क्या NATO देश से अकेला लड़ सकता है रूस, जंग हुई तो कौन से देश देंगे उसका साथ?
रूस और यूक्रेन के जंग को 3 साल से ज्यादा का समय हो गया है. रूस से इस समय रूस से नाटो देश काफी नाराज हैं. चलिए, आपको बताते हैं कि अगर जंग होता है तो नाटो या फिर रूस कौन जीतेगा.

Ukraine Russia Conflict: चाहे वह रूस-यूक्रेन युद्ध हो, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव हो या फिर इजराइल और हमास के बीच चल रहा युद्ध हो. पिछले कुछ समय से दुनिया के अधिकांश देश खुद को एक बड़े युद्ध के लिए तैयार कर रहे हैं. कुछ ऐसा ही वर्तमान में नाटो और रूस के बीच भी देखने को मिल रहा है. यूक्रेन ने जिस तरह ड्रोन से रूस को निशाना बनाया है ऐसे में माना जा रहा है कि रूस यूक्रेन पर जल्द ही बड़े पैमाने पर बड़ा हमला कर सकता है, अगर रूस हमला करता है तो यह लड़ाई लंबी हो सकती है क्योंकि ब्रिटेन ने भी अपने देश के लोगों को युद्ध के लिए तैयार रहने के लिए कहा है.
सिर्फ बताया जा रहा है कि नाटो देश इस समय रूस के राष्ट्रपति पुतिन से काफी खफा हैं. अमेरिका के बार बार कहने के बाद भी पुतिन अपनी शर्तों पर ही सीजफायर के लिए अड़े हुए हैं. चलिए, आपको बताते हैं कि क्या NATO देश से अकेला लड़ सकता है रूस और अगर जंग हुई तो कौन सा देश उसका साथ देगा.
रूस बनाम नाटो
एक रिपोर्ट के अनुसार, रूस के पास दुनिया में सबसे ज्यादा 5580 परमाणु हथियार हैं बताया जाता है कि अमेरिकी ने जो परमाणु बम जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराया था उससे इसकी क्षमता चार गुना अधिक है. इसके अलावा आर्मी में 15 लाख सैनिक तैनात है. इस तरह रूस की सेना चीन के बाद दूसरे नम्बर पर सबसे ज्यादा है. अगर टैंक और तोपखानों की बात करें तो रूस के तोपखानों की ताकत दुनिया के किसी भी देश से कहीं अधिक है. रूस के पास 12500 टैंक, 30000 बख्तरबंद वाहन और 6500 तोपखाने हैं.
हालांकि, इतनी क्षमता होने के बाद भी रूस अकेले नाटो से नहीं लड़ सकता है क्योंकि नाटो में अमेरिका को लेकर कुल 31 देश हैं और नाटो में कुल 35 लाख सैनिक हैं. जिसमें अमेरिका के 1.3 मिलियन, तुर्की के 4,81,000 और पोलैंड के 2,16,100 सक्रिए सैनिक शामिल हैं. इसके अलावा नाटो के सभी देशों को मिला दिया जाए तो उनके पास 5 हजार से ज्यादा तोपखाने, 1,600 से ज्यादा 5वीं पीढ़ी के बख्तरबंद वाहन हैं जो रूस के पास नहीं हैं.
वहीं परमाणु हथियारों की तुलना करें तो अमेरीक और फ्रांस को ही मिलाकर नाटो के पास 6 हजार से ज्यादा परमाणु हथियार हैं. रूस पिछले तीन सालों से यूक्रेन के साथ युद्ध में उलझा हुआ है जिसके चलते उसके सैनिक और हथियार दोनों ही कम हो गए हैं. रूस अकेला नाटो से नहीं जीत सकता है लेकिन उसको हल्के में भी नहीं लिया जा सकता है.
रूस का साथ कौन से देश देंगे
अगर रूस पर नाटो का हमला होता है तो सबसे पहले उत्तर कोरिया उसके समर्थन में खड़ा होगा. उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों से लैस देश है और वह रूस का अच्छा दोस्त भी है. इसके अलावा ईरान रूस के साथ किसी भी जंग में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होगा क्योंकि रूस की तरह ईरान की भी पश्चिमी देशों के साथ दुश्मनी है खासकर इजरायल के साथ.
बेलारूस ने यूक्रेन के साथ युद्ध में रूस का समर्थन किया है, ऐसे में अगर, नाटो और रूस का युद्ध होता है तो बेलारूस हमेशा की तरह रूस के साथ खड़ा रहेगा. इसके अलावा चीन भी रूस का समर्थन कर सकता है. चीन ने अबतक सैन्य समर्थन नहीं किया है, लेकिन राजनीतिक और आर्थिक तौर पर रूस का समर्थन किया है. अगर NATO और रूस के बीच सीधी जंग होती है, तो यह विश्व युद्ध में बदल सकता है. पुतिन ने पहले ही कहा है कि नाटो का हस्तक्षेप सभ्यता के विनाश का कारण बन सकता है.
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