Despatch Review: मनोज बाजपेयी की शानदार एक्टिंग के लिए देख सकते हैं ये फिल्म, शहाना गोस्वामी और अर्चिता अग्रवाल भी छा गए
Despatch Review: मनोज बाजपेयी की फिल्म 'डिस्पैच' 13 नवंबर को जी5 पर रिलीज होगी. फिल्म का ट्रेलर पहले ही आ चुका है. आपको ये फिल्म देखनी चाहिए या नहीं, ये आप यहां रिव्यू पढ़कर तय कर सकते हैं.
कनु बहल
मनोज बाजपेयी, शहाना गोस्वामी और अर्चिता अग्रवाल
जी5
Despatch Review: मनोज बाजपेयी की रेंज का एक्टर आज के दौर में मिलना काफी मुश्किल है. जो किरदार को ऐसे निभाए कि आप भूल जाएं कि ये मनोज बाजपेयी हैं, यहां भी उन्होंने ऐसा ही किया है. एक क्राइम रिपोर्टर के किरदार को कमाल तरीके से निभाया है और उनका बखूबी साथ दिया है शहाना गोस्वामी और अर्चिता अग्रवाल ने, इन सितारों की कमाल की एक्टिंग ही इस फिल्म को देखने की वजह है. इसे आप जी5 पर देख सकते हैं.
कहानी
Despatch नाम के अखबार में मनोज बाजपेयी यानी जॉय बाग क्राइम रिपोर्टर हैं. पत्नी शहाना गोस्वामी यानि श्वेता बाग से खटपट चल रही है, तलाक की नौबत आ चुकी है. अपने ही ऑफिस में अर्चिता अग्रवाल यानि प्रेरणा प्रकाश से अफेयर चल रहा है. एक अंडरवर्ल्ड की खबर पर काम कर रहे हैं लेकिन साथ ही 2जी घोटाले की खबर पता चल जाती है. फिर क्या होता है, एक खबर कैसे मनोज की जिंदगी में तूफान ले आती है. यही इस फिल्म में दिखाया गया है.
कैसी है फिल्म?
ये फिल्म सिर्फ और सिर्फ कमाल की एक्टिंग की वजह से देखी जा सकती है. कहानी को बिल्कुल भी ठीक से बुना नहीं गया है, कहीं भी कुछ भी हो जाता है. स्क्रीनप्ले काफी कमजोर है, हां मीडिया जैसे काम करता है वैसा ही दिखाने की कोशिश की गई है. लेकिन कई जगह क्राइम रिपोर्टर को जग्गा जासूस बना दिया गया है. इस फिल्म को अगर और बेहतर तरीके से लिखा जाता तो ये कमाल की फिल्म बनती. मनोज जैसे दिग्गज की कमाल की एक्टिंग को बर्बाद किया गया है. कहानी का सिरा समझ नहीं आता, फिल्म में और मसाले डाले जाने की जरूरत थी. कई जगह फिल्म जरूरत से ज्यादा स्लो लगती है.
एक्टिंग
मनोज बाजपेयी की एक्टिंग कमाल की है. मनोज बाजपेयी ने इस फिल्म में कई काफी बोल्ड सीन दिए हैं जो अब से पहले उन्होंने नहीं दिए. वो स्क्रीन पर आपको एक अलग ही चीज एक्सपीरियंस करा जाते हैं. वो क्राइम रिपोर्टर ही लगते हैं. एक सीन जहां वो बाइक से जा रहे हैं और कुछ गुंडे पीछे लग जाते हैं वहां बाइक चलाते हुए उनके चेहरे पर जो डर दिखता है वो कमाल है. शहाना गोस्वामी ने मनोज की पत्नी के किरदार में कमाल का काम किया है, एक ऐसी महिला जिसको उसका पति पसंद नहीं करता. एक सीन में इंटिमेट होते हुए जब मनोज उन्हें दुत्कार देते हैं तो शहाना के चेहरे के भाव कमाल के होते हैं.
अर्चिता अग्रवाल नई हैं लेकिन मनोज और शहाना के सामने वो कहीं फीकी नहीं पड़ी. एक सीन में वो सोसाइटी के एक अधिकारी को डांटती हैं जो उन्हें किराए पर फ्लैट लेने के बदले बेकार के नियम कायदे समझाता है. ये सीन आज की एक स्ट्रॉन्ग लड़की को दिखाता है जो किसी की बेकार की बात नहीं सुनती. अर्चिता का काम काफी अच्छा है और आगे उनमें काफी संभावना दिखती है.
डायरेक्शन
फिल्म को कनु बहल ने डायरेक्ट किया है और उन्होंने ही इशानी बनर्जी के साथ मिलकर फिल्म को लिखा है. यही फिल्म का कमजोर प्वाइंट है, राइटिंग में धार की कमी है, मसालों की कमी है. फिल्म को कमर्शियल बनाने के लिए और चीजें डालनी चाहिए थी या कम से कम कहानी को ठीक से समझाना चाहिए था. एंडिंग काफी खराब है. कुल मिलाकर मनोज बाजपेयी की कमाल की एक्टिंग के लिए ये फिल्म देख सकते हैं.
रेटिंग -2.5 स्टार्स

























