Sawan 2025 Jalabhishek: सावन में शिवलिंग पर जल कैसे चढ़ाएं ? खड़े होकर या बैठकर
Sawan 2025 Shivling Jalabhishek: सावन 11 जुलाई से शुरू हो रहा है ऐसे में भोलेनाथ पर जलाभिषेक की सही विधि, नियम क्या है जान लें. शिव जी पर जल कैसे चढ़ाना चाहिए.

Sawan 2025 Shivling: शिव पूजा के लिए भारत के कोने-कोन में ‘एक लोटा जल सारी समस्या का हल’ इस नारे का पूरी शिद्दत से पालन किया जा रहा है.शिव पुराण में भी कहा गया है कि शिवलिंग पर मात्र जल चढ़ाने से भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं और सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है.
खासकर सावन में शिव जी का जलाभिषेक करना विशेष महत्व रखता है लेकिन अधिकतर लोग शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय जाने-अनजाने में गलतियां कर बैठते हैं इससे पूजा व्यर्थ चली जाती है और पुण्य नहीं प्राप्त होता है. ऐसे में आइए जानते हैं सावन में शिवलिंग पर जल कैसे चढ़ाया जाता है, क्या है इसकी सही विधि, नियम.
- सावन 2025 - 11 जुलाई 2025 से 9 अगस्त 2025
शिव जी पर जल कैसे चढ़ाएं जल ?
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय हमेशा बैठकर जल चढ़ाएं. भोलेनाथ को कभी भी बहुत तेज या बड़ी धारा में जल नहीं चढ़ाना चाहिए. शांत मन से बैठकर धीरे-धीरे जल अर्पित करना चाहिए. भूलकर भी शिवलिंग पर खड़े होकर जल न चढ़ाएं इससे पूजा का फल नहीं मिलता है.
सही दिशा
शास्त्रों के अनुसार, व्यक्ति को शिवलिंग पर इस तरह से जल चढ़ाना चाहिए, कि उसका मुख उत्तर दिशा की ओर हो. इस बात का खासतौर से ध्यान रखें कि जल चढ़ाते समय आपका मुख पश्चिम या फिर दक्षिण दिशा की ओर नहीं होना चाहिए.
किस पात्र से शिवलिंग पर जल चढ़ाएं ?
शिवाभिषेक के लिए तांबे का पात्र सबसे अच्छा माना जाता है. कांसे या चांदी के पात्र से अभिषेक करना भी शुभ माना जाता है.लेकिन गलती से भी शिवजी का किसी स्टील के बर्तन से अभिषेक नहीं करना चाहिए.ठीक वैसे ही तांबे के बर्तन से दूध का अभिषेक करना भी अशुभ माना जाता है.
शिवलिंग पर जल कहां-कहां चढ़ाएं ?
- शिवलिंग की पूजा करना हो तो सबसे पहले तांबे के लोटे में जल लेकर जलहरी के दाईं ओर चढ़ाएं, जिसे भगवान गणेश जी का स्थान माना गया है.
- फिर बाईं ओर जल चढ़ाएं ये भगवान कार्तिकेय का स्थान माना गया है.
- इसके बाद जलहरी के बीचों बीच जल चढ़ाया जाता है, ये शिव की पुत्री अशोक सुंदरी का स्थान माना जाता है.
- इसके बाद जलहरी के गोलाकार हिस्से में जल चढ़ाएं जिसे माता पार्वती का स्थान माना जाता है.
- शिवलिंग में सबसे सबसे आखिरी में धीमे-धीमे जल चढ़ाएं.
शिवलिंग पर जल चढ़ाने का मंत्र
- ऊं नम: शिवाय
- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ।।
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