IANS मैटराइज सर्वे: ऑपरेशन सिंदूर के बाद PM मोदी की छवि पर क्या असर हुआ? सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े
आईएएनएस मैटराइज ने अपने सर्वे में लोगों से ये सवाल किया कि क्या भारत 'ऑपरेशन सिंदूर' से पाकिस्तान को सबक सिखाने में सफल रहा है? इसका 66 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया.

Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. इस आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया और पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. ऐसे में जब भारत पाकिस्तान के खिलाफ मजबूत स्थिति में था, ठीक उसी वक्त सीजफायर की घोषणा कर दी गई. सरकार के सीजफायर के फैसले पर कई सवाल भी उठे. विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की, जबकि पाकिस्तान की तरफ से सोशल मीडिया में भारत की हार और पाकिस्तान की जीत का प्रोपगेंडा फैलाया गया. इन सबके बीच अब आईएएनएस मैटराइज सर्वे ने भारतीय सेना की पाकिस्तान के खिलाफ की गई कार्रवाई, सीजफायर का ऐलान और पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा पर देश की जनता की सोच को लेकर सर्वे किया, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए.
आईएएनएस मैटराइज ने ये सर्वे 9 मई 2025 से 15 मई 2025 के बीच किया है. इस सर्वे में कुल 7,463 लोगों की राय ली गई है, जिनमें 4,702 पुरुष और 2,761 महिलाएं शामिल हैं. इस सर्वे में सभी राज्यों को शामिल किया गया है और इसमें गलती की संभावना (मार्जिन ऑफ एरर) +/- 3 प्रतिशत है.
PAK को सबक सिखाने में सफल रहा भारत?
आईएएनएस मैटराइज ने अपने सर्वे में लोगों से ये सवाल किया कि क्या भारत 'ऑपरेशन सिंदूर' से पाकिस्तान को सबक सिखाने में सफल रहा है?
इस सवाल पर 66 प्रतिशत लोगों ने 'हां' में इसका जवाब दिया, जबकि 18 प्रतिशत लोग मानते हैं कि 'कुछ हद तक सफल' रहा है. इसके अलावा 9 प्रतिशत लोगों का कहना है कि बिल्कुल सफल नहीं रहा. वहीं, 7 प्रतिशत लोग 'पता नहीं/कह नहीं सकते' के बीच फंसे दिखाई दिए.
आतंक के खिलाफ कार्रवाई में मोदी सरकार सक्षम?
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद क्या आपको लगता है कि वर्तमान मोदी सरकार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने में सक्षम है?
इस सवाल पर 92 प्रतिशत लोगों ने माना है कि हां, पूरी तरह से सरकार सक्षम है, जबकि 1 प्रतिशत के अनुसार, कुछ हद तक सक्षम है. 4 प्रतिशत 'नहीं' में जवाब देते हैं और 3 प्रतिशत लोग स्पष्ट राय नहीं दे सके.
पाकिस्तान के अंदर घुसकर मारना कितनी बड़ी उपलब्धि?
अगले सवाल में लोगों से पूछा गया कि भारत के लिए पाकिस्तान जैसी न्यूक्लियर सशक्त देश के अंदर घुसकर हमला करना सदी की बड़ी उपलब्धि रही है?
72 प्रतिशत लोगों ने 'हां' जवाब देते हुए इसे बड़ी उपलब्धि बताया है. 9 प्रतिशत लोग कुछ हद तक मानते हैं, जबकि 12 प्रतिशत लोग कहते हैं कि ये बड़ी उपलब्धि नहीं है. साथ ही 7 प्रतिशत लोग पता नहीं/कह नहीं सकते में जवाब दिया.
क्या भारत पाकिस्तान के न्यूक्लियर कवच को भेदने में सफल रहा है?
इस सवाल का 78 प्रतिशत लोगों ने 'हां' में जवाब दिया है. उनका मानना है कि भारत पाकिस्तान के न्यूक्लियर कवच को भेदने में पूरी तरह से सफल रहा है. इसके अलावा, 18 प्रतिशत लोग मानते हैं कि कुछ हद तक सफल रहा, जबकि 4 प्रतिशत लोगों को लगता है कि सफल नहीं रहा है.
क्या भारत की छवि मजबूत हुई?
क्या 'ऑपरेशन सिंदूर' की वजह से विश्व में भारत की छवि और मजबूत हुई है?
73 प्रतिशत लोगों ने हां में जवाब दिया और कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' से भारत की छवि मजबूत हुई है. 16 प्रतिशत लोगों को लगता है कि कुछ हद तक मजबूत हुई है, जबकि 19 प्रतिशत लोगों के मुताबिक, छवि पर कोई असर नहीं पड़ा है. वहीं, 2 प्रतिशत लोग पता नहीं/कह नहीं सकते के बीच फंसे नजर आए.
क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पीएम मोदी की छवि दुनिया में और मजबूत हुई है?
69 प्रतिशत ने 'हां' में इसका जवाब दिया है और कहा कि हां पीएम मोदी की छवि मजबूत हुई है. 26 प्रतिशत का कहना है कि नहीं, छवि पहले जैसी ही है, जबकि 5 प्रतिशत 'पता नहीं या कह नहीं सकते' की स्थिति में थे.
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पीएम मोदी की लोकप्रियता पर क्या असर हुआ?
74 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि लोकप्रियता बढ़ी है. 11 प्रतिशत का मानना है कि लोकप्रियता में कोई असर नहीं हुआ, जबकि 10 प्रतिशत मानते हैं कि लोकप्रियता में कमी आई है. इसके अलावा, 5 प्रतिशत लोग पता नहीं या कह नहीं सकते की स्थिति में थे.
क्या विपक्ष के 'ऑपरेशन सिंदूर' पर उठाए गए सवाल सही हैं?
27 प्रतिशत लोगों ने 'हां' में जवाब दिया और विपक्ष के सवालों को सही ठहराया. 9 प्रतिशत कुछ हद तक सही मानते हैं, जबकि 57 प्रतिशत लोगों को लगता है कि सवाल उठाना ठीक नहीं है. साथ ही 7 प्रतिशत पता नहीं या कह नहीं सकते के साथ रहे.

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Source: IOCL