खुशखबरी! चावल के दाने से भी छोटा पेसमेकर, सिर्फ एक सिरिंज से हो जाएगा फिट, नहीं पड़ेगी सर्जरी की जरूरत
पेसमेकर को सर्जरी के जरिए लेफ्ट साइड के कॉलरबोन के पास डॉक्टर लगाते हैं. इसमें 1-2 घंटे का समय लग सकता है. लेकिन अब साइंटिस्ट ने चावल के दाने के बराबर दुनिया का सबसे छोटा पेसमेकर बनाया है.

Worlds Smallest Pacemaker : दिल हमारे शरीर का केंद्र है. यह जब तक धड़क रहा है, तभी तक हम जिंदा भी हैं. यह जितना जरूरी है, उतना ही नाजुक भी. इसकी सेहत कभी भी बिगड़ सकती है. जब हार्ट बीट काफी स्लो (ब्रैडीकार्डिया) होती है, तब डॉक्टर पेसमेकर (Pacemaker) की मदद से इसे बेहतर बनाकर इसका धड़कना जारी रखते हैं. पेसमेकर एक छोटा सा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है, जो दिल की धड़कनों को नियमित रखने में मदद करता है.
जब दिल धीमा या अनियमित धड़कने लगता है, तब पेसमेकर उसे सही रफ्तार से धड़कने के लिए इलेक्ट्रिक सिग्नल भेजता है। पेसमेकर को सर्जरी के जरिए लेफ्ट साइड के कॉलरबोन के पास डॉक्टर लगाते हैं. इसमें 1-2 घंटे का समय लग सकता है. लेकिन अब साइंटिस्ट ने चावल के दाने के बराबर दुनिया का सबसे छोटा पेसमेकर बनाया है, जो सिरिंज से इंजेक्ट हो सकेगा.
यह भी पढ़ें :क्या होता है फंगल इंफेक्शन, जिस पर WHO की पहली रिपोर्ट ने बढ़ा दी टेंशन
दुनिया का सबसे छोटा पेसमेकर कहां बना
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट्स ने दुनिया का सबसे छोटा पेसमेकर तैयार किया है, जो चावल के दाने से भी छोटा है. इसे टेंपरेरी कंडीशन के लिए बनाया है. यह पेसमेकर शरीर के लिक्विड से चार्ज होता है. साइंटिस्ट्स ने बताया कि यह डिवाइस एक पहनने वाली डिवाइस से कनेक्ट की जाती है, जो अनियमित दिल की धड़कन का पता लगाती है. इसके बाद इसमें एक लाइट जलती है और पेसमेकर एक्टिव हो जाता है.
बच्चों के लिए बनाया गया पेसमेकर
नॉर्थवेस्टर्न के हार्ट डिजीज स्पेशलिस्ट इगोर एफिमोवा ने बताया कि करीब 1% बच्चे जन्मजात हार्ट डिफेक्ट के साथ पैदा होते हैं. इन बच्चों को सर्जरी के बाद सिर्फ अस्थायी पेसिंग की जरूरत होती है. करीब एक हफ्ते में ज्यादातर मरीजों के दिल खुद ही ठीक हो जाएंगे, लेकिन 7 दिनों में काफी सीरियस हो सकते हैं. ऐसे में छोटा पेसमेकर बड़े काम का होगा.
छोटे पेसमेकर को सेट करना आसान
अभी पेसमेकर लगाने के लिए सर्जरी की जरूरत होती है लेकिन इस छोटे पेसमेकर को बॉडी में फिट करने के लिए सर्जरी नहीं करनी पड़ेगी. इसे एक सिरिंज की मदद से इंप्लांट कर सकेंगे. इसकी खासियत है कि जरूरत खत्म होने पर ये पेसमेकर अपने आप में बॉडी में ही घुल जाती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें : क्या होंठों पर भी हो सकता है कैंसर? जानें बचने के लिए क्या करें
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL






















