सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सदस्य बनीं जस्टिस भानुमति, ये पद पाने वालीं दूसरी महिला
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में 13 साल बाद किसी महिला की एंट्री हुई है. जस्टिस आर भानुमति कॉलेजियम की नई सदस्य हैं. जस्टिस आर भानुमति ने अपने करियर की शुरुआत तमिलनाडु में जिला और सत्र जज के पद से की थी.

नई दिल्ली: देश के चीफ जस्टिस पद से जस्टिस रंजन गोगोई के सेवानिवृत्त होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम में नये सदस्य के तौर पर जस्टिस आर भानुमति शामिल होंगी. कॉलेजियम में सुप्रीम कोर्ट के पांच सबसे वरिष्ठ जस्टिस होते हैं. जस्टिस भानुमति पिछले 13 वर्षों में जस्टिस रुमा पाल के बाद कॉलेजियम का हिस्सा बनने वाली दूसरी महिला होंगी.
जस्टिस पाल 2006 में सेवानिवृत्त होने से पहले कॉलेजियम का सदस्य बनने वाली अभी तक की आखिरी महिला थीं. सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम में सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए चयन करने और नामों की सिफारिश करने के लिए सदस्य के तौर पर पांच सबसे वरिष्ठ जस्टिस होते हैं. हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए लोगों के नामों की सिफारिश करने वाले कॉलेजियम में उसके सदस्यों के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के तीन सबसे वरिष्ठ जस्टिस होते हैं.
सीजेआई के तौर पर 17 नवंबर को जस्टिस गोगोई की सेवानिवृत्ति के साथ ही जस्टिस भानुमति सुप्रीम कोर्ट के जजों के वरिष्ठता क्रम में पांचवें नंबर पर आ गयी हैं और इससे वह स्वत: ही कॉलेजियम का हिस्सा बन जाएंगी. भारत के नये प्रधान जस्टिस एसए बोबडे के अलावा जस्टिस एनवी रमन, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस भानुमति कॉलेजियम का हिस्सा होंगे.
जस्टिस भानुमति 1988 में तमिलनाडु में जिला और सत्र जस्टिस बनी थीं. उनकी तीन अप्रैल 2003 को मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस के तौर पर पदोन्नति की गयी और बाद में वह 16 नवंबर 2013 को झारखंड हाईकोर्ट की मुख्य जस्टिस बनीं. जस्टिस भानुमति 13 अगस्त 2014 को सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बनीं और वह 19 जुलाई 2020 को सेवानिवृत्त होंगी.
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