10 साल बाद भी लोगों को नहीं मिले घर...रामप्रस्था ग्रुप केस में ED की बड़ी कार्रवाई, 80 करोड़ की संपत्ति अटैच
रामप्रस्था ग्रुप पर ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है. ईडी जुलाई 2025 को इस मामले में कंपनी के डायरेक्टर अरविंद वालिया और संदीप यादव को पहले ही अरेस्ट कर चुकी है.

गुरुग्राम ज़ोनल ऑफिस की ED ने रियल एस्टेट कंपनी रामप्रस्था प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई की है. ED ने 17 दिसंबर 2025 को 80.03 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को PMLA कानून के तहत अस्थायी रूप से अटैच कर लिया है.
ED के मुताबिक, अटैच की गई संपत्तियों में वाटिका ग्रुप, यूनिटेक ग्रुप और अन्य कंपनियों की संपत्तियां शामिल है. आरोप है कि होम बायर्स से लिया गया पैसा प्रोजेक्ट पूरे करने के बजाय इन कंपनियों में डायवर्ट कर दिया गया.
ग्रुप पर लगे धोखाधड़ी के आरोप
ED ने इस मामले की जांच दिल्ली की EOW और हरियाणा पुलिस की ओर से दर्ज कई FIR के आधार पर शुरू की थी. FIR में आरोप लगाया गया था कि रामप्रस्था ग्रुप और उसके प्रमोटर्स ने हजारों फ्लैट और प्लॉट खरीदारों से धोखाधड़ी की. लोगों को तय समय में फ्लैट और प्लॉट देने का वादा किया गया, लेकिन 10 से 14 साल बीत जाने के बाद भी कब्जा नहीं मिला.
3-4 साल में पजेशन देने का वादा किया था
जांच में सामने आया कि 2008 से 2011 के बीच रामप्रस्था ग्रुप ने गुरुग्राम के सेक्टर 37D, 92, 93 और 95 में प्रोजेक्ट एज, प्रोजेक्ट स्काइज, प्रोजेक्ट राइज और रामप्रस्था सिटी जैसे कई प्रोजेक्ट लॉन्च किए थे. इन प्रोजेक्ट्स में 3–4 साल में पजेशन देने का वादा किया गया था.
ED की जांच में खुलासा हुआ कि कंपनी ने 2600 से ज्यादा होम बायर्स से करीब 1100 करोड़ रुपये इकट्ठा किए. लेकिन ये पैसा प्रोजेक्ट पूरा करने में लगाने के बजाय ग्रुप और नॉन-ग्रुप कंपनियों में लोन, एडवांस और जमीन के सौदों के नाम पर ट्रांसफर कर दिया गया.
786 करोड़ की संपत्ति अटैच
इस मामले में ED पहले ही 21 जुलाई 2025 को कंपनी के दो डायरेक्टर अरविंद वालिया और संदीप यादव को गिरफ्तार कर चुकी है. दोनों इस वक्त न्यायिक हिरासत में है. ED ने पहले इस केस में सर्च और सीजर ऑपरेशन कर करीब 786 करोड़ रुपये की बैंक बैलेंस, चल-अचल संपत्तियां फ्रीज और अटैच की थी.
अब 80.03 करोड़ रुपये की नई अटैचमेंट के बाद, इस केस में कुल 866 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच या जब्त की जा चुकी है. ED का कहना है कि मामले की जांच अभी जारी है.
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Source: IOCL






















