Coronavirus: सैंपल लेने के लिए डीआरडीओ ने तैयार किया 'कोवसैक' कियोस्क, बिना पीपीई हो सकेगी जांच
इस कियोस्क में मरीज को खड़ा कर दो इनबिल्ट ग्लब्स से लिया जा सकता है सैंपल.2 मिनट की डिसइंफेक्शन प्रक्रिया के बाद दोबारा प्रयोग के लिए हो जाता है तैयार.

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के टेस्ट और सैंपल लेने के लिए डीआरडीओ की हैदराबाद स्थित लैब ने एक खास कियोस्क तैयार किया है. करीब एक लाख की कीमत वाले इस कियोस्क से डॉक्टर बिना पीपीई सूट पहने भी टेस्ट कर सकता है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की हैदराबाद स्थित डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैब (डीआरडीएल) ने इसे 'कोवसैक' यानि कोरोना वायरस सैंपल कलेक्शन कियोस्क नाम दिया है.
डीआरडीएल ने इस यूनिट को हैदराबाद स्थित कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के डॉक्टरों के परामर्श से तैयार किया है. कोरोना वायरस परीक्षण के लिए डॉक्टर या अन्य हेल्थ वर्कर कियोस्क में अंदर प्रवेश करने वाले व्यक्ति का बाहर से ही दो इनबिल्ट ग्लब्स में नाक या मुँह से सैंपल ले सकता है. कियोस्क मानव भागीदारी की आवश्यकता के बिना स्वतः संक्रमण रहित हो जाता है. जिससे प्रक्रिया संक्रमण के फैलने से मुक्त हो जाती है.
कियोस्क केबिन की परीक्षण स्क्रीन स्वास्थ्य कर्मी को नमूना लेते समय एयरोसोल/ड्रॉपलेट ट्रांसमिशन से बचाती है. साथ ही मरीज के कियोस्क छोड़ने के बाद कियोस्क केबिन में लगे हुए चार नोजल स्प्रेयर 70 सेकंड की अवधि के लिए कीटाणुनाशक छिड़ककर खाली कक्ष को डिसइंफेक्ट कर देते हैं. यह सिस्टम दो मिनट से भी कम समय में अगले उपयोग के लिए तैयार हो जाता है.
कोवसैक में टू-वे कम्युनिकेशन सिस्टम के माध्यम से वॉयस कमांड भी दिया जा सकता है. चिकित्सा कर्मियों की आवश्यकतानुसार कोवसैक को अंदर या बाहर की तरफ से समान रूप से इस्तेमाल करना संभव है. इस कोवसैक की लागत लगभग एक लाख रुपये है और कर्नाटक के बेलगाम स्थित चिन्हित इंडस्ट्री रोजाना इसकी 10 इकाइयां मुहैया कर सकती है. सफल परीक्षण के बाद ऐसे दो कियोस्क को डीआरडीएल ने ईएसआईसी अस्पताल हैदराबाद को सौंप दिया है.
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Source: IOCL
























