मिल सके. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अब साफ हो गया है की विधानसभा के पटल पर कमलनाथ सरकार अल्पमत वाली सरकार साबित होगी और बीजेपी के सरकार सत्ता में वापसी करेगी.
बीजेपी को रिजॉर्ट पॉलिटिक्स का लिया सहारा
शिवराज सिंह चौहान जिस दौरान यह बात कह रहे थे वो सीहोर के उसी रिजॉर्ट में मौजूद थे जहां पर बीजेपी ने अपने लगभग लगभग सभी विधायकों को एक साथ रखने के लिए ठहराया हुआ था. पिछले 3 दिनों से बीजेपी ने अपने सभी विधायकों को सीहोर के एक रिपोर्ट में ठहरा हुआ था इसी कोशिश के तहत की सभी को एकजुट रखा जाए. बीजेपी को भी बखूबी पता है कि जब बहुमत परीक्षण होगा तो एक-एक विधायक की क्या अहमियत होगी लिहाज़ा इसी कड़ी में खुद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा समेत प्रदेश के जो बड़े नेता हैं वह सभी इन विधायकों के साथ लगातार रिज़ॉर्ट में चर्चा कर रहे थे और संवाद कर वक्त गुजार रहे थे.
क्या है विधानसभा का मौजूदा समीकरण
बीजेपी का दावा है कि बहुमत उनके पास में है लेकिन बीजेपी के इस दावे का आधार क्या है यह समझने के लिए हमको मध्यप्रदेश विधानसभा के आंकड़ों पर नजर डालनी होगी.
- मध्यप्रदेश विधानसभा में कुल 230 सदस्य हैं.
- लेकिन फिलहाल 2 सीटें खाली हैं क्योंकि 2 सदस्यों की मृत्यु हो गई थी.
- इसके बाद मौजूदा सदस्यों की संख्या 228 बची थी.
- इन 228 में से 22 बागी विधायकों का इस्तीफा विधानसभा के स्पीकर ने मंजूर कर लिया है. ऐसे में सदन की संख्या बची 206.
- जो 16 विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे के बताए जा रहे हैं वह मैं बेंगलुरु में मौजूद हैं.
- इस लिहाज से बहुमत का आंकड़ा चाहिए होगा 104 का.
- लेकिन इस यह सब के बीच यह जानकारी भी सामने आ रही है कि कांग्रेस का समर्थन करने वाले कुछ अन्य विधायक भी राज्य में मौजूद नहीं है लिहाजा ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 101 से 103 सीटों तक का हो सकता है.
- बीजेपी के पास मौजूदा वक्त में 107 विधायक हैं.
- वहीं 22 विधायकों के कम हो जाने से कांग्रेस के विधायकों की संख्या कुल 114 में से 22 कम करने के बाद 92 की ही बचती है.
- हालांकि यहां यह भी साफ कर देना जरूरी है कि बीजेपी के एक विधायक नारायण त्रिपाठी लगातार कमलनाथ के संपर्क में है ऐसे में यह कह देना कि बीजेपी के सभी 107 विधायक बीजेपी के साथ एकजुट हैं थोड़ा जल्दबाजी भरा होगा.
बहुमत साबित करना कमलनाथ के लिए होगी बड़ी चुनौती
वहीं मौजूदा मुख्यमंत्री कमलनाथ भी लगातार बहुमत होने का दावा कर रहे हैं पर फिलहाल अभी तक जो आंकड़ा है वह तो बीजेपी के पक्ष में जरूर नजर आ रहा है. लेकिन असली तस्वीर तो विधानसभा में बहुमत परीक्षण के दौरान ही साफ होगी. हालांकि जानकार ये जरूर मान रहे हैं कि बहुमत परीक्षण के दौरान बीजेपी सत्ता में वापसी कर सकती है क्योंकि फिलहाल जो समीकरण है वह बीजेपी के पक्ष में नजर आ रहे हैं.
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Source: IOCL
























