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Parenting Tips: टीनएजर बच्चे का झूठ पकड़ने के बाद पेरेंट्स को सबसे पहले करना चाहिए ये काम
बच्चा कोई ऐसी बात कह दे, जो आप जानते हैं कि झूठ है तो आप कैसे रिएक्ट करेंगे. क्योंकि, आपका रिएक्शन ही ये तय करेगा कि बच्चे की झूठ बोलने की आदत आगे भी जारी रहेगी या आप एक फ्रेंडली बॉन्ड बन सकेगी
How to React When Your Teenage Kid is Lying: टीनएज- हर बच्चे की लाइफ का ये वो वक्त है जब उन्हें सही गलत सिखाना बहुत जरूरी हो जाता है. और, यही वो वक्त है जब बच्चे सही और गलत सुनना नहीं चाहते हैं. वो जो करना चाहते हैं उसी को सही मानना और सुनना चाहते हैं. खासतौर से पेरेंट्स की सीख तो अधिकांश बच्चों को लेक्चर ही लगने लगती है. जिससे बचने के लिए वो झूठ बोलने से भी नहीं कतराते. ऐसे में अगर आप ये जान जाएं कि आपका टीनएज किड झूठ बोल रहा है तब आप कैसे रिएक्ट करेंगे. क्योंकि आपका रिएक्शन ही तय करेगा कि बच्चा फिर वही गलती दोहराएगा या नहीं. लिहाजा बच्चे को बदलने से पहले आप खुद जान लीजिए ऐसी सिचुएशन में रिएक्ट करने का सही तरीका.
आवाज ऊंची न करें
जब आपको ये अहसास हो जाए कि आपका टीनएड किड झूठ बोल रहा है, तब एकदम चिल्लाने की गलती न करें. गुस्सा तो बिलकुल ही न जताएं. आपका गुस्सा या ऊंची आवाज आपके बच्चे को और चिड़चिड़ा बना देगी. उसकी थिंकिंग का डायरेक्शन उल्टा हो उससे अच्छा है अपनी आवाज पर काबू रखें.
अहसास न होने दें
गुस्सा जताने से ज्यादा बेहतर ये होगा कि आप बच्चे को ही ये अहसास न होने दें कि आप उसका झूठ पकड़ चुके हैं. बच्चे का झूठ जानने के बाद सबसे पहले खुद को शांत रखें. ये बड़ी चुनौती होगी लेकिन ऐसा करके आप आगे आने वाली बड़ी परेशानी से बच सकते हैं.
भूलकर भी न कहें ये शब्द
तू झूठ बोलता है. यू आर ए लायर. तुम्हें सजा मिलनी चाहिए. तुमने हमें निराश किया.- इस तरह की बातें बोलने से बचें. इसका टीनएज किड पर निगेटिव असर होगा.
फ्रेंडली बिहेव करें
एक बार आपको जब ये समझ में आ जाए कि आपका बच्चा बातें छुपाने लगा है तब बेहतर होगा कि आप उसके दोस्त बनने की कोशिश करें. हर बार किसी सिद्धांतवादी पेरेंट्स की तरह सही गलत बताने की जगह चुपचाप बच्चे की बातें सुने. उसे ये अहसास दिलाएं कि आपसे अपनी बातें शेयर कर वो कोई गलती नहीं कर रहा है. बल्कि एक दोस्त की तरह सब कुछ आपसे शेयर कर सकता है.
एक्सपीरियंस शेयर करें
बच्चों को सीधे सीधे सीख देने की बजाए रियल लाइफ एक्सपीरियंस या कहानी सुनाकर सही बात के लिए मोटिवेट करें. ये ध्यान रखें कि बच्चे ने एक बार झूठ आपके गुस्से या बातों से बचने के लिए किया है. ये उसकी आदत नहीं है. अगर आप पहली ही बार में सख्ती दिखाएंगे तो वो झूठ बोलना वाकई उसकी आदत बन जाएगी.
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