डिजिटल बैठक में मिलेंगे पीएम मोदी और शेख हसीना, दिसंबर में होगी मीटिंग
विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमेन ने जानकारी देते हुए बताया कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी दिसंबर में डिजिटल माध्यम से बैठक करेंगे.

ढाका: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी दिसंबर में डिजिटल माध्यम से बैठक करेंगे. विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमेन ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी.
मोमेन ने भारत-बांग्लादेश संयुक्त परामर्श आयोग की छठी बैठक के बाद यह बात कही. कोविड-19 के मद्देनजर डिजिटल माध्यम से आयोजित इस बैठक में मोमेन ने बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व किया और भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दल की अगुवाई की. उन्होंने कहा कि दोनों प्रधानमंत्री दिसंबर में बैठक करेंगे.
भारत, बांग्लादेश ने द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की
बांग्लादेश में भारत के वित्त पोषित विकास परियोजनाओं की निगरानी के लिए जल्द ही एक उच्च स्तरीय प्रणाली का गठन किया जाएगा. दोनों देशों के बीच मंत्री स्तरीय डिजिटल बैठक के बाद यह जानकारी दी गई. बैठक में तीस्ता नदी के जल बंटवारे के अंतरिम समझौते को अंतिम रूप देने की प्रतिबद्धता भी दोहराई गई.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत-बांग्लादेश संयुक्त परामर्श आयोग (जेसीसी) की छठी बैठक में म्यामां के राखाइन प्रांत से जबरन विस्थापित लोगों के सुरक्षित, त्वरित और सतत् वापसी के महत्व पर भी जोर दिया गया, जो बांग्लादेश में शरण लिए हुए हैं.
बैठक की सह-अध्यक्षता विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके बांग्लादेशी समकक्ष ए. के. अब्दुल मोमेन ने किया. दिसंबर में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच डिजिटल शिखर बैठक से पहले इसमें द्विपक्षीय संबंधों की विस्तृत समीक्षा की गई.
रोहिंग्या के मुद्दे पर विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘जब तक समस्या का तेजी से समाधान नहीं किया जाता है तब संभावना है कि एक कट्टर तबका क्षेत्र में आर्थिक वृद्धि, शांति और स्थिरता को बाधित करेगा और संकट के समाधान में भारत से सहयोग मांगा.’’
संयुक्त बयान में कहा गया कि आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है और दोनों पक्षों ने इसे समाप्त करने का संकल्प जताया. वार्ता में दोनों मंत्रियों ने कहा कि भारत और बांग्लादेश दक्षिण एशिया में दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं और दोनों देशों के बीच व्यापार एवं निवेश बढ़ाने के लिए परस्पर लाभ वाले उपायों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए जिसमें व्यापार में किसी भी तरह की बाधा को हटाना शामिल है.
संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने ‘उच्च स्तरीय निगरानी समिति’ का गठन करने का निर्णय किया है ताकि बांग्लादेश में भारत के ऋण सहयोग से बन रही परियोजनाओं की प्रगति की नियमित समीक्षा की जा सके. इसमें कहा गया कि दोनों देशों के बीच की सीमाओं पर प्रभावी सुरक्षा के लिए समन्वित सीमा प्रबंधन योजना (सीबीएमपी) लागू की जाए.
इसमें बताया गया, ‘‘भारतीय पक्ष ने सीमा पर खतरा वाले स्थानों पर 150 यार्ड के अंदर तेजी से बाड़ लगाने का आग्रह किया ताकि सीमा अपराधों को रोकने में सहयोग मिल सके.’’
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