एक्सप्लोरर

भारत में गूगल के खिलाफ उठाया जाएगा ये बड़ा कदम, पहले ही लग चुका है 275 मिलियन का जुर्माना

गूगल दुनियाभर में एंटीट्रस्ट जांच का सामना कर रहा है. अब भारती सरकार भी गूगल के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाने वाली है.

भारत सरकार गूगल के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बना रही है. रॉयटर्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक एक शीर्ष आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस बात की जानकारी दी. राजीव चंद्रशेखर के मुताबिक 'पिछले साल एक एंटीट्रस्ट वॉचडॉग ने पाया कि गूगल अपनी ताकतों का गलत इस्तेमाल कर रहा है. 

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने अक्टूबर में दो मामलों में अल्फाबेट इंक की कंपनी गूगल पर 275 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया था. मामला ऑनलाइन सर्च और एंड्रॉइड ऐप स्टोर जैसे बाजारों में अपनी प्रमुख स्थिति का फायदा उठाने का था. सीसीआई ने गूगल से प्री-इंस्टॉलिंग ऐप्स से संबंधित स्मार्टफोन निर्माताओं पर लगाए गए प्रतिबंधों को बदलने के लिए भी कहा था.

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब गूगल को दुनिया भर में एंटीट्रस्ट जांच का सामना करना पड़ रहा है. पिछले महीने एक यूरोपीय अदालत ने 2018 के एक फैसले को बरकरार रखते हुए गूगल को बड़ा झटका दिया था. यूरोपीय अदालत नें कहा था 'कंपनी ने एंड्रॉइड मोबाइल उपकरणों के निर्माताओं पर गैरकानूनी प्रतिबंध' लगाए. रॉयटर्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक गूगल ने अदालत के इस फैसले के खिलाफ अपील करने की योजना बनाई है. अदालत के फैसले के बाद गूगल को 410 करोड़ का जुर्माना झेलना पड़ रहा है. 

सरकार गूगल के खिलाफ कार्रवाई करेगी

सूचना प्रौद्योगिकी के मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने रॉयटर्स को दिए इंटरव्यू में बताया ' इस तरह के मामले बेहद "गंभीर" हैं.  ये मामले सरकार को गहरी चिंता में डालते हैं. सरकार गूगल के खिलाफ कार्रवाई करेगी. चंद्रशेखर ने कहा, 'मंत्रालय आने वाले हफ्तों में कार्रवाई करेगा. हम पीछे नहीं हटेंगे मंत्री ने यह बताने से इनकार कर दिया कि सरकार किस तरह की नीति अपनाएगी, या किस तरह की कार्रवाई कर सकती है.  

राजीव चंद्रशेखर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशासन में सर्वोच्च रैंकिंग अधिकारियों में से एक हैं. रॉयटर्स के मुताबिक उन्होंने इस मामले पर गूगल से किसी भी तरह की कोई बातचीत करने से साफ मना कर दिया. उन्होंने इसे अदालत का मैटर बताया. 

बढ़ेगा भारतीय कंपनियों और गूगल के बीच तनाव

मंत्री की यह टिप्पणी भारतीय कंपनियों और गूगल के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि का एक हिस्सा मानी जा रही है. भारत की प्रतिस्पर्धा निगरानी संस्था ने टिंडर के मालिक की गूगल की शिकायत के बाद एक जांच शुरू कर दी है. टिंडर के अलावा भी कई स्टार्टअप्स ने गूगल पर आरोप लगाया है.  कंपनियों का कहना है कि ऐप भुगतान के लिए गूगल द्वारा उपयोग की जाने वाली एक नई सेवा शुल्क प्रणाली प्रतिस्पर्धा आयोग के फैसले का उल्लंघन करती है. 

सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि सीसीआई के एंड्रायड ऐप मामले में गूगल पर 16.2 करोड़ डॉलर के जुर्माने के बाद गूगल की परेशानी बढ़ी है. अब कंपनियों की शिकायत भी एक सिरदर्द है, क्योंकि वो पहले से ही यूरोपिय अदालत से 410 करोड़ का जर्माना झेल रहा है. 

वहीं गूगल ने अभी तक सीसीआई के जवाब में कानूनी कारर्वाई को लेकर कोई भी बयान नहीं दिया है. हालांकि गूगल ने ये कहा था कि सीसीआई का आदेश भारतीय उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए एक बड़ा झटका है'. 

गूगल पर कई मुकदमें हुए हैं दायर

बता दें कि गूगल पर भारत ,ईयू के अलावा दुनिया के कई जगहों पर मुकदमा दर्ज किया गया है.ज्यादातर आरोप प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करने के हैं. इसमें फेसबुक की मूल कंपनी मेटा भी शामिल है. साउथ कोरिया में प्रतिस्पर्धा उल्लंघन मामले में इन दोनों कंपनियों पर 71 मिलियन डॉलर (करीब 565 करोड़ रुपये) का संयुक्त जुर्माना लगा था.

गूगल लगातार सवालों में घिरा हुआ है. गूगल पर अमेरिका में कंपनी पर सर्च में खास नतीजों और गूगल पे सर्विस को को प्राथमिकता देने का आरोप है. इन मामलों में कंपनी पर अरबों डॉलर का जुर्मान लग चुका है.

