CBSE पेपर लीक का मास्टरमाइंड कौन, पुलिस के रडार पर दो महिलाएं
27 मार्च को अर्थशास्त्र का पेपर लीक होने के बावजूद सीबीएसई ने परीक्षा कराया बाद में 27 मार्च की शाम को क्राइम ब्रांच ने इस मामले में एफआईआऱ दर्ज कर ली. अगले दिन यानी 28 मार्च को दसवीं के मैथ के पेपर भी लीक हो गए जिसके बाद से क्राइम ब्रांच ने शिकायत मिलने के बाद से दूसरी एफआईआर दर्ज की.
नई दिल्ली: सीबीएसई पेपर लीक का मामला पूरे देश में चर्चा में हैं. 23 मार्च को सीबीएसई को एक फैक्स मिला जिसमें यह कहा गया था कि कोचिंग सेंटर पेपर लीक कराने के मामले में लिप्त है. विक्की नाम के एक शख्स का भी जिक्र किया गया था. यह फैक्स गुमनाम सोर्स की तरफ से आया था. इसके बाद से 24 मार्च को सीबीएसई में इसके बारे में रीजनल ऑफिस को बताया.
रीजनल ऑफिस ने क्राइम ब्रांच के एक इंस्पेक्टर से व्हाट्सएप के माध्यम से इसकी शिकायत की. इसके बाद 25 मार्च तक कुछ नहीं हुआ. 26 मार्च को रौसे एवेन्यू स्थित सीबीएसई के एकेडमिक सेक्शन में एक पैकेट पहुंचा जिसमें इकनॉमिक्स के पेपर थे और चार मोबाइल नंबर उसमें लिखे हुए थे.
आशंका जताई गई थी कि इन मोबाइल पर क्वेश्चन पेपर को भेजा गया था. इसके बाद क्राइम ब्रांच ने विक्की को पूछताछ के लिए बुलाया. विक्की का नाम ओरिजिनल शिकायत में मेंशन किया गया था लेकिन किसी ठोस सबूत के अभाव में उसे जाने दिया गया.
27 मार्च को अर्थशास्त्र का पेपर लीक होने के बावजूद सीबीएसई ने परीक्षा कराया बाद में 27 मार्च की शाम को क्राइम ब्रांच ने इस मामले में एफआईआऱ दर्ज कर ली. अगले दिन यानी 28 मार्च को दसवीं के मैथ के पेपर भी लीक हो गए जिसके बाद से क्राइम ब्रांच ने शिकायत मिलने के बाद से दूसरी एफआईआर दर्ज की. 29 मार्च को विक्की को दोबारा से पूछताछ के लिए बुलाया गया लेकिन ने बताया कि उसने भी सोशल मीडिया के माध्यम से क्वेश्चन पेपर रिसीव किए थे और साथ में उसने अपने प्रतिद्वंदी कोचिंग सेंटर सवालों पर आरोप लगाया कि वह उसे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.
क्राइम ब्रांच ने पेपर लीक ने मामले में अब तक 25 लोगों से पूछताछ की है. इसमें 11 छात्र हैं जिन्हें सबसे पहले पेपर मिला था. इसके अलावा पांच फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स हैं जो पहले उसी स्कूल के छात्र थे. दसवीं के पेपर लीक मामले में क्राइम ब्रांच ने 24 छात्रों की पहचान की है यह वे छात्र हैं जिन्हें यह पेपर सबसे पहले मिला था.
जिन छात्रों से पूछताछ की गई है उन्होंने पुलिस को बताया है कि यह पेपर्स बड़ी आसानी से एंक्रिप्टेड सोशल मीडिया यानी व्हाट्सएप पर सर्कुलेट किए जा रहे थे. पुलिस के मुताबिक यह इतने बड़े पैमाने पर सर्कुलेट किया गया था कि इसके सोर्स को पता लगाने में काफी दिक्कत आ रही है.
क्राइम ब्रांच के मुताबिक अभी तक इस पूरे मामले में मनी ट्रेल का कोई पता नहीं चल पाया है. फिलहाल पुलिस के रडार पर दो महिलाएं भी हैं. यह दोनों महिलाएं कोचिंग सेंटर चलाती हैं और इनमें से एक महिला ने एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बना रखा था. इसके अलावा पुलिस इनसाइडर को तलाश रही है क्योंकि पुलिस मानकर चल रही है कि सीबीएसई के किसी कर्मचारी या ऑफिसर ने ही पेपर लीक किया है. इसके साथ ही पुलिस ने सीबीएसई से कुछ अहम जानकारियां भी मांगी हैं.
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