Earthquake in Andaman: भूकंप के झटकों से कांपा अंडमान, रिक्टर स्केल पर 4.1 मापी गई तीव्रता, जान-माल के नुकसान की खबर नहीं
Andaman Earthquake: केंद्रशासित प्रदेश अंडमान निकोबार द्वीप समूह ऐसे इलाके में मौजूद है, जहां हमेशा ही भूकंप के झटके महसूस किए जाते रहे हैं.

Earthquake in Andaman Islands: अंडमान निकोबार द्वीप समूह में बुधवार (10 जनवरी) सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.1 मापी गई है. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) ने इसकी जानकारी दी है. एनसीएस ने बताया कि अंडमान द्वीप पर भूकंप के झटके सुबह 7.53 बजे महसूस किए गए. अंडमान में आए भूकंप की वजह से अभी तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एनसीएस ने एक पोस्ट में कहा, '10 जनवरी सुबह 7.53 बजे 4.1 तीव्रता के भूकंप के झटके अंडमान द्वीपों पर महसूस किए गए हैं. भूकंप के केंद्र की गहराई 10 किमी रही है.' अंडमान निकोबार द्वीप समूह में कुल मिलाकर 572 द्वीप हैं, जिसमें से 38 पर स्थायी रूप से लोग रहते हैं. बाकी के द्वीपों पर सरकार का कंट्रोल है, मगर वहां आबादी नहीं है. अंडमान बंगाल की खाड़ी के उस इलाके में मौजूद है, जहां अक्सर ही भूकंप के झटके आते हैं.
नवंबर में भी आए भूकंप के झटके
वहीं, इससे पहले पिछले साल नवंबर में भी अंडमान निकोबार द्वीप समूह में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. 19 नवंबर की शाम अंडमान सागर और अंडमान निकोबार द्वीप समूह भूकंप के झटकों से हिल उठा था. उस वक्त रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.5 मापी गई थी. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया था कि भूकंप के झटके शाम 7.36 बजे महसूस किए गए. भूकंप का केंद्र 120 किमी की गहराई पर था. इससे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ था.
Earthquake of magnitude 4.1 on the Richter Scale strikes the Andaman Islands at 07:53 am: National Center for Seismology pic.twitter.com/JpjTtIglaN
— ANI (@ANI) January 10, 2024
भूकंप के झटके क्यों आते हैं?
भूकंप के झटके पृथ्वी की सतह के नीचे मौजूद प्लेटों में हलचल की वजह से आते हैं. पृथ्वी की सतह को कई टुकड़ों में बांटा जा सकता है, जिन्हें प्लेट कहा जाता है. ये प्लेटें एक-दूसरे के ऊपर तैरती रहती हैं. जब ये प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं, तो उनके बीच की चट्टानों में तनाव और दबाव पैदा होता है. जब यह तनाव और दबाव सहन करने योग्य सीमा से ज्यादा हो जाता है, तो चट्टानें टूट जाती हैं. चट्टानों के टूटने से अचानक ऊर्जा निकलती है, जो भूकंपी तरंगों के रूप में फैल जाती है. ये भूकंपी तरंगें पृथ्वी की सतह को हिला देती हैं, जिससे भूकंप के झटके महसूस होते हैं.
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