दिल्ली में हो सकती है बारिश! क्यों कहा जा रहा है इस बारिश में भीगना हो सकता है खतरनाक
दिल्ली-एनसीआर में बारिश की संभावना जताई गई है, प्रदूषण से मिलेगी राहत लेकिन इस बारिश में भीगना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक, जाने कैसे?

Delhi Rain : दिल्ली-एनसीआर में मौसम विभाग द्वारा अगले कुछ दिनों तक बारिश होने की संभावना जताई गई है. बीते कुछ दिनों से दिल्ली में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है और आद्रता का स्तर भी काफी बढ़ा है जिससे मॉनसून के और तेज होने के आसार हैं. मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि आज दिल्ली-एनसीआर में बारिश हो सकती है. इस बारिश से प्रदूषण से राहत तो मिलेगी लेकिन स्वस्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. ऐसे में बारिश के दौरान बाहन जाने से बचें और सर्तक रहें. क्योंकि इस बारिश में भींगने से कई बीमारियां हो सकती है. आइए जानते है ऐसा क्यों?
दरअसल, प्रदूषित हवा में कई तरह के हानिकारक तत्व मौजूद होते हैं - जैसे सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, भारी धातुएं आदि. बारिश के साथ ये सभी वायु से धुलकर आते हैं और बारिश के पानी में मिल जाते हैं. ऐसे में उस प्रदूषित बरसात में भीगना या उसका पानी पीना स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकता है.
त्वचा के लिए नुकसानदायक
जब किसी क्षेत्र में लंबे समय तक गंभीर प्रदूषण की स्थिति रहती है, तो उसके बाद आने वाली बारिश भी प्रदूषित होती है. ऐसे में उस बारिश में भीगना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. प्रदूषण वाली बारिश की बूंदें कई तरह के हानिकारक कण और रसायनों से भरी होती हैं . इन बूंदों के सीधे हमारी त्वचा पर पड़ते ही ये कण और रसायन हमारे पोर्स में सोख लिए जाते हैं. इनसे त्वचा एलर्जी, खुजली और संक्रमण जैसी समस्याएं होने लगती हैं. साथ ही कई बार त्वचा पर संक्रमण भी हो जाते हैं. गंभीर संक्रमण त्वचा के कैंसर का भी कारण बन सकते हैं. इसलिए सावधान रहें.
फेफड़ों के लिए घातक
प्रदूषित बारिश के पानी अगर शरीर के अंदर चला जाए तो यह फेफड़ों और आंतों में गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है. अगर ऐसे प्रदूषित बारिश का पानी किसी तरह हमारे शरीर में प्रवेश कर गया, तो यह हमारे फेफड़ों, आंतों, जिगर और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है. प्रदूषित बरसात का पानी फेफड़ों में संक्रमण, खांसी, सांस की बीमारियां पैदा कर सकता है. वहीं आंतों में जहरीले तत्व पाचन तंत्र की समस्याएं पैदा करेंगे. इसलिए सावधानी बरतना जरूरी है.
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Source: IOCL