सबसे पहले चर्चा में कब आया था मुद्दा

साल 2019 में अमेरिकी सरकार की एंटी ट्रस्ट प्रवर्तन एजेंसियाँ, संघीय व्यापार आयोग और न्याय विभाग ने अमेज़ॅन और गूगल के खिलाफ एंटीट्रस्ट जाँच की शुरुआत की थी. 

साल 2018 में भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (CCI) ने भी  गूगल पर अनुचित व्यापार व्यवहारों को लेकर गूगल पर  1 करोड़ 36 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था.

अमेज़ॅन पर क्या था मामला

कंपनी पर मार्केटप्लेस प्लेटफ़ॉर्म पर एकतरफा अनुबंध, विज्ञापन नीतियों का आरोप लगाया गया था. गुगल पर कुछ विज्ञापनों और ऑनलाइन सर्च के प्रति पक्षपात करने का आरोप लगा था. गूगल पर ऑनलाइन सर्च मार्केट के प्रभुत्व का गलत इस्तेमाल का आरोप भी लगा था.

एंटी ट्रस्ट कानून क्या है

साख विरोधी कानून (Antitrust Law) को प्रतिस्पर्द्धा कानूनों के रूप में भी जाना जाता है. इसका मकसद व्यापार और वाणिज्य को गैरजरूरी प्रतिबंधों, एकाधिकार और मूल्य निर्धारण से सुरक्षित रखना है.

एंटी ट्रस्ट कानून  यह सुनिश्चित करते हैं कि खुले बजार की अर्थव्यवस्था में निष्पक्ष प्रतिस्पर्द्धा मौजूद है कि नहीं. प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम, 2002 भारत का साख विरोधी कानून (Antitrust Law) है. इस कानून के तहत एकाधिकार और अवरोधक व्यापार व्यवहार अधिनियम, 1969 (Monopolistic and Restrictive Trade Practices Act of 1969) को निरस्‍त किया गया. साथ ही प्रतिस्पर्द्धा संरक्षण की आधुनिक संरचना की गई. 

  • यह कानून तेज और समावेशी विकास पर जोर देता है.
  • आर्थिक विकास के लिए देश में आर्थिक गतिविधियों में निष्पक्ष और हेल्दी कंपटिशन सुनिश्चित करता है. 
  • इसे कार्टेल का भंडाफोड़ करने, विलय और अधिग्रहण की जांच करने का काम सौंपा गया है.
  • इस कानून की मदद से बाजार के बड़े खिलाड़ियों के खिलाफ बदमाशी की शिकायतों को उठाया जा सकता है.
  • यह वैधानिक अधिकारियों को प्रतिस्पर्धा के मुद्दों पर राय देता है.
  • इसका उद्देश्य  जागरूकता पैदा करना है.

प्रतिस्पर्धा अधिनियम  2002 

प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 में संशोधन करने वाला विधेयक लोकसभा में पेश किया गया था. इसका मकसद तकनीकी प्रगति, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बढ़ते महत्त्व को देखते हुए बाज़ार में तेजी लाना था.

नए विधेयक में सौदे के मूल्य की सीमा का प्रावधान भी पेश किया जा चुका है. इसके अलावा 2,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के सौदे वाले किसी भी लेन-देन में आयोग को सूचित करना जरूरी कर दिया गया. 

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग किसी कंपनी के भारत में पर्याप्त व्यावसायिक संचालन  का आकलन करने की बात कह चुका है. साथ ही जरूरतों को को निर्धारित करने के लिये विनियम तैयार कर रहा है. 

इस आयोग ने दिग्गज कंपनियों की समीक्षा तंत्र को और मजबूती दी है. खासतौर से डिजिटल और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में जहां पर पहले रिपोर्टिंग नहीं की गई थी.  

इस आयोग को कौन नियंत्रित करता है ?

सीसीआई को केंद्र सरकार के बजाय आयोग के महानिदेशक ज्यादा नियंत्रित करते हैं. 

जुर्माने के भी हैं दिशानिर्देश 

आयोग अलग-अलग प्रतिस्पर्धा उल्लंघनों के लिए दंड के लिए भी दिशानिर्देश जारी करता है.आयोग के आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) द्वारा अपील पर सुनवाई के लिये पार्टी को जुर्माना राशि का 25% जमा करना होता है. 

नए परिवर्तन के फायदे

नए परिवर्तनों के साथ आयोग ने भारतीय बाजार को नए युग के साथ ढालने की कोशिश की है. अधिनियम का मकसद नए युग के बाज़ार के कुछ पहलुओं का प्रबंधन करना और इसके संचालन को और ज्यादा मजबूत बनाना है.  हाल ही आए गूगल के मामले को देखते हुए ये लगता है कि प्रस्तावित परिवर्तन बहुत ही जरूरी था.

जानकार ये मानते हैं कि सरकार इस बात को बाखूबी समझ रही है कि बाज़ार लगातार बदल रहा है, इसलिये कानूनों को नियमित रूप से बदलते रहने की जरूरत है. 

