जम्मू: लॉकडाउन के चलते बेरा पंचायत के लोगों का फैसला- एक समय का भोजन नहीं करेंगे, कहा- हम प्रशासन पर बोझ नहीं बनना चाहते
इस पंचायत के लोगों का कहना है कि वे लॉकडाउन के समय में राशन के लिए प्रशासन पर बोझ नहीं बनना चाहते हैं. इसलिए उन्होंने ये फैसला लिया है.

जम्मू: पूरा देश वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से झूझ रहा है और इसके संक्रमण से बचने की तैयारियों में लगा है. इस बीच जम्मू के कठुआ ज़िले की बेरा पंचायत ने लॉकडाउन के दौरान ऐसा प्रस्ताव पारित किया है जो पूरे देश के लिए मिसाल बन गया है. कठुआ ज़िले की इस पंचायत ने खाना बचाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है कि पंचायत में महिलाओ, बच्चों और बुज़ुर्गों को छोड़ सभी एक समय का भोजन छोड़ देंगे.
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन जारी है और यह लॉकडाउन कब तक जारी रहेगा- यह सवाल अभी बना हुआ है. लॉकडाउन के दौरान इस पंचायत के करीब दर्जन भर गांव किसी पर अनाज के लिए निर्भर न हो, इसके लिए इस गांव की पंचायत ने ने यह प्रस्ताव पारित किया है कि इस गांव के लोग तीन की जगह दो बार ही भोजन करेंगे और एक समय का भोजन वो बचायेंगे. इस प्रस्ताव के चलते इस पंचायत के लोग अब नाश्ता और दोपहर का खाना एक साथ खा लेते हैं और रात का भोजन करते हैं.
गांव के सरपंच शिव देव सिंह के मुताबिक, इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद लोग सुबह उठ कर दूध पी कर अपने अपने काम पर चले जाते हैं और दोपहर बाद को गांव की महिलाऐं खाना बनाती हैं. इस गांव के लोग दोपहर का भोजन करते हैं जिससे किचन का काम भी कम हो गया है. इस पंचायत में जो चूल्हे सुबह सुबह जलाये जाते थे वो चूल्हे अब दोपहर तक नहीं जलते और ऐसा कर के यह पंचायत एक समय का खाना बचा रही है.
इस पंचायत के लोगो का दावा है कि वो जिला प्रशासन पर राशन के लिए बोझ नहीं बनना चाहते और उनकी पंचायत में अधिकांश लोग किसान हैं जिसके चलते आटा और चावल गांव वाले स्वयं ही उगा लेते हैं. यहां उगाई गई फसल सीमित है ऐसे में यह गांव वाले ने अनाज को बचाने की जुगत में लगे हैं.
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