क्या घर में ही डायग्नोस कर सकते हैं डिमेंशिया? जान लें ऐसे तरीके, जो करेंगे मरीज की मदद
ब्रेन में चेंजेस होने पर कई लक्षण सामने आते हैं. अक्सर मरीज का इस ओर ध्यान नहीं जाता. लेकिन परिवार के अन्य लोग इस लक्षणों को नोटिस कर सकते हैं.

भूलने की आदत, सोचने में दिक्कत...यानी ब्रेन डिमेंशिया की चपेट में है. अक्सर इस बीमारी के लक्षणों को नजरअंदाज कर दिया जाता है. कई बार दिक्कतों को उम्र बढ़ने से जोड़कर देख लिया जाता है. पर गुजरते समय के साथ समस्या बढ़ने लगती है. अल्जमाइमर भी इसका एक प्रकार है. ऐसे में कुछ तरीके हैं, जिससे आप घर पर ही इस समस्या का पता लगा सकते हैं. समय से इसका डायग्नोज न सिर्फ ट्रीटमेंट में हेल्पफुल साबित हो सकता है, बल्कि मरीज को भी राहत दे सकता है. आइए जानते हैं कि इस दिक्कत का घर पर ही कैसे पता लगाया जा सकता है?
कब हो जाना चाहिए सतर्क?
ब्रेन में चेंजेस होने पर कई लक्षण सामने आते हैं. अक्सर मरीज का इस ओर ध्यान नहीं जाता. लेकिन परिवार के अन्य लोग इस लक्षणों को नोटिस कर सकते हैं. जैसे अगर अपॉइंटमेंट भूल जाते हैं, किसी सवाल को बार-बार पूछते हैं या पहचान वाली जगहों को लेकर कंफ्यूजन रहता है, बात करने के दाैरान शब्दों का चयन करने में कठिनाई होती है तो सतर्क होने की जरूरत है. ये संकेत धीरे-धीरे दिखाई दे सकते हैं. अक्सर शुरुआत में इन्हें आमताैर पर उम्र बढ़ने के रूप में देखा जाता है. लेकिन जब याददाश्त और सोचने की समस्याएं रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करने लगती हैं, तो उन्हें गंभीरता से लेना जरूरी है. समय पर इसका पता लगने से इलाज जल्द शुरू होने पर मरीज को राहत मिल सकती है.
इन तरीकों से पता लगा सकते हैं दिक्कत
घर पर भी डिमेंशिया का पता लगाया जा सकता है. ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने डिमेंशिया का पता लगाने के लिए सेज टेस्ट(सेल्फ एडमिनिस्ट्रेड जिरोकॉग्निटिव एग्जामिनेशन) डेवलप किया है. पेपर और पेंसिल की मदद से इस टेस्ट को 10 से 15 मिनट में पूरा किया जा सकता है. इसमें मेमोरी, लैंग्वेज और प्राॅब्लम साॅल्विंग से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं. इसी तरह घर पर ही डिमेंशिया के लक्षण का पता लगाने के लिए दूसरा तरीका मिनी काॅग टेस्ट है. इसमें क्लाॅक ड्राइंग एक्सरसाइज के साथ सिंपल मेमोरी टास्क को पूरा करना होता है. इसके साथ ही कई ऑनलाइन एप भी डिमेंशिया के शुरुआती लक्षण का पता लगाने में मदद कर सकत हैं.
डिमेंशिया के लक्षण
- याददाश्त कमजोर होना
- निर्णय लेने की क्षमता कम होना
- व्यवहार बदलना
- रोजमर्रा के काम करने में भी परेशानी
- कुछ भी बोलने-समझने में दिक्कत होना
- आसपास के लोगों, रास्तों को पहचानने में दिक्कत होना
डिमेंशिया का कारण
- विटामिन डी की कमी
- डिप्रेशन
- एंग्जायटी
- दवाओं का असर
- स्ट्रोक
- डायबिटीज
- सामाजिक रूप से अलग रहना
- शराब पीना
- ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन
- दिल की बीमारियां
- सुनने की क्षमता कम होना
- सी-रिएक्टिव प्रोटीन का बढ़ना
डिमेंशिया के खतरे को कम करने के लिए क्या करें?
- वजन बढ़ने न दें
- धूम्रपान न करें, शराब न पिएं
- एक्सरसाइज करें
- सोशली एक्टिव रहें
- अकेले रहने से बचें
- एयर पॉल्यूशन से बचें
- दिमाग के एक्टिव रखें
- क्रॉनिक हेल्थ कंडीशन जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करें
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Source: IOCL






















