एक्सप्लोरर

Explained: क्या है CAA और NRC का फुलफॉर्म, जानिए इस कानून के बारे में और क्यों हो रहा है बवाल

CAA और NRC को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन चल रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं ऐसा क्यों हो रहा है.

नई दिल्ली: CAA को लेकर देश के कई हिस्सों में विवाद छिड़ा हुआ है. लाखों की संख्या में लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं. वहीं सरकार की तरफ से गृहमंत्री अमित साह ने साफ कर दिया है कि इस कानून को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसी भी कीमत पर एक इंच भी पीछे नहीं हटने वाली है.

विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि CAA धार्मिक आधार पर भेदभाव करने वाला कानून है और इसके बाद अगर सरकार NRC पूरे देश में लागू करती है तो उसका परिणाम खतरनाक होगा. अब चूकि इन सब पर इतना विवाद हो रहा है तो आइए जानते हैं आखिर CAA और NRC का फुल फॉर्म क्या है. इस कानून का मतलब क्या है. साथ ही जानते हैं कि इस पर क्यों हो रहा है बवाल....

क्या है CAA और NRC का फुल फॉर्म और क्यों हो रहा है बवाल

CAA का फुल फॉर्म सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट है जिसे हिन्दी में नागरिकता संशोधन क़ानून कहते हैं. यह कानून बीते 10 जनवरी से देशभर में लागू हो गया. गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक गजट अधिसूचना में इसकी जानरकारी भी गई. संसद ने 11 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून पास किया गया था.

किन देशों के शरणार्थियों को CAA से मिलेगा फायदा?

इस कानून के लागू होने के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी यानी हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी. मतलब 31 दिसंबर 2014 के पहले या इस तिथि तक भारत में प्रवेश करने वाले नागरिकता के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे. नागरिकता पिछली तिथि से लागू होगी.

कानून को लेकर विवाद क्या है? इस कानून में छह अल्पसंख्यक समुदायों (हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई और सिख) से ताल्लुक़ रखने वाले लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी, लेकिन इसमें मुसलमानों की बात नहीं कही गई है. विरोधियों का कहना है कि यह भारत के मूलभूत संवैधानिक सिद्धांत के विरुद्ध है और यह विधेयक मुसलमानों के ख़िलाफ़ है. ये भारतीय संविधान के अनुच्छेद-14 जो कि एक मौलिक अधिकार है उसका (समानता का अधिकार) उल्लंघन करता है. सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि इस बिल में मुस्लिम धर्म के साथ भेदभाव किया जा रहा है.

पूर्वोत्तर में क्यों हो रहा है कानून का विरोध?

पूर्वोत्तर राज्यों के मूल निवासियों का मानना है कि इस बिल के आते ही वे अपने ही राज्य में अल्पसंख्यक बन जाएंगे और इस बिल से उनकी पहचान और आजीविका को खतरा है. प्रदर्शनकारियों ने सवाल उठाया, ‘’जब अरूणाचल प्रदेश, मिजोरम और नागालैंड को नागरिक संशोधन बिल से बाहर रखा जा सकता है तो हमारे साथ दोहरा व्यव्हार क्यों किया जा रहा है?’’

NRC पर विवाद क्यों

आपको बता दें कि बीते चंद महीने पहले ही असम NRC का काम पूरा हुआ है. असम में जब एनआरसी के फाइनल लिस्ट का प्रकाशन हुआ तो इस लिस्ट में तकरीबन 19 लाख लोग NRC लिस्ट से बाहर रह गए. अब देशभर में इसे लागू करने की मांग के बाद कई नागरिक डरे हुए हैं और सोच रहे हैं क्या होगा. साथ ही लोगों के मन में यह सवाल भी है कि क्या देश भर में NRC को लेकर वहीं नियम होंगे जो असम में था या इससे अलग होगा. असम का NRC और देश का NRC कैसे होगा अलग आइए जानते हैं.

असम NRC से कैसे होगा देश का NRC अलग

इससे पहले की इस सवाल को लेकर चर्चा करें आपको बता दें कि जब देशभर में NRC लागू होगा तो असम में भी यह प्रक्रिया फिर से होगी. अब आते हैं इस सावल पर कि असम में हाल में ही हुए NRC से देश के अन्य हिस्सों में होने वाले NRC कैसे अलग होगा.

दरसअल असम में रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़नशिन की सूची में असम में रहनेवाले उन सभी लोगों के नाम दर्ज हुए हैं जिनके पास 24 मार्च 1971 तक या उसके पहले अपने परिवार के असम में होने के सबूत थे. लेकिन देश के लिए यह डेडलाइन अलग है. जहां असम में 24 मार्च 1971 की मध्यरात्री है तो वहीं देश में 1 जुलाई 1987 की मध्यरात्री होगी. मोटी बात ये है कि अमस के मुकाबले देश के दूसरे हिस्से के नागरिक के लिए एनआरसी में करीब 16 साल की रियात होगी.

यानी आसान शब्दों में समझे तो असम में उन्हें नागरिक माना गया जिनके नाम या जिनके पूर्वजों के नाम 1951 के एनआरसी में या 24 मार्च 1971 तक के किसी वोटर लिस्ट में मौजूद था. वहीं जब देशभर में NRC लागू होगा तो उन्हें नागरिक माना जाएगा जिनके नाम या जिनके पूर्वजों के नाम 1 जुलाई 1987 की मध्यरात्रि तक भारत के किसी वोटर लिस्ट में दर्ज थे.

