आगूस्ता वेस्टलैंड घोटाला: तीन और बड़े नाम सीबीआई के रडार पर!

नई दिल्ली: इटली से आगूस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर की खरीद में हुई घूसखोरी को लेकर देश में हंगामा मचा है. इस हेलिकॉप्टर खरीद घोटाले में पूर्व वायु सेना प्रमुख एसपी त्यागी के बाद तीन और बड़े नाम सीबीआई के रडार पर आ गए हैं. ये तीन बड़े नाम पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन, पूर्व एसपीजी डायरेक्टर भरत वीर वांचू और सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर अनिल सिन्हा के हैं.
क्यों हो सकती है इनसे पूछताछ?
पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन 1955 बैच के आईपीएस एमके नारायणन दो बार आईबी प्रमुख रह चुके हैं. नेहरू-गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले नारायणन मनमोहन सिंह सरकार में साल 2005 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाए गए थे. नारायणन 2010 तक एनएसए रहे और उसके बाद यूपीए सरकार ने 2011 में उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया था.
नारायणन से क्यों होगी पूछताछ? सीबीआई सूत्रों का कहना है कि आखिर किसके इशारे पर आगुस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले में खरीद नियमों को बदलवाने में नारायण ने अहम भूमिका निभाई, इसकी जांच जरूरी है.
सीबीआई की अभी तक की जांच में सामने आया है कि नारायणन ही वो शख्स थे जिन्होंने हेलिकॉप्टर की तकनीकी खासियतों में बदलाव के निर्देश दिये. जिसके बाद वायुसेना ने नियमों में बदलाव करके 6000 मीटर तक की उंचाई भर सकने वाले हेलिकॉप्टरों की जगह महज 4500 मीटर की उंचाई तक जाने वाले हेलिकॉप्टरों को खरीद के लिए उपयुक्त करार दे दिया.
नारायणन से क्या जानना चाहती है सीबीआई?
सीबीआई नारायणन से ये जानना चाहती है कि आखिर क्यों उन्होंने हेलिकॉप्टर खरीद संबंधी नियमों में बदलाव करवाया. सीबीआई नारायणन से ये भी पूछेगी कि आखिर खरीद नियमों में जो बदलाव किया गया, क्या उसके पीछे भी कोई राजनीतिक दबाव था.
पूर्व एसपीजी डायरेक्टर भरत वीर वांचू गांधी परिवार के करीबी 1976 बैच के रिटायर्ड आईपीएस भरत वीर वांचू को मनमोहन सिंह सरकार के दौरान 2004 में एसपीजी प्रमुख बनाया गया था. आगूस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर खरीद घोटाला मामले में सोनिया गांधी के करीबी वांचू से सीबीआई पहले भी पूछताछ कर चुकी है.
पूर्व एसपीजी डायरेक्टर भरत वीर वांचू वांचू सात मार्च 2005 को हुई उस बैठक का हिस्सा थे, जिसमें वीआईपी के लिए खरीदे जा रहे हेलिकॉप्टर की उड़ान उंचाई क्षमता 6000 मीटर से घटाकर 4500 मीटर तक करने संबंधी संशोधन पर चर्चा हुई थी.
वांचू से सीबीआई न सिर्फ हेलिकॉप्टर खरीद सौदे में किये गये बदलाव के बारे मे पूछेगी, बल्कि ये भी पूछेगी कि आखिर आठ से बारह हेलिकॉप्टर खरीदे जाने का फैसला क्यों किया गया.
पहले सिर्फ आठ हेलिकॉप्टर खरीदने का ही प्रस्ताव था, लेकिन बतौर एसपीजी डायरेक्टर वांचू के अनुरोध पर चार और हेलिकॉप्टर खरीदने का फैसला किया गया, जिससे हेलिकॉप्टर खरीद सौदे की लागत काफी बढ़ गई.
सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर अनिल सिन्हा
सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर अनिल सिन्हा सीबीआई के रडार पर हैं अपने ही पूर्व डायरेक्टर अनिस सिन्हा. सीबीआई के डायरेक्टर पद से रिटायर हुए अनिल सिन्हा से भी सीबीआई आगुस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले में पूछताछ करने जा रही है.
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, सिन्हा जब बतौर आईजी एसपीजी में थे, तब 8 नवंबर 2004 को उन्होंने उस बैठक में एसपीजी का प्रतिनिधित्व किया था, जिसमें खरीदे जाने वाले हेलिकॉप्टर की उड़ान उंचाई क्षमता को 6000 मीटर से घटाकर 4500 मीटर करने पर आरंभिक चर्चा हुई थी.
सिन्हा पर इस बात के भी आरोप लगते रहे हैं कि बतौर डायरेक्टर उन्होंने हेलिकॉप्टर घोटाले की जांच को बढ़ने नहीं दिया.
पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी की गिरफ्तारी के बाद अब पूर्व एनएसए एमके नारायणन, पूर्व एसपीजी प्रमुख भरत वीर वांचू और पूर्व सीबीआई प्रमुख अनिल सिन्हा इन तीनों के लिए आगे की राह और कठिन होने वाली है.
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Source: IOCL























