Delhi: कांग्रेस संसदीय रणनीति समूह की बैठक खत्म, बजट सत्र में सरकार को घेरने के प्लान पर हुई चर्चा
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमने आगामी संसद सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की है. हम यूक्रेन से लौटने वाले विद्यार्थियों, किसानों के मुद्दों को उठाने की कोशिश करेंगे.
पांच राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद आज कांग्रेस संसदीय रणनीति समूह की बैठक हुई. इस बैठक में सोनिया गांधी समेत कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, आनंद शर्मा, के सुरेश और जयराम रमेश शामिल हुए. इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने चुनाव में हार की समीक्षा करने के साथ-साथ पार्टी की बेहतरी के उपायों पर चर्चा की. साथ ही कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चुनाव तय समय से पूर्व कराने पर भी मंथन हुआ. ये बैठक अब खत्म हो चुकी है.
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक के बाद मीडिया से कहा, 'हमने आगामी संसद सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की है. हम यूक्रेन से लौटने वाले विद्यार्थियों, किसानों और मेडिकल छात्रों के लिए मुद्रास्फीति, बेरोजगारी, एमएसपी के मुद्दों को उठाने की कोशिश करेंगे.'
We held a discussion on the issues to be raised in the upcoming Parliament session. We will try to raise the issues of inflation, unemployment, MSP for farmers and medical students returning from Ukraine: LoP Rajya Sabha Mallikarjun Kharge, at Delhi pic.twitter.com/BSANsgD9Qi
— ANI (@ANI) March 13, 2022
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के चुनाव में कांग्रेस के यूपी छोड़ 4 राज्यों में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पार्टी कहीं भी सरकार बनाने लायक सीटें नहीं जीत पाई. विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं का समूह जी-23 सक्रिय हो गया था.
शुक्रवार को गुलाम नबी आजाद के घर इन नेताओं की बैठक हुई थी. इसमें पार्टी अध्यक्ष का चुनाव तत्काल कराने और दूसरे संगठनात्मक सुधार के कदम उठाने पर चर्चा हुई. इस खेमेबाजी को देखते हुए ही कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने हार की समीक्षा के लिए कार्यसमिति की बैठक बुलाने का फैसला किया.
अधीर रंजन ने कांग्रेस में नेतृत्व में फेरबदल की आवश्यकता से किया इनकार
वहीं लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इन बिंदुओं का उल्लेख भले ही किया, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में किसी फेरबदल की जरूरत नहीं है क्योंकि राहुल और प्रियंका गांधी ‘तहे दिल से प्रयास’ कर रहे हैं. पार्टी के एक अन्य नेता एवं जानेमाने वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भविष्य के चुनावों में अपेक्षित परिणाम के लिए ‘पुनर्संरचना’की आवश्यकता जताई और इस वर्ष के अंत में निर्धारित संगठनात्मक चुनाव पर जोर दिया. हालांकि, उन्होंने भी शीर्ष नेतृत्व में किसी प्रकार के बदलाव की आवश्यकता से इनकार किया.
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