Janaawar Review: भुवन अरोड़ा की कमाल एक्टिंग वाली बढ़िया क्राइम थ्रिलर, सोसायटी को देती है एक जरूरी मैसेज
Janaawar Review: क्राइम थ्रिलर सीरीज के फैन हैं तो आपके लिए एक सीरीज जनावर आई है. अगर इसे देखने का प्लान बना रहे हैं तो पहले रिव्यू पढ़ लें.
श्रेयस लोवलेकर
भुवन अरोड़ा, बद्रुल इस्लाम, विनोद सूर्यवंशी, भगवान तिवारी
जी5
जनावर यानी जानवर, वैसे तो ये इंसान नहीं होते लेकिन आजकल तो एनिमल जैसी फिल्मों का जमाना है. पर्दे पर इंसान जानवर बन रहा है और जी5 की इस वेब सीरीज में भी यही हुआ है. इसे आप ओटीटी का एनिमल कह सकते हैं लेकिन ये सिर्फ कुल्हाड़ी से मर्डर नहीं करता. वो वजह भी कायदे से बताता है कि वो जानवर क्यों बना, 7 एपिसोड की ये सीरीज आप एक बार में निपटा लेंगे, एक तो ये दिलचस्प है और दूसरा ज्यादा लंबी नहीं है.
कहानी
छत्तीसगढ़ में जंगल से सटे एक इलाके में एक लाश मिलती है जो बड़ी खराब हालत में है. थोड़ी देर बाद उस लाश का सिर गायब हो जाता है, फिर एक एमएलए के भाई की लाश मिलती है, फिर कुछ और मर्डर्स का पता चलता है. एसआई हेमंत कुमार यानी भुवन अरोड़ा जांच करते हैं, उनकी पत्नी प्रेग्नेंट है, इस वक्त परिवार को उनकी जरूरत है लेकिन ड्यूटी भी निभानी है. किस तरह से वो अपने तरीके से उस जनावर तक पहुंचते हैं जो ये सब कर रहा है, यही इस सीरीज में दिखाया गया है.
कैसी है सीरीज
ये एक अच्छी सीरीज है, शुरू से ही ये ट्रैक पर आ जाती है और आपको बांध लेती है. ये आपको एक अलग ही दुनिया में ले जाती है, बीच में तीसरे एपिसोड से थोड़ी सी ढीली पड़ती है. वहां राइटिंग थोड़ा और बेहतर हो सकती थी लेकिन फिर पांचवें छठे एपिसोड से मजा आता है. अच्छी बात ये है कि आप अंदाजा नहीं लगा पाते कि आगे क्या होता और ज्यादातर एपिसोड 20 मिनट के हैं तो सब जल्दी जल्दी होता है. ये सीरीज जो सबसे जरूरी काम करती है वो है इसका मैसेज. अब वो क्या है ये आप देखिएगा क्योंकि वो बताना स्पॉइलर भी हो सकता है.
एक्टिंग
भुवन अरोड़ा ने कमाल का काम किया है. ड्यूटी और परिवार के बीच फंसे पुलिसवाले के किरदार को उन्होंने बड़े मेच्योर तरीके से निभाया है. ये किरदार उनकी एक्टिंग रेंज को भी दिखाता है कि वो हर तरह का कैरेक्टर परफेक्शन से निभा सकते है. बद्रुल इस्लाम ने शानदार काम किया है. उनका किरदार गजब तरीके से स्विच मारता है. विनोद सूर्यवंशी ने सिपाही के किरदार में बढ़िया काम किया है. भगवान तिवारी का काम अच्छा है. अतुल काले ने इंप्रेस किया है. इशिका डे काफी अच्छी लगी हैं.
राइटिंग और डायरेक्शन
श्रेयस लोवलेकर, सोनाली गुप्ता ने कहानी लिखी है और शचिंद्र वत्स ने डायरेक्ट किया है. इनका काम अच्छा है, तीसरे चौथे एपिसोड की राइटिंग बेहतर हो सकती थी लेकिन वो कमी ये आगे पूरी कर देते हैं.
कुल मिलाकर ये सीरीज देखी जा सकती है.
रेटिंग - 3.5 stars

























