पीएम और आरएसएस नेताओं के अभद्र कार्टून बनाने वाले ने सार्वजनिक माफी मांगी, सुप्रीम कोर्ट ने दी अग्रिम जमानत
19 अगस्त को कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय ने फेसबुक समेत अपने तमाम सोशल मीडिया अकाउंट में माफी मांगने और भविष्य में ऐसे कार्टून न बनाने का प्रस्ताव दिया था.

पीएम मोदी और आरएसएस नेताओं के अभद्र कार्टून बनाने और भगवान शिव के बारे में अनुचित टिप्पणी करने के आरोपी हेमंत मालवीय ने माफी मांगी है. मालवीय की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी गई कि उन्होंने सोशल मीडिया पर माफीनामा प्रकाशित किया है. इस जानकारी के बाद कोर्ट ने कार्टूनिस्ट की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक को अग्रिम जमानत में बदल दिया. जजों ने साफ किया कि अगर मालवीय जांच में सहयोग नहीं करते तो मध्य प्रदेश पुलिस अग्रिम जमानत रद्द करने का आवेदन दे सकती है.
इससे पहले 19 अगस्त को मालवीय ने फेसबुक समेत अपने तमाम सोशल मीडिया अकाउंट में माफी मांगने और भविष्य में ऐसे कार्टून न बनाने का प्रस्ताव दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इसकी अनुमति देते हुए कार्टूनिस्ट की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक को बरकरार रखा था. कोर्ट ने उनसे जांच में सहयोग के लिए भी कहा था.
ध्यान रहे कि हेमंत मालवीय के खिलाफ इंदौर के RSS कार्यकर्ता और वकील विनय जोशी ने लसूड़िया पुलिस थाने में इस साल मई में एफआईआर दर्ज करवाई थी. एफआईआर में कहा गया था कि हेमंत ने आपत्तिजनक सामग्री डालकर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की है. 8 जुलाई को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया था.
हाई कोर्ट से राहत पाने में असफल रहने के बाद कार्टूनिस्ट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने कहा कि विवादित कार्टून 2021 का है. उसे किसी और व्यक्ति ने अभद्र टिप्पणी के साथ दोबारा पोस्ट कर दिया था. उन्होंने उस व्यक्ति के पोस्ट को शेयर कर दिया. इसके लिए वह माफी मांगने को तैयार हैं. बात को बेवजह बढ़ाया जा रहा है.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट भी इस दलील से सहमत नहीं हुआ था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, 'आज कल लोग किसी को कुछ भी बोल देते हैं. याचिकाकर्ता के कुछ सोशल मीडिया पोस्ट निहायत आपत्तिजनक हैं. उनमें स्पष्ट रूप से आपराधिक मामला बन सकता है.' कोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए मालवीय ने सार्वजनिक माफीनामा देने की बात कही थी.
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