Intestinal Infection: चुपचाप पैर पसारती है आंत से जुड़ी यह बीमारी, ये लक्षण नजर आएं तो गलती से भी न करना इग्नोर
Intestinal Infection Symptoms: आंतों में इंफेक्शन तब होता है, जब बैक्टीरिया, वायरस, फंगस या परजीवी छोटी या बड़ी आंत में बढ़ने लगते हैं. इसके बाद पेट दर्द, कब्ज, हॉर्मोन असंतुलन जैसे लक्षण दिखते हैं.

बिजी लाइफस्टाइल में कई बार पोषण से जुड़ी जरूरतें नजरअंदाज हो जाती हैं और भागदौड़ भरी जिंदगी की रफ्तार में सेहत कहीं पीछे छूट जाती है. इससे शरीर में कई बीमारियां घर करने लगती हैं और उनका पता तब चलता है, जब बात हाथ से निकल जाती है. अक्सर हम पेट के हल्के दर्द को मामूली समझकर छोड़ देते हैं, लेकिन इसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं है. यह असल में यह आंतों की खराब सेहत का इशारा हो सकता है, जो आगे चलकर किसी बड़ी बीमार का रूप ले सकता है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
बॉडी के लिए कितनी जरूरी हैं आंतें?
आंत हमारे शरीर का अहम हिस्सा होता है, जो शरीर की गंदगी को बाहर निकालने का काम करता है. आंतों का संक्रमण तब होता है, जब बैक्टीरिया, वायरस, फंगस या परजीवी छोटी या बड़ी आंतों में बढ़ने लगते हैं और धीरे-धीरे पेट दर्द, पाचन, कब्ज, हॉर्मोन असंतुलन, उल्टी, बुखार जैसे लक्षण दिखने लगते हैं. कुछ आंतों में ज्यादा परेशानी होने पर कीड़े भी हो जाते हैं और ये स्थिति शरीर को कमजोर और बेहद बीमार कर सकती है.
आंतों में क्यों होता है इंफेक्शन?
आंतों में इंफेक्शन होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे गंदा पानी और दूषित भोजन का सेवन करना, बार-बार एंटीबायोटिक लेना, कमजोर पाचन प्रणाली का होना, बिना हाथ साफ किए भोजन खाना, जंक फूड ज्यादा खाना, और तनाव लेना शामिल है.
कैसे करें आंतों की देखभाल?
आयुर्वेद में आंतों की देखभाल के लिए कई तरह के उपाय बताए गए हैं. इसके लिए रोजाना दोपहर के समय छाछ का सेवन कर सकते हैं. छाछ आंतों के लिए औषधि है. इसमें हींग और जीरा मिलाकर पीने से आंतों का बैक्टीरिया खत्म होता है. वहीं, अनार का रस पीने से भी आंतों को ठीक से काम करने की क्षमता मिलती है. इससे आंतों में फैलने वाला इंफेक्शन नियंत्रित होगा. अगर इंफेक्शन की वजह से पेट खराब हो गया है और दस्त की शिकायत है तो अनार का सेवन जरूर करें.
ये तरीके भी देते हैं फायदा
आयुर्वेद में बेल को अतिसार नाशक माना गया है, जो ठंडक से भरपूर होता है. दरअसल, बेल का जूस आंतों के लिए लाभकारी होता है. गर्मियों में बेल का जूस आंतों को साफ करने में मदद करता है. इसके अलावा त्रिफला चूर्ण का सेवन भी आंतों के लिए दवा की तरह है. त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लेने से आंतों की सफाई होती है और इंफेक्शन का खतरा कम होता है. साथ ही, दूध के साथ हल्दी का सेवन भी आंतों को साफ करने में मदद करता है और आंतों की सूजन को कम करता है. बता दें कि हल्दी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो शरीर की अंदरूनी सूजन को कम करते हैं.
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Source: IOCL























