India in UNGA: UN में भारत का बड़ा कदम, गाजा में सीजफायर के प्रस्ताव से बना ली दूरी, बंधकों को छुड़ाने के कनाडा के प्रस्ताव का समर्थन
India In UNGA Israel Hamas War: इजरायल की ओर से गाजा में हो रहे जवाबी हमले को तत्काल रोकने के संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव पर वोटिंग से भारत ने परहेज किया है. बंधकों के साथ संवेदना जताई है.
UNGA Resolution On Israel Hamas War: भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के विशेष सत्र में शुक्रवार (28 अक्टूबर) को उस प्रस्ताव में वोटिंग से परहेज किया जिसमें इजरायली सैन्य बलों की ओर से गाजा पट्टी में लगातार हो रही जवाबी कार्रवाई के तहत हमले को तुरंत रोकने की मांग की गई थी.
हालांकि प्रस्ताव के पक्ष में दो तिहाई बहुमत मिलने की वजह से इसे पारित किया गया है. इसमें गाजा में इजरायली सैन्य बलों और हमास चरमपंथियों के बीच टकराव पर तत्काल विराम लगाने के साथ ही मानवीय आधार पर आम लोगों के लिए निरन्तर, पर्याप्त मात्रा में बिना किसी अवरोध के जीवनरक्षक सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने की मांग की गई है.
जॉर्डन की ओर से लाए गए इस प्रस्ताव को बांग्लादेश, मालदीव, पाकिस्तान, रूस और दक्षिण अफ्रीका सहित 40 से अधिक देशों द्वारा समर्थन दिया था. इसके पक्ष में 120 वोट, विपक्ष में 14 वोट और अनुपस्थितों की संख्या 45 रही जिसमें भारत भी था.
प्रस्ताव की कानूनी बाध्यता नहीं
संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट के मुताबिक 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास द्वारा किए गए हमलों के बाद, संयुक्त राष्ट्र की यह पहली औपचारिक प्रतिक्रिया है. इससे पहले, यूएन सुरक्षा परिषद में चार अवसरों पर किसी कदम पर सहमति नहीं बन पाई थी. यह प्रस्ताव कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है, मगर संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के बहुमत की राय को व्यक्त करता है.
हमास के हमले का नहीं था जिक्र, इसीलिए भारत ने बनाई दूरी
सूत्रों ने बताया है कि "नागरिकों की सुरक्षा और कानूनी तथा मानवीय दायित्वों को कायम रखने" शीर्षक वाले प्रस्ताव में इजरायल पर हमास के हमले का कोई जिक्र नहीं था जिसकी वजह से भारत ने इससे दूरी बनायी. ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, जापान, यूक्रेन और यूके भी भारत के साथ मतदान में हिस्सा नहीं लेने वाले देशों में शामिल रहे.
भारत ने किया कनाडा के प्रस्ताव का समर्थन
अपने एक और महत्वपूर्ण कदम में भारत ने कनाडा से मौजूदा तल्खी के बावजूद उसकी ओर से संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्तावित उस संशोधन का समर्थन किया, जिसमें इजरायल पर हमास के हमले को आतंकवादी हमला बताया गया और इसे कतई स्वीकार नहीं करने की बात कही गई. साथ ही हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की तत्काल रिहाई की मांग की गई है. हालांकि भारत और कई अन्य देशों के समर्थन के बावजूद पर्याप्त वोट नहीं मिल पाने की वजह से यह पारित नहीं हो पाया.
भारत ने बताया क्यों नहीं किया समर्थन
सीजफायर के प्रस्ताव को समर्थन नहीं किये जाने को लेकर महत्वपूर्ण संकेत देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने कहा, 'ऐसी दुनिया में जहां मतभेदों और विवादों को बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए, इस प्रतिष्ठित संस्था को हिंसक वारदातों पर गहराई से चिंतित होना चाहिए. 7 अक्टूबर को इजरायल में आतंकवादी हमले चौंकाने वाले थे और उसकी निंदा की जानी चाहिए."
कनाडा के प्रस्ताव को समर्थन किए जाने के पीछे वजह स्पष्ट करते हुए पटेल ने कहा, "बंधक बनाए गए लोगों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं. हम उनकी तत्काल और बिना शर्त रिहाई का आह्वान करते हैं. आतंकवाद घातक है और इसकी कोई सीमा, राष्ट्रीयता या नस्ल नहीं होती.आइए हम मतभेदों को दूर रखें, एकजुट हों और आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस का रुख अपनाएं.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में कैसे होती है वोटिंग
संयुक्त राष्ट्र में 193 सदस्य देश हैं, और सभी को एक वोट हासिल है. सुरक्षा परिषद के विपरीत, यहां किसी देश के पास वीटो पावर नहीं है. महत्वपूर्ण सवालों पर यूएन महासभा में निर्णय, वहां उपस्थित व मतदान में हिस्सा लेने वाले सदस्य देशों के दो-तिहाई बहुमत पर निर्धारित होता है. संयुक्त राष्ट्र में स्थाई पर्यवेक्षक, ‘होली सी’ (Holy See) और फिलिस्तीन की महासभा के निर्णयों में कोई भूमिका नहीं है.
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