केरल में छत्तीसगढ़ के मजदूर को भीड़ ने पीट पीट कर उतारा मौत के घाट, मचा सियासी बवाल
Kerala Mob Lynching: केरल में जिस शख्स की भीड़ ने हत्या की वह वापस अपने घर छत्तीसगढ़ जाना चाहता था, लेकिन सस्ते में कुछ लोगों ने उसे रोक लिया और बांग्लादेशी घुसपैठिया समझकर उस पर हमला कर दिया.

केरल के पलक्कड़ में मॉब लिंचिंग का सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां भीड़ ने छत्तीसगढ़ से आये एक मजदूर की पीट-पीट कर जान ले ली. घटना की जानकारी लगते ही राजनीतिक माहौल बेहद गर्म है. छत्तीसगढ़ के सक्ति जिले के रामनारायण बघेल मजदूरी करने केरल पहुंचा था, जहां स्थानीय लोगों ने उसे बांग्लादेशी समझ पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया.
पिछले हफ्ते ही केरल आया था मृतक
छत्तीसगढ़ के शक्ति जिले के करही गांव का 31 वर्षीय रामनारायण बघेल पिछले हफ्ते ही कंस्ट्रक्शन कंपनी में मजदूरी करने केरल पहुंचा था. रामनारायण परिवार का अकेला कमाने वाला था. उसे और उसके परिवार को उम्मीद थी कि घर से मिलों दूर ही सही, लेकिन काम मिलने पर उसके घर के आर्थिक हालात सुधर जाएंगे, लेकिन रामनारायण को क्या पता था कि केरल में मौत उसका इंतजार कर रही है.
जानकारी के मुताबिक काम पसंद ना आने के कारण रामनारायण वापस अपने घर छत्तीसगढ़ जाना चाहता था. लेकिन सस्ते में कुछ लोगों ने उसे रोक लिया और बांग्लादेशी घुसपैठिया समझ कर भीड़ ने उस पर हमला कर दिया. इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें भीड़ में शामिल कुछ लोग रामनारायण को बांग्लादेशी कह कर मार रहे हैं.
प्रशासन के सामने परिजन ने रखी मांगें
घटना की जानकारी लगते ही रामनारायण के परिजन छत्तीसगढ़ से केरल के पलक्कड़ रवाना हो गए. जहां उन्होंने पूरी वारदात की लिंचिंग की धाराओं के तहत कार्यवाई करने की मांग प्रशासन से की. मृतक रामनारायण के परिजनों के मुताबिक केरल के पलक्कड़ पहुंचने पर परिजनों ने अपनी पांच मांगे को स्थानीय प्रशासन के सामने रखी. जिसमें मामले की DSP लेवल के अधिकारी से निष्पक्ष जांच, सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन (तहसिम पूनावाला बनाम भारत सरकार केस) लागू करने की भी मांग इसमें की गई थी.
साथ ही मॉब लिंचिंग और एससी एसटी की धाराएं लगाने की मांग भी की गई थी. इसके अलावा परिवार ने केरल सरकार से 25 लाख रुपए के मुआवजे की भी मांग की है. परिजनों के मांग पूरी होने तक शव को वापस ले जाने से भी इंकार कर दिया था, जिसके बाद लिखित आश्वासन मिलने के बाद केरल सरकार ने मृतक के शव और परिजनों को फ्लाइट से रायपुर भेजने की व्यवस्था की है. मंगलवार को मृतक रामनारायण का शव उनके गांव करही पहुंच गया. इसी दौरान सक्ति जिला कलेक्टर लगातार पलक्कड़ प्रशासन के संपर्क में थे.
केरल में हुई मोब लिंचिंग सियासी पारा गरमाया
छत्तीसगढ़ के मजदूर की केरल में हुई मोब लिंचिंग में मौत के बाद छत्तीसगढ़ का सियासी पारा भी बेहद गर्म हो चुका है. घटना पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री जहां सिर्फ ट्वीट करके अपना कर्तव्य पूरा समझ रहे हैं तो वहीं उनके मंत्री उनसे भी दो कदम आगे हैं. छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री को इतनी बड़ी घटना की जानकारी ही नहीं है. दूसरी तरफ कांग्रेस भी इस मामले पर बीजेपी और सरकार को गिरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है.
कांग्रेस ने इस पूरी घटना के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला के मुताबिक जो क्षेत्रवाद और जातिवाद का जहर बीजेपी ने बोया है यह उसी का परिणाम है दूसरी तरफ कांग्रेस ने सरकार के स्वास्थ्य मंत्री के बयान पर भी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है.
लिंचिंग में मारे गए रामनारायण के परिवार में सन्नाटा है उनके घर का दीपक उनकी सारी उम्मीदें इस भीड़ में उनसे छीन ली है दूसरी तरफ राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का दौर भी पूरे स्वभाव पर है लेकिन इन सब के बीच एक बड़ा सवाल यह है कि जब देश का संविधान एक है देश का कानून कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक एक जैसा लागू होता है तो फिर क्षेत्रवाद के चलते इस तरह किसी की जान लेना आखिर कितना सही है.
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Source: IOCL
























