सोना तो ठीक है लेकिन चांदी के दाम इतने क्यों बढ़ रहे, कौन खरीद रहा इतना सिल्वर?
Silver Prices Increasing: सोने की चमक के बीच चांदी ने अचानक बाजार की कमान संभाल ली है. सवाल बस इतना है कि यह तेजी ठहरेगी या आने वाले दिनों में नया इतिहास रचेगी.

जब निवेशक सोने की चमक में ही उलझे थे, तभी चांदी ने बाजार को चुपचाप चौंका दिया. एक दिन में आई तेज उछाल ने न सिर्फ ऑलटाइम हाई बना दिया, बल्कि यह सवाल भी खड़ा कर दिया कि आखिर चांदी अचानक इतनी महंगी क्यों हो रही है. क्या यह सिर्फ सेफ हैवेन का खेल है या इसके पीछे कोई बड़ा वैश्विक संकेत छिपा है, जो आने वाले दिनों में बाजार की दिशा तय करेगा?
सोने के बाद चांदी क्यों बन गई निवेशकों की नई पसंद
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के रिकॉर्ड स्तर छूने के बाद निवेशकों की नजर अब तेजी से चांदी पर टिक गई है. अमेरिका में ब्याज दरों में आगे और कटौती की उम्मीदों ने कीमती धातुओं को मजबूती दी है. जब ब्याज दरें नीचे जाती हैं, तो गैर-ब्याज देने वाली संपत्तियां जैसे सोना और चांदी ज्यादा आकर्षक हो जाती हैं. इसी वजह से सेफ हैवेन डिमांड में अचानक तेज उछाल देखने को मिल रहा है.
MCX पर चांदी ने कैसे बनाया ऑलटाइम हाई
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर मार्च एक्सपायरी वाली चांदी में सोमवार को करीब 2.39 फीसदी की तेजी दर्ज की गई. सुबह के कारोबार में यह लगभग 2,13,412 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेड कर रही थी और इसी दौरान इसने 2,13,844 रुपये प्रति किलोग्राम का अब तक का सबसे ऊंचा स्तर छू लिया. यह तेजी सिर्फ घरेलू कारकों का नतीजा नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती कीमतों का सीधा असर भी है.
सोना भी पीछे नहीं, लेकिन रफ्तार चांदी की ज्यादा
चांदी के साथ-साथ सोने में भी मजबूती बनी हुई है. फरवरी की फ्यूचर डिलीवरी वाला सोना करीब 0.77 फीसदी की बढ़त के साथ 1,35,224 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है. हालांकि, तुलना करें तो चांदी की तेजी सोने से ज्यादा आक्रामक दिखाई दे रही है. बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि सोने के महंगा हो जाने के बाद निवेशकों का एक वर्ग चांदी को वैकल्पिक सेफ हैवेन के तौर पर देख रहा है.
सिर्फ निवेश नहीं, इंडस्ट्रियल डिमांड भी बड़ी वजह
चांदी की कीमतों में आई इस तेजी की एक अहम वजह उसकी मजबूत औद्योगिक मांग भी है. सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और ग्रीन एनर्जी से जुड़े सेक्टर में चांदी का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है. वैश्विक स्तर पर एनर्जी ट्रांजिशन और क्लीन एनर्जी पर जोर के चलते चांदी की खपत तेजी से बढ़ी है. सप्लाई सीमित होने के कारण मांग बढ़ते ही कीमतों पर सीधा असर पड़ा है.
कौन खरीद रहा है इतना सिल्वर
बाजार के आंकड़ों पर नजर डालें तो संस्थागत निवेशक, हेज फंड्स और ETF निवेशक चांदी में आक्रामक खरीदारी कर रहे हैं. इसके साथ ही ज्वैलरी और इंडस्ट्रियल यूज के लिए भी मांग मजबूत बनी हुई है. घरेलू स्तर पर भी निवेशक सोने के मुकाबले सस्ती दिखने वाली चांदी को लॉन्ग टर्म निवेश के रूप में देख रहे हैं. यही वजह है कि हर गिरावट पर इसमें खरीदारी देखने को मिल रही है.
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Source: IOCL
























