बुखार-दस्त तो छोड़ो, इस जीव को जिंदगी भर में जुकाम तक नहीं छू पाता, आखिर क्या है इसकी वजह?
शार्क में "जेडी-टी सेल" और "बायनर-एंटीबॉडी" जैसे खास तरह के एंटीबॉडी होते हैं. ये एंटीबॉडी न केवल बैक्टीरिया और वायरस को पहचानते हैं, बल्कि उन्हें निष्क्रिय करने में भी शार्क की मदद करते हैं.
इंसान बीमारियों के शिकार हो जाते हैं. धरती पर रहने वाले अधिकतर जीव किसी न किसी बीमारी के कभी न कभी शिकार हो ही जाते हैं. लेकिन एक जीव ऐसा है जिसे बीमारियां छू भी नहीं सकतीं. दरअसल, हम बात कर रहे हैं समुद्र की गहराइयों में रहने वाली शार्क की. चलिए आज इस आर्टिकल में आपको बताते हैं कि आखिर शार्क के अंदर ऐसा क्या होता है कि उसे कोई बीमारी छू भी नहीं पाती.
शार्क का इम्यून सिस्टम
शार्क मछलियां अपने विशेष इम्यून सिस्टम के लिए जानी जाती हैं. इनके बारे में कहा जाता है कि ये मछलियां बहुत कम बीमार पड़ती हैं. हाल ही में किए गए एक शोध से यह पता चला है कि शार्क मछलियों में कई बीमारियों और संक्रमणों के प्रति इनका इम्यून सिस्टम काफी मजबूत होता है. चलिए अब आपको बताते हैं कि आखिर इन मछलियों