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राम रहीम की राजदार हनीप्रीत अभी तक फरार, मामा ने की सरेंडर करने की अपील
हनीप्रीत पर जिन संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज है, उसमे हनीप्रीत को राहत मिलने की उम्मीद बेहद कम है. कानून के जानकारों के मुताबिक, इन धाराओं में हनीप्रीत का बच कर निकलना नामुमकिन है.
नई दिल्ली: दिल्ली हाइकोर्ट में हनीप्रीत की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब उस पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. देश की तमाम सुरक्षा एजेंसिया हनीप्रीत के तमाम ठिकानों पर दबिश दे रही है. हरियाणा पुलिस ने तो हनीप्रीत का सुराग निकालने के लिए एड़ी चोटी तक का जोर लगा दिया है. वहीं हनीप्रीत के मामा ने भी अब उनसे सरेंडर करने की अपील की है.
हनीप्रीत को कानून के सामने आना चाहिए- हनीप्रीत के मामा
हनीप्रीत के मामा ने दावा किया है कि हनीप्रीत जब भी अपने रिश्तेदारों से मिलने की बात कहती थी तो उसे यह कह कर मना कर दिया जाता था कि राम रहीम को ये सब अच्छा नहीं लगता. यही वो वजह थी कि हनीप्रीत राम रहीम के चंगुल में फंसती चली गई और अपने परिवार से दूर होते चली गई.
हनीप्रीत के मामा ने यह भी दावा किया है कि आज भी जिस हनीप्रीत की तलाश की जा रही है उसमें भी डेरा सच्चा सौदा की ही कोई साजिश है. हनीप्रीत डेरे के राज जानती है. उसके मामा चाहते हैं कि हनीप्रीत को कानून के सामने आना चाहिए.
दिल्ली पुलिस ने हनीप्रीत के वकील के ऑफिस में जांच की
हनीप्रीत के वकील प्रदीप आर्या के दिल्ली के लाजपत नगर ऑफिस में दिल्ली पुलिस की टीम जांच में जुटी है. हनीप्रीत के वकील ने खुद दावा किया था कि दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल करने के लिए हनीप्रीत बुर्के में उनके ऑफिस आई थी. हनीप्रीत के ऑफिस से निकलने के बाद प्रदीप आर्या भी हनीप्रीत के पीछे भागते नजर आए थे.
कल दिल्ली हाईकोर्ट में हनीप्रीत की जमानत अर्जी खारिज होने के बाद आज दिल्ली पुलिस ने प्रदीप आर्या के घर पहुंचकर सीसीटीवी फुटेज खंगाला था.
हनीप्रीत को राहत मिलने की उम्मीद बेहद कम
दरअसल, हनीप्रीत पर जिन संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज है, उसमे हनीप्रीत को राहत मिलने की उम्मीद बेहद कम है. हनीप्रीत के खिलाफ दर्ज एफआईआर में IPC 121 A, 120 B, 145, 150, 151,152,153 तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
कानून के जानकारों के मुताबिक, इन धाराओं में हनीप्रीत का बच कर निकलना नामुमकिन है. हनीप्रीत को हरियाणा पुलिस की इन्वेस्टीगेशन में शामिल होना ही पड़ेगा. दरअसल, इन धाराओं के तहत हनीप्रीत को 10 साल से लेकर उम्रकैद तक हो सकती है. आईपीसी 121A यानी देशद्रोह की साजिश रचने के आरोप में हनीप्रीत को ताउम्र सलाखों के पीछे रहना तक पड़ सकता है.
राम रहीम के जेल जाने के बाद से ही हनीप्रीत फरार चल रही है. वो लगातार अपने ठिकाने बदल रही है. ऐसे में अगर हनीप्रीत जल्द जांच एजेंसी के सामने सरेंडर नही करती है, तो उसकी मुश्किलें और बढ़ सकती है.
कल दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहा था?
दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश में कहा है कि हनीप्रीत के खिलाफ पंचकुला में 120बी, 121ए,145, 150, 151, 152 और 153 आईपीसी के तहत मामला दर्ज है. देश भर में उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी है. हरियाणा पुलिस ने उसका नाम पंचकुला हिंसा के लिए वॉन्टेड लोगों की लिस्ट में भी डाल रखा है. लुकआउट जारी होने का मतलब है कि आरोपी को गिरफ्तार करने की पुलिस की कोशिशें नाकाम रही हैं.
हनीप्रीत सरेंडर करने के लिए तैयार नहीं
कोर्ट ने जब याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि अगर उन्हें सुरक्षा दी जाए तो क्या हनीप्रीत सरेंडर करने के लिए तैयार हैं तो वकील ने कहा नहीं. वकील ने कोर्ट से कहा उनके वकील ने उनसे सिर्फ उनकी याचिका पर कोर्ट में पक्ष रखने का निर्देश दिया है और वो 3 हफ्ते तक गिरफ्तारी की रोक चाहते हैं ताकि वो पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल कर सकें.
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए और इस बात को ध्यान में रखते हुए आरोपी को राहत नहीं दी जानी चाहिए. ऐसा लगता है कि याचिका सिर्फ वक्त खरीदने के लिए दाखिल की गई है. पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल करने के लिए 3 हफ्ते की राहत की मांग वाजिब नहीं है क्योंकि उनके पास संबंधित कोर्ट में राहत के लिए याचिका दाखिल करने की पूरी आज़ादी थी.
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