ब्रह्मोस मिसाइल के हवा से सतह पर मार करने वाले संस्करण का वायुसेना ने किया सफल परीक्षण
ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल ध्वनि के वेग से करीब तीन गुना अधिक 2.8 मैक गति से लक्ष्य को भेदेगी. वायुसेना ने कहा, आज इस तरह के हथियार का दूसरी बार प्रक्षेपण किया गया.

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना ने बुधवार को कहा कि उसने एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के वायु से सतह पर मार करने वाले संस्करण का सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण किया. सेना के अधिकारियों ने बताया कि हवा से सतह पर मार करने में सक्षम 2.5 टन वजनी मिसाइल की मारक क्षमता 300 किलोमीटर है और इससे भारतीय वायुसेना की युद्ध क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी. ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल ध्वनि के वेग से करीब तीन गुना अधिक 2.8 मैक गति से लक्ष्य को भेदेगी.
वायुसेना प्रवक्ता ग्रुप कैप्टन अनुपम बनर्जी ने कहा, ''विमान से प्रक्षेपण आसानी से हुआ और मिसाइल ने जमीन पर लक्ष्य को सीधे मारने से पहले वांछित प्रक्षेपण पथ का अनुसरण किया.'' भारतीय वायुसेना दुनिया की पहली ऐसी वायुसेना बन गयी, जिसने 22 नवंबर, 2017 को एक समुद्री लक्ष्य पर वायु से मार करने वाली 2.8 मैक जमीनी प्रहार मिसाइल को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था.
#RulingTheSkies : IAF successfully fired the #BrahMos air version missile from its frontline Su-30 MKI fighter aircraft today. The launch from the aircraft was smooth & the missile followed the desired trajectory before directly hitting the land target. pic.twitter.com/nXLLlPR8qJ
— Indian Air Force (@IAF_MCC) May 22, 2019
वायुसेना ने कहा, ''आज इस तरह के हथियार का दूसरी बार प्रक्षेपण किया गया. विमान से इस आयुध का समन्यवय करना एक जटिल प्रक्रिया थी, क्योंकि इसमें विमान में मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और सॉफ्टवेयर में बदलाव करने शामिल होते हैं.'' इसने कहा कि भारतीय वायुसेना के इंजीनियरों ने विमान के सॉफ्टवेयर का विकास किया जबकि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इसमें मैकेनिकल और इलेक्ट्रॉनिक सुधार किये.
BrahMos provides IAF the capability to strike from large stand-off ranges on any target at sea or on land with pinpoint accuracy by day or night in any weather condition. Brahmos coupled with the superlative performance of Su-30MKI gives IAF the desired strategic reach. pic.twitter.com/fDsbFVABhI
— Indian Air Force (@IAF_MCC) May 22, 2019
वायुसेना ने कहा, ''भारतीय वायुसेना, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड और एचएएल के समर्पित और समन्वित प्रयासों ने ऐसे जटिल कार्यों को हाथ में लेने की देश की क्षमता को साबित कर दिया है.'' इसने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल दिन-रात और हर मौसम में भारतीय वायुसेना को समुद्र और जमीन पर किसी भी लक्ष्य को सटीक निशाना बनाने की क्षमता प्रदान करता है.
ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत-रूस का संयुक्त उपक्रम है. इसने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का निर्माण किया है जो पनडुब्बी, जहाज, विमान या सतह से मार कर सकता है.
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