क्या सूरज पर जाया जा सकता है? जानिए किन किन देशों ने की है अब तक कोशिश और क्या रहा है इसका अंजाम
इंसानों ने पूरे ब्रह्मांड कई तरह के रहस्यों को खोज निकला लेकिन सिर्फ सूरज ही ऐसी जगह है जहां अब तक उसकी पहुंच नहीं है. ऐसे में आइए जानते हैं कि किन देशों ने सोलर मिशन भेजे हैं और इनका अंजाम क्या रहा.

ये पूरा ब्रह्मांड अनेक प्रकार के रहस्यों से भरा है. इंसानों ने इन रहस्यों को खोजने की कई कोशिशों में धरती से लेकर चांद तक अपनी पहुंच बना ली लेकिन आज भी एक ऐसी जगह है जहां इंसान नहीं जा पाया है, और वो जगह है सूर्य. इंसान अब तक सूरज पर नहीं जा सका है, जिसके चलते आज भी ये असंभव लगने वाली कोशिश जारी है. इसी कोशिश में कई देश सूरज पर पहुंचने के लिए दिन रात एक करके जुटे हुए हैं. अमेरिका और जापान जैसे देशों के बाद अब भारत भी इसी दौड़ में शामिल हो गया है. सूरज पर जाने की इस उत्सुकता का कारण ये है कि यदि हमने सूरज को जीत लिया तो हम दुनिया के सबसे बड़े ऊर्जा के स्रोत के मालिक बन जाएंगे.
सूरज पर जाना क्यों है मुश्किल
कोई भी देश या कोई इंसान अबतक सूरज पर नहीं जा सका है क्योंकि सूरज का तापमान इतना अधिक (लगभग 6,000 डिग्री सेल्सियस) है कि कोई भी मैटर यहां ठोस अवस्था में न रहकर तुरंत वेपर बनकर उड़ जाएगा. ऐसे में इंसानी जिस्म एक सेकंड से ज्यादा समय तक वहां टिक नहीं सकता है. हालांकि, अबतक कई देशों ने सौर मंडल के अध्ययन के लिए सूरज तक कई स्पेस मिशन भेजे हैं, जिनमें अमेरिका, यूरोप, जापान और भारत शामिल हैं.
कौनसे देश अबतक कर चुके है प्रयास
हालांकि कोई भी इंसान अभी सूरज तक नहीं पहुंचा है, लेकिन सूरज का अध्ययन करने के लिए कई देशों ने मानव-रहित मिशन भेजे हैं और कुछ की तैयारी अब भी जारी है.
- अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने सूरज तक सबसे ज्यादा मिशन भेजे हैं. इसमें पार्कर सोलर प्रोब (Parker Solar Probe) भी शामिल है, जो 2018 में लॉन्च हुआ और सूरज के वायुमंडल से गुजरा था.
- अमेरिका की नासा और यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) ने मिलकर 'सोलर एंड हीलियोस्फेरिक ऑब्जर्वेटरी' (SOHO) मिशन 1995 में लॉन्च किया था, जो सूरज की सर्फेस और उसके तूफानी वातावरण की स्टडी करता है.
- जापान दुनिया का वह पहला देश था, जिसने सूर्य तक पहला मिशन लॉन्च किया. जापान की स्पेस एजेंसी JAXA ने 1981 में इस सोच को सच कर दिखाया, जब उसने पहली सोलर ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट, हिनोटोरी (ASTRO-A) को सूरज तक भेजा. मिशन का मकसद एक्स-रे के जरिए सोलर फ्लेयर्स की स्टडी करना था. JAXA ने फिर 1991 में योहकोह (SOLAR-A) को लॉन्च किया.
- सूरज पर पहुंचने की रेस में चीन भी पीछे नहीं है. 2019 में चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज (CAS) ने 'स्पेसक्राफ्ट फॉर हाई एनर्जी सोलर फिजिक्स' (SHESSP) के तौर पर एक छोटी सैटेलाइट को लॉन्च किया. इसके जरिए चीन ने सूर्य के कई राज खोले.
- भारत के ISRO ने भी सूर्य का अध्ययन करने के लिए अपना 'आदित्य-एल1' (Aditya-L1) मिशन 2 सितंबर 2023 को लॉन्च किया है.
क्या किसी को सफलता मिली
अब तक कई देश सूरज पर जाने की नाकामयाब कोशिश कर चुके हैं, लेकिन किसी के हाथ कुछ नहीं लगा. इसके अलावा कुछ ही देशों को थोड़ी बहुत सफलता जरूर मिली है लेकिन कोई भी अपने उद्देश्य को ठीक से पूरा नहीं कर पाया है.
इसे भी पढ़े : Asia Cup 2025: ओमान की कितनी है आबादी, जानिए यहां की क्रिकेट टीम में कितने हिन्दू कितने मुस्लिम?
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























