Solar Life: एक दिन के लिए पूरी तरह बुझ जाए सूरज तो क्या होगा, क्या धरती पर आ जाएगी प्रलय?
Solar Life: अगर 1 दिन के लिए सूरज बुझ जाए तो इसका प्रभाव हमारी पृथ्वी पर कैसा पड़ेगा? आइए जानतें हैं इससवाल का जवाब और साथ ही यह भी की सौरमंडल की स्थिति उस समय कैसी होगी.

Solar Life: क्या आपने कभी सोचा है कि अगर सूरज अचानक से एक दिन के लिए बुझ जाए तो क्या होगा? दरअसल सूर्य सिर्फ आग का एक चमकता हुआ गोला नहीं है बल्कि यह हमारे सौरमंडल के लिए काफी ज्यादा जरूरी भी है. सभी ऊर्जा, प्रकाश और ऊष्मा हमें इसी सूरज से मिलती है. आज हम जानेंगे कि अगर 1 दिन के लिए सूरज बुझ जाए तो उसका परिणाम धरती पर कैसा होगा.
सूर्य सौरमंडल की जीवन रेखा
सूरज सिर्फ एक तारा नहीं है बल्कि यह गुरुत्वाकर्षण का वह आधार है जो पूरे सौरमंडल को एक साथ जोड़े रखता है. पिछले 4.6 अब वर्षों से यह हाइड्रोजन को हीलियम में जला रहा है. इससे वह ऊर्जा उत्पन्न होती है जो हमारे पृथ्वी को रोशन करती है और गर्म भी करती है. इसके गुरुत्वाकर्षण के बिना हर ग्रह छोटे बुध से लेकर विशाल बृहस्पति तक अंतरिक्ष के ठंडे अंधेरे में खो जाएंगे. वैज्ञानिकों का ऐसा अनुमान है कि सूर्य के पास अपने अंत तक पहुंचने से पहले अभी भी लगभग 5 अब वर्षों का ईंधन बचा हुआ है.
क्या होगा अगर सूरज की आग बुझ जाए
अगर सूरज की आग अचानक बुझ जाए तो इसके परिणाम काफी ज्यादा खतरनाक होंगे. लेकिन ऐसा एकदम से नहीं होगा बल्कि यह प्रक्रिया धीरे-धीरे शुरू होगी. सबसे पहले सूर्य अपना हाइड्रोजन ईंधन समाप्त करेगा और एक लाल खतरे के रूप में बनता चला जाएगा. इस प्रक्रिया के दौरान यह इतना बड़ा हो जाएगा कि बुध और शुक्र पूरी तरह से इसमें समा जाएंगे और शायद पृथ्वी भी पीछे ना रहे. अगर पृथ्वी किसी तरह से इस विस्तार से बच भी गई तो भी यह एक बर्फीली बंजर भूमि बन जाएगी.
एक जमा हुआ सौर कब्रिस्तान
जैसे ही सूर्य बुझने लगेगा यह एक सफेद धुंधले अवशेष में बदल जाएगा. कभी जीवंत रहा सौरमंडल एक ठंडा और खामोश कब्रिस्तान बन जाएगा. बृहस्पति और शनि इसकी परिक्रमा करते रहेंगे लेकिन जीवन बहुत पहले ही खत्म हो चुका होगा.
क्या होगा ब्रह्मांड में
इस पूरी प्रक्रिया के दौरान हमारे सौरमंडल के अंत की शुरुआत होगी. हालांकि ब्रह्मांड में अंत कभी पूरी तरह से अंतिम नहीं होता. अरबों सालों में सौरमंडल गुजरते तारों से बिखर सकता है या फिर इसके अवशेष किसी दूसरे ब्रह्मांडीय घटना जैसे सुपरनोवा द्वारा नष्ट हो सकते हैं.
मानवता का भाग्य
जब तक सूरज अपने अंतिम चरण में पहुंचेगा तब तक मानवता बहुत पहले ही विलुप्त हो चुकी होगी या फिर शायद ब्रह्मांड में कहीं और फल फूल रही होगी. यह एक इतिहास में बदल जाएगा और यह बात हमेशा अस्तित्व में रहेगी कि सूरज ने ना केवल हमारे आकाश को रोशन किया बल्कि हमें भी अस्तित्व दिया.
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