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बारिश होने के बाद खाली जमीन पर भी घास क्यों उग आती है? क्या बूंदों में होते हैं इनके बीज?

Rain: यह सामान्य बात है कि बारिश के बाद सूखे खेतों में हरी घास के पौधे उग आते हैं. दरअसल, ऐसा वानस्पतिक प्रसार के कारण होता है. आइए समझते हैं ये क्या है और बारिश के बाद घास हरी क्यों दिखने लगती है.

Graas in Rain: बरसात का मौसम चल रहा है. देश के सभी हिस्सों में बारिश हो रही है. इस मौसम में आपने देखा होगा कि जो जमीन सालभर खाली और सूखी पड़ी रहती है, बारिश होने के बाद वहां भी घास उग आती है. जहां पहले से ही घास होती है, वहां और भी घनी हो जाती है. जैसे पार्क आदि में बड़ी-बड़ी घास हो जाती है. क्या कभी आपने ये सोचा है कि आखिर ये घास आती कहां से है? क्या बारिश की बूंदों में ऐसा कुछ होता है, जो खाली जमीन पर घास उग आती है?

बारिश के बाद खाली जमीन पर क्यों. हो जाती है घास?

यह एक सामान्य बात है कि बारिश के बाद सूखे खेतों में हरी घास के पौधे उग आते हैं. दरअसल,
ऐसा वानस्पतिक प्रसार के कारण होता है. खेतों में चारों ओर पुराने घास के पौधों के सूखे तने होते हैं. इन सूखे तनों में कलियां होती हैं जो निष्क्रिय अवस्था में होती हैं. वर्षा का जल पाकर सूखी घास के तनों पर मौजूद कलियां सक्रिय हो जाती हैं और बढ़कर नई घास के पौधे पैदा करती हैं. ​इस प्रकार, वानस्पतिक प्रसार की विधि से बारिश के बाद जमीन पर हरी घास उग आती है.​ वहीं, बारिश बंद होने पर घास हरी भी दिखाई देती है. इसका क्या कारण है...?

बारिश के बाद घास का हरा दिखना

अगर बारिश होने के बाद आपको भी घास पहले से ज्यादा हरी दिखती है, तो आपकी आंखें आपको धोखा नहीं दे रही हैं. क्योंकि ऐसा सच में होता है. उत्तरी कैरोलिना के ओटो में यूएसडीए फॉरेस्ट सर्विस, एसआरएस, काउएटा हाइड्रोलॉजिकल लेबोरेटरी के एक शोध मृदा वैज्ञानिक जेनिफर नोएप ने कहा, ऐसे कई कारण हैं जिनसे बारिश लॉन (घास) को हरा-भरा करने में मदद करती है. मुख्य रूप से इसके दो कारण हैं और दोनों कारणों में नाइट्रोजन शामिल है. नोएप ने कहा, बारिश होने के बाद, आमतौर पर पौधों के लिए मिट्टी में अधिक पानी उपलब्ध होता है. जब पौधे उस पानी को लेते हैं, तो वे मिट्टी में मौजूद कार्बनिक पदार्थों से नाइट्रोजन भी ले रहे होते हैं.

नाइट्रोजन का है सारा खेल

जैसे-जैसे पौधे बढ़ते हैं, उनकी छोटी जड़ें मर जाती हैं और नई जड़ें बढ़ती हैं, जब ऐसा होता है, तो मिट्टी के रोगाणु मृत जड़ों के सड़ने का कारण बनते हैं. इस प्रक्रिया को अपने लॉन में खाद डालने के समान समझें, केवल यह क्रिया आपके हस्तक्षेप के बिना, भूमिगत और स्वाभाविक रूप से होती है. जड़ें बड़े रासायनिक यौगिकों से बनी होती हैं जिनमें अधिकतर कार्बन लेकिन कुछ नाइट्रोजन भी होती है. मिट्टी के सूक्ष्मजीव मृत जड़ों को विघटित करने के लिए कार्बन और कुछ नाइट्रोजन का उपयोग करते हैं. जैसे ही ऐसा होता है, नाइट्रोजन का एक हिस्सा एक प्रकार के अपशिष्ट उत्पाद के रूप में वापस मिट्टी में छोड़ दिया जाता है.

प्रकाश संश्लेषण भी अच्छे से होता है

नोएप ने कहा, जैसे ही बारिश मिट्टी में सोखती है, यह रोगाणुओं को अधिक नाइट्रोजन छोड़ने के लिए सक्रिय करती है. ताजी गिरी हुई बारिश से घास को लाभ होता है क्योंकि पानी का प्रवाह जड़ों को इस "नए" नाइट्रोजन के साथ-साथ उस नाइट्रोजन को भी ग्रहण करने की अनुमति देता है जिसे रोगाणुओं ने पहले छोड़ा था. उसी समय, "जब सूरज लौटता है तो घास प्रकाश संश्लेषण के साथ बहुत सक्रिय होती है", नोएप ने समझाया.

बारिश वाली स्थान से भी पड़ता है प्रभाव

नोएप ने कहा कि बारिश में कितनी नाइट्रोजन गिरती है यह कई कारकों पर निर्भर करता है. कारकों में यह शामिल है कि आप कहां रहते हैं (पूर्वोत्तर में होने वाली बारिश में दक्षिणपूर्व में बारिश की तुलना में अधिक नाइट्रोजन कण होते हैं), यह कितना सूखा है और यहां तक ​​कि आपके क्षेत्र में होने वाली बारिश कहां से हो रही है.

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