इसके अलावा 12 दूसरे तरह के सर्टिफ़िकेट या काग़ज़ात जैसे जन्म प्रमाण पत्र, ज़मीन के काग़ज़, पट्टेदारी के दस्तावेज़, शरणार्थी प्रमाण पत्र, स्कूल-कॉलेज के सर्टिफ़िकेट, पासपोर्ट, अदालत के पेपर्स भी अपनी नागरिकता प्रमाणित करने के लिए पेश किए जा सकते हैं.

ऐसे में लोगों का कहना है कि एनआरसी धर्म के आधार पर नहीं है लेकिन जिन लोगों के नाम NRC में नहीं आएंगे अगर वह हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई और सिख धर्म के हैं तो उन्हें नागरिक संशोधन कानून (CAA) के जरिए जगह दे दी जाएगी जबकि मुस्लिम धर्म के लोगों को नहीं.

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

'भारत में वैवाहिक बलात्कार पर पतियों को सजा क्यों नहीं...', मैरिटल रेप पर कांग्रेस सांसद का बड़ा बयान
'भारत में वैवाहिक बलात्कार पर पतियों को सजा क्यों नहीं...', मैरिटल रेप पर कांग्रेस सांसद का बड़ा बयान
'उ नेता किस चीज का, महुआ आया तो…', मारपीट मामले में तेज प्रताप पर फूटा अविनाश की मां का गुस्सा
'उ नेता किस चीज का, महुआ आया तो…', मारपीट मामले में तेज प्रताप पर फूटा अविनाश की मां का गुस्सा
भूकंप के तगड़े झटकों से डोली धरती, रिक्टर स्केल पर 6.7 तीव्रता, घरों से निकलकर भागे लोग
भूकंप के तगड़े झटकों से डोली धरती, रिक्टर स्केल पर 6.7 तीव्रता, घरों से निकलकर भागे लोग
Akhanda 2 X Review: रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर छाई ‘अखंडा 2 थांडवम’, लोग बोले- 'ब्लॉकबस्टर है ये फिल्म'
रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर छाई ‘अखंडा 2 थांडवम’, लोग बोले- 'ब्लॉकबस्टर है ये फिल्म'

वीडियोज

NPS में बड़ा धमाका! अब Gold–Silver ETF तक निवेश की आज़ादी | Paisa Live
Delhi News: सैनिक फार्म में बुलडोजर कार्रवाई, देखते ही देखते ढह गया मकान | Bulldozer Action
MP News: Bhopal में चलती कार में लगी भीषण आग... हादसे में 5 लोग जलकर राख | Road Accident | abp News
Goa Night Club Fire Update: 2-3 दिन में गोवा पुलिस की हिरासत में होंगे लूथरा बंधू | Breaking News
सीक्रेट लव का शैतान दुश्मन | Sansani

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'भारत में वैवाहिक बलात्कार पर पतियों को सजा क्यों नहीं...', मैरिटल रेप पर कांग्रेस सांसद का बड़ा बयान
'भारत में वैवाहिक बलात्कार पर पतियों को सजा क्यों नहीं...', मैरिटल रेप पर कांग्रेस सांसद का बड़ा बयान
'उ नेता किस चीज का, महुआ आया तो…', मारपीट मामले में तेज प्रताप पर फूटा अविनाश की मां का गुस्सा
'उ नेता किस चीज का, महुआ आया तो…', मारपीट मामले में तेज प्रताप पर फूटा अविनाश की मां का गुस्सा
भूकंप के तगड़े झटकों से डोली धरती, रिक्टर स्केल पर 6.7 तीव्रता, घरों से निकलकर भागे लोग
भूकंप के तगड़े झटकों से डोली धरती, रिक्टर स्केल पर 6.7 तीव्रता, घरों से निकलकर भागे लोग
Akhanda 2 X Review: रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर छाई ‘अखंडा 2 थांडवम’, लोग बोले- 'ब्लॉकबस्टर है ये फिल्म'
रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर छाई ‘अखंडा 2 थांडवम’, लोग बोले- 'ब्लॉकबस्टर है ये फिल्म'
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 9 गेंदों में गिरे 5 विकेट, टीम इंडिया के नाम बना शर्मनाक रिकॉर्ड
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 9 गेंदों में गिरे 5 विकेट, टीम इंडिया के नाम बना शर्मनाक रिकॉर्ड
दुनिया भर में कैसे मनाते हैं क्रिसमस, ट्री सजाने से लेकर सैंटा के इंतजार तक क्या-क्या परंपराएं मशहूर?
दुनिया भर में कैसे मनाते हैं क्रिसमस, ट्री सजाने से लेकर सैंटा के इंतजार तक क्या-क्या परंपराएं मशहूर?
फर्जीवाड़ा कर तो नहीं लिया लाडकी बहिन योजना का लाभ, वापस करना पड़ेगा पैसा; कहीं आपका नाम भी लिस्ट में तो नहीं?
फर्जीवाड़ा कर तो नहीं लिया लाडकी बहिन योजना का लाभ, वापस करना पड़ेगा पैसा; कहीं आपका नाम भी लिस्ट में तो नहीं?
मौत के नीचे शूटिंग... रीलबाजी में ट्रक के नीचे घुस गया शख्स, वीडियो देख भड़क गए यूजर्स
मौत के नीचे शूटिंग... रीलबाजी में ट्रक के नीचे घुस गया शख्स, वीडियो देख भड़क गए यूजर्स
Embed widget