IMF ने कहा- भारत की अर्थव्यवस्था गंभीर सुस्ती के दौर में, तत्काल नीतिगत कदमों की जरूरत
आईएमएफ ने कहा कि भारत इस समय गंभीर सुस्ती के दौर में है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ गई है जो इसका छह साल का निचला स्तर है.

वाशिंगटन: भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय गंभीर सुस्ती के दौर में है और सरकार को इसे उबारने के लिए तत्काल नीतिगत उपाय करने की जरूरत है. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने यह बात कही है. सोमवार को जारी रिपोर्ट में आईएमएफ के निदेशकों ने लिखा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में हाल के वर्षों में जो जोरदार विस्तार हुआ है उससे लाखों लोगों को गरीबी से निकालने में मदद मिली. हालांकि, 2019 की पहली छमाही में विभिन्न कारणों से भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर सुस्त पड़ी है.
अर्थव्यवस्था में सुस्ती का मुद्दा मुख्य है- आईएमएफ
आईएमएफ एशिया और प्रशांत विभाग में भारत के लिए मिशन प्रमुख रानिल सलगादो ने साक्षात्कार में कहा, ‘‘भारत के साथ मुख्य मुद्दा अर्थव्यवस्था में सुस्ती का है. हमारा अब भी मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती संरचनात्मक नहीं, चक्रीय है. इसकी वजह वित्तीय क्षेत्र का संकट है. इसमें सुधार उतना तेज नहीं होगा जितना हमने पहले सोचा था. यह मुख्य मुद्दा है.’’
ठोस वृहद आर्थिक प्रबंधन पर जोर
इस दौरान आईएमएफ ने भारत पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट भी जारी की. भारत के लिए परिदृश्य नीचे की ओर जाने का है. ऐसे में आईएमएफ के निदेशकों ने ठोस वृहद आर्थिक प्रबंधन पर जोर दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि निदेशकों को लगता है कि मजबूत जनादेश वाली नयी सरकार के सामने यह सुधारों को आगे बढ़ाने का एक बेहतर अवसर है. इससे समावेशी और सतत वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा.
जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 4.5 प्रतिशत पर
सलगादो ने कहा कि भारत इस समय गंभीर सुस्ती के दौर में है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ गई है जो इसका छह साल का निचला स्तर है. वृद्धि आंकड़ों से पता चलता है कि तिमाही के दौरान घरेलू मांग सिर्फ एक प्रतिशत बढ़ी है. सलगादो ने कहा कि इसकी वजह गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के ऋण में कमी है. इसके अलावा व्यापक रूप से ऋण को लेकर परिस्थितियां सख्त हुई हैं. साथ ही आमदनी, विशेषरूप से ग्रामीण आय कम रही है. इससे निजी उपभोग प्रभावित हुआ है.
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