यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर हमले का वायरल सच

नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर हर रोज कई फोटो, वीडियो और मैसेज वायरल होते हैं. इन वायरल मैसेज, फोटो और वीडियो के जरिए कई चौंकाने वाले दावे भी किए जाते हैं. ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो के जरिए भी चौंकाने वाला दावा किया जा रहा है.
क्या दिख रहा है वायरल हो रहे वीडियो ? वीडियो में दिख रहा है कि वीआईपी मूवमेंट के लिए खाली सड़क पर चौंकन्ने पुलिसवालों की देखरेख में एक-एक कर कई गाड़ियां गुजर रही हैं. 15 सेकेंड में 4 गाड़ियां फरार्टे से गुजरती हैं लेकिन जैसे ही 5 वीं गाड़ी निकलती है लोगों के चिल्लाने की आवाजें सुनाई देती है. सड़क के उस पार खड़ी लोगों की भीड़ अचानक सड़क पर उतर जाती है. काफिले में जा रही सफेद रंग की गाड़ी रूकती है और उससे कई सुरक्षा गार्ड निकलकर हमला कर रहे लोगों की तरफ भागने लगते हैं. सुऱक्षा में मौजूद पुलिसकर्मी भी हमला करने वाले लोगों को रोकने की कोशिश करते हैं.
दावा किया जा रहा है कि ये काफिला सीएम योगी का है और ये हमला भी उन्ही पर किया जा रहा है. ब्लैक कमांडो और बॉडी गार्ड इस सिल्वर रंग की गाड़ी को घेरे खड़े है जिसे देखकर तो यही लगता है कि अगर ये काफिला सीएम योगी का है तो सीएम योगी इसी गाड़ी के अंदर होंगे. तभी सफेद रंग की शर्ट पहने एक आदमी गाड़ी के बोनट पर झपट्टा मारता है. पूरी फोर्स शख्स को जमीन पर पटककर लात से उसे पीटने लगती है.
सिल्वर रंग की गाड़ी आगे बढ़ती है तो गाड़ी के अंदर गेरूआ कपड़े में कोई बैठा दिखता है शायद यही देखकर लोग इसे योगी सरकार से जोड़ रहे हैं. इन हिलती-डुलती तस्वीरों के बीच गुलाबी रंग का सूट पहने एक औरत दिखती है शायद ये वहीं है जो काफी देर से योगी सरकार मुर्दाबाद के नारे लगा रही है. पुलिस लोगों को पीटने में लगी है लेकिन गुलाबी सूट वाली औरत बिना किसी डर के लगातार नारे लगाए जा रही है.
क्या है वायरल वीडियो का सच? एबीपी न्यूजड की पड़ताल में सामने आया कि ये वीडियो 7 जून का है. 7 तारीख को जब सीएम योगी का काफिला लखनऊ यूनिवर्सिटी के पास से गुजर रहा था तब समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं ने सीएम की गाड़ी रोक ली और काले झंडे दिखाने लगे.
ये लोग लखनऊ विश्वविद्यालय में छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर हो रहे कार्यक्रम का विरोध कर रहे थे जिसके लिए सीएम योगी जा रहे थे. बाद में कार्यक्रम में पहुंचकर सीएम योगी ने विरोध करने वालों को जवाब भी दिया था.
एबीपी न्यूज की पड़ताल में वायरल वीडियो सच साबित हुआ है लेकिन आम लोग नाराज हैं ये दावा झूठा साबित हुआ है.
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