Sleep Deprivation Effects: सिर्फ एक रात चैन से नहीं सोए तो बॉडी पर कितना पड़ता है असर, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
Lack of Sleep Side Effects: इंसान की जिंदगी में नींद सबसे जरूरी है, उसके जिंदा रहने के लिए, उसके स्वस्थ रहने के लिए और पूरी तरह फिट रहने के लिए. चलिए आपको बताते हैं कि नींद का कितना महत्व है.

Effects of One Night Without Sleep: एक रात की नींद पूरी न होने पर सुबह उठते ही शरीर सुस्त और भारी-सा महसूस करता है. दिमाग ठीक से काम नहीं करता और बार-बार यही लगता है कि काश दोबारा बिस्तर पर लौट सकें. लेकिन जब तक आप सो नहीं लेते, तब तक आपका शरीर खुद को एक्टिव रखने के लिए अंदर ही अंदर जरूरत से ज्यादा मेहनत करता रहता है. एक-दो रात की नींद खराब होना उतना खतरनाक नहीं होता, लेकिन अगर यह आदत बन जाए तो असर गंभीर हो सकता है. लगातार नींद की कमी से इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है, महिलाओं में पीरियड्स अनरेगुलर हो सकते हैं और हार्ट अटैक व स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि नींद की थोड़ी-सी भी कमी शरीर में कई तरह की प्रतिक्रियाओं की शुरुआत कर देती है, जो समय के साथ और ज्यादा बढ़ती जाती हैं.
24 घंटे न सोना कितना खतरनाक?
एक रिसर्च में पाया गया कि 24 घंटे बिना सोए रहना, लगभग चार गिलास शराब या बीयर पीने के बराबर असर डालता है. वहीं, नींद से वंचित किशोर अगले दिन हर घंटे की नींद कम होने पर करीब 210 कैलोरी ज्यादा खा लेते हैं. यानी नींद की कमी सीधे वजन और खान-पान पर भी असर डालती है. सुबह जब अलार्म बजता है, तो बिना नींद वाली रात के बाद आप खुद को बिल्कुल भी फ्रेश महसूस नहीं करते. थकान के बावजूद शरीर जबरदस्ती खुद को जगाने की कोशिश करता है, जिससे बेचैनी-सी लग सकती है. चेहरे पर भी असर दिखता है, आंखों के नीचे डार्क सर्कल, सूजन, लाल आंखें और लटकी-सी पलकें नजर आ सकती हैं.
कोर्टिसोल हार्मोन तेजी से बढ़ता है
द बेटर स्लीप क्लिनिक के डायरेक्टर डॉ. डेविड गार्ली ने METRO से बातचीत में बताया कि "नींद की कमी का असर व्यक्ति की बॉडी क्लॉक यानी क्रोनोटाइप पर भी निर्भर करता है. नाइट आउल्स को सुबह ज्यादा दिक्कत होती है, जबकि जल्दी सोने-जागने वालों को शाम तक थकान ज्यादा महसूस होती है." जागने के करीब एक घंटे बाद शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन तेजी से बढ़ता है. इसे स्ट्रेस हार्मोन कहा जाता है, नींद पूरी न होने पर इसका असर और ज्यादा होता है, जिससे थोड़ी देर के लिए सतर्कता तो आती है, लेकिन साथ ही चिंता बढ़ सकती है और इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ सकता है. मिड-मॉर्निंग तक कुछ लोगों को थोड़ा बेहतर महसूस होने लगता है, लेकिन कई लोगों में ब्रेन फॉग, ध्यान लगाने में दिक्कत और याददाश्त कमजोर होने लगती है. रिएक्शन टाइम धीमा हो जाता है और शारीरिक ताकत भी कम महसूस होती है. दोपहर तक भूख ज्यादा लगने लगती है. नींद की कमी से भूख बढ़ाने वाले हार्मोन सक्रिय हो जाते हैं, जिससे कार्ब्स और मीठा खाने की इच्छा होती है. लेकिन ज्यादा भारी खाना आपको और ज्यादा सुस्त बना सकता है.
इन चीजों से बचना चाहिए
अगर रात खराब गई हो, तो दिन में जरूरत से ज्यादा कैफीन लेने से बचना चाहिए. सही और हल्का खाना, फल-सब्जियां, साबुत अनाज और ओमेगा-3 से भरपूर चीजें मददगार होती हैं. हल्की वॉक या धूप में निकलना शरीर की घड़ी को दोबारा सही करने में मदद करता है. छोटी-सी 10 से 20 मिनट की झपकी ली जा सकती है, लेकिन ज्यादा देर सोना नुकसानदायक हो सकता है. शाम और रात तक थकान और बढ़ती है, चिड़चिड़ापन, बेचैनी और उदासी महसूस हो सकती है. लंबे समय तक नींद की कमी अल्जाइमर जैसी बीमारियों और टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को भी बढ़ा सकती है. इसलिए कभी-कभार की खराब नींद तो चल सकती है, लेकिन अगर यह आदत बन रही है, तो इसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Source: IOCL