क्या है गूगल की कहानी

गूगल एक अमेरीकी कंपनी है. इसने इंटरनेट सर्च, क्लाउड कम्प्यूटिंग और विज्ञापन तंत्र में बड़े पैमाने पर पूँजी लगायी है. मौजूदा समय में गूगल इंटरनेट बेस्ड कई सेवाएँ दे रहा है. आमतौर पर गूगल अपना मुनाफा अपने विज्ञापन कार्यक्रम ऐडवर्ड्स (AdWords) से कमाता है. एप्पल, एमाज़ॉन, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट के साथ गूगल को सूचना प्रौद्योगिकी के बिग फाइव में से एक माना जाता है.

सितम्बर 4, 1998 को एक निजी कंपनी ने इसकी शुरुआत की थी. 19 अगस्त 2004 से गूगल ने अपनी सेवाएं देना शुरू किया. कम्पनी का हेड ऑफिस माउंटेन व्यू, कैलिफोर्निया में है. 

गूगल विश्वभर में फैले अपने डाटा-केन्द्रों से दस लाख से ज़्यादा सर्वर चलाता है. कम्पनी कई बड़े ऑनलाइन  सॅाफ्टवेअर, जैसे कि जीमेल, ईमेल सर्सवि ऑर्कुट और गूगल बज़ की सर्विस देती है. डेस्कटॉप कम्प्यूटर की भी कई सेवाएं गूगल ही देता हैं इसमें वेब ब्राउज़र गूगल क्रोम, पिकासा, गूगल टॉक शामिल हैं. 

google.com को इंटरनेट की सबसे ज़्यादा सर्च वेबसाइट है. google.com को इंटरनेट की सबसे ज़्यादा सर्च वेबसाइट है. इसके अलावा गूगल की अन्य वेबसाइटें (google.co.in, google.co.uk) टॉप सौ वेबसाइटों में आती हैं. ब्रैंडजी के मुताबिक गूगल विश्व का सबसे ताकतवर और नामी ब्राण्ड है. 

गूगल के सीईओ भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक सुंदर पिचाई हैं . सुन्दर पिचई हर दिन 3.5 करोड़ रुपए कमाते हैं. 

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

दिल्ली में नालों की सुरक्षा में लापरवाही पर हाईकोर्ट नाराज, एमसीडी और DJB को लगाई फटकार
दिल्ली में नालों की सुरक्षा में लापरवाही पर हाईकोर्ट नाराज, एमसीडी और DJB को लगाई फटकार
पुतिन के भारत दौरे से अमेरिका में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में ले लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
पुतिन के भारत दौरे से US में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
काजोल और ट्विंकल के चैट शो में क्यों नहीं दिखे शाहरुख खान? एक्टर ने तोड़ी चुप्पी बताई हैरान कर देने वाली वजह
काजोल और ट्विंकल के चैट शो में क्यों नहीं दिखे शाहरुख खान? एक्टर ने खुद बताई वजह
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...

वीडियोज

Interview: Tarun Garg, COO, Hyundai Motor India on Hyundai Creta electric | Auto Live
Haval H9: क्या ये गाड़ी India में मिलती है? | Auto Live #havalh9
Passenger anger On Flight Delay: Indi'Go' कहें या फिर Indi'Stop'? | Bharat Ki Baat With Pratima
Road Test Review Of Volkswagen Golf GTI India  | Auto Live
दोस्ती इम्तिहान लेती है...दोस्तों की जान लेती है। | Sansani | Crime News

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
दिल्ली में नालों की सुरक्षा में लापरवाही पर हाईकोर्ट नाराज, एमसीडी और DJB को लगाई फटकार
दिल्ली में नालों की सुरक्षा में लापरवाही पर हाईकोर्ट नाराज, एमसीडी और DJB को लगाई फटकार
पुतिन के भारत दौरे से अमेरिका में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में ले लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
पुतिन के भारत दौरे से US में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
काजोल और ट्विंकल के चैट शो में क्यों नहीं दिखे शाहरुख खान? एक्टर ने तोड़ी चुप्पी बताई हैरान कर देने वाली वजह
काजोल और ट्विंकल के चैट शो में क्यों नहीं दिखे शाहरुख खान? एक्टर ने खुद बताई वजह
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
कहीं आपका गैस सिलेंडर एक्सपायर तो नहीं हो गया, घर पर ही ऐसे कर सकते हैं चेक
कहीं आपका गैस सिलेंडर एक्सपायर तो नहीं हो गया, घर पर ही ऐसे कर सकते हैं चेक
छत्तीसगढ़ के यात्रियों के लिए बड़ी खबर, रेलवे ने कैंसिल की 10 रेगुलर ट्रेनें, देख लें लिस्ट
छत्तीसगढ़ के यात्रियों के लिए बड़ी खबर, रेलवे ने कैंसिल की 10 रेगुलर ट्रेनें, देख लें लिस्ट
बीटेक के बाद युवाओं की पहली पसंद बना यह कोर्स; जानें क्यों है खास?
बीटेक के बाद युवाओं की पहली पसंद बना यह कोर्स; जानें क्यों है खास?
Embed widget