Eknath Shinde Vs Uddhav Thackeray: बागी एकनाथ शिंदे दे सकते हैं मंत्री पद से इस्तीफा, शिवसेना ने उठाया ये कदम
Eknath Shinde Vs Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र में सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस सबके बीच शिवसेना से बगावत पर उतरे एकनाथ शिंदे के देर शाम तक मंत्री पद से इस्तीफा देने के कयास तेज होते जा रहे हैं.
Eknath Shinde Vs Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र की सियायत में बवाल की शुरूआत तो राज्यसभा चुनावों के नतीजों के बाद ही हो गई थी और रही-सही कसर विधान परिषद के चुनावों में बीजेपी की जीत ने पूरी कर दी. इसके बाद से ही शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे 25 विधायकों के साथ गुजरात चले गए और इसके बाद से ही शिवसेना के दिल की धड़कने तेज हो गई और उद्धव ठाकरे के सरकार गिरने की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी. आलम यह हो गया कि चीफ मिनिस्टर ठाकरे को बैठक बुलानी पड़ी. इस सबके बीच शिव सेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut ) संकटमोचक बनने की भूमिका में नजर आए. उन्होंने कहा कि विधायकों के संपर्क में न होने का यह मतलब नहीं कि सरकार गिराने की तैयारी है.
शिवसेना ने एकनाथ शिंदे के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है. अजय चौधरी को शिवसेना द्वारा विधायक दल का नेता बनाया गया है. इस सबके बीच सूत्रों के मुताबिक खबर है कि बगावती तेवर वाले एकनाथ शिंदे देर शाम मंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं. हालांकि महाराष्ट्र सरकार से संकट के बादल अभी छटे नहीं है, क्योंकि ताजा जानकारी के मुताबिक अभी 29 विधायक शिवसेना और पांच निर्दलीय कुल मिलाकर 34 विधायक महाराष्ट्र सरकार के संपर्क में नहीं है.
आम्ही बाळासाहेबांचे कट्टर शिवसैनिक आहोत... बाळासाहेबांनी आम्हाला हिंदुत्वाची शिकवण दिली आहे.. बाळासाहेबांचे विचार आणि धर्मवीर आनंद दिघे साहेबांची शिकवण यांच्याबाबत आम्ही सत्तेसाठी कधीही प्रतारणा केली नाही आणि करणार नाही
— Eknath Shinde - एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 21, 2022
निकाले जाने के बाद शिंदे ने कहा- शिवसेना के कट्टर सैनिक हैं हम
पार्टी से निकाले जाने के बाद एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया कि हम बाला साहेब के कट्टर शिव सैनिक हैं. बालासाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है. बालासाहेब के विचारों और धर्मवीर आनंद दीघे साहब की शिक्षाओं को सत्ता के लिए हमने कभी धोखा नहीं दिया और न कभी धोखा देंगे. इस सबके बीच केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने शिंदे का सपोर्ट किया है. उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि शिंदे जी आपने सही किया और सही वक्त पर फैसला लिया.
शाब्बास एकनाथजी योग्य वेळी योग्य निर्णय घेतलास, नाही तर लवकरच तुझा आनंद दिघे झाला असता.
— Narayan Rane (@MeNarayanRane) June 21, 2022
क्या कहा संजय राउत ने
शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut ) ने उद्वव ठाकरे सरकार पर कोई संकट होने की बात सं इनकार किया था. उन्होंने कहा था कि उद्धव सरकार के लिए कोई भूकंप और तूफान नहीं आ रहा है. राउत ने कहा कि बीजेपी की कोशिशों को वो सफल नहीं होने देंगे और महाराष्ट्र सरकार को वो हिलने नहीं देंगे. उन्होंने जोर देकर कहा था कि सारे विधायक वापस आ जाएंगे. उन्होंने कहा कि शिवसेना में किसी प्रस्ताव की जगह नहीं, सरकार ढाई साल का कार्यकाल पूरा करेगी. किसी को उपचुनाव नहीं चाहिए. पूरी शिवसेना उद्धव ठाकरे और पूरी तरह हिंदुत्व के साथ खड़ी है.
विधायकों के परिजनों ने लगाया अपहरण का आरोप
महाराष्ट्र सरकार के 24 विधायक अभी संपर्क से कटे हैं. ऐसे में 9 विधायकों के परिजनों ने उनके घर के सदस्यों के अपहरण की आशंका जताई है और पुलिस से इस पर कार्रवाई करने की मांग की है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा गर्म है कि गुजरात में ऑपरेशन लोटस चलाया जा रहा है. उधर शिवसेना के संपर्क में न रहने वाले विधायकों को सूरत के एक होटेल में होने की खबर है.
कौन है महाराष्ट्र सरकार की धड़कने बढ़ाने वाले शिंदे
महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार में नेता सदन एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) साल 2014 से साल 2019 के तक बीजेपी-शिवसेना की सरकार में मंत्री पद की शोभा बढ़ा चुके हैं. ठाणे जिले की कोपरी पंचपखाड़ी से विधायक एकनाथ शिंदे साल 2014 में अक्टूबर से दिसंबर तक नेता विपक्ष की भूमिका निभा चुके हैं. ये शिंदे का जलवा ही है कि साल 2019 में जब शिवसेना ने बीजेपी से दूरी बना कर एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाई तो उद्धव ठाकरे के बेटे और राज्य में पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने उन्हें नेता सदन बनाने का प्रस्ताव किया था.
क्यों हैं एकनाथ खफा-खफा
शिवसेना हाईकमान से एकनाथ शिंदे की कोई नाराजगी नहीं हैं. शिवसेना और बीजेपी गठबंधन की सरकार के दौरान भी वह शिवसेना से उखड़ गए थे. इस वजह से उस वक्त ही उनके बीजेपी में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे, हालांकि उस वक्त वह बीजेपी में नहीं गए, लेकिन इन दिनों के हालात बहुत कुछ इशारा कर रहे हैं.
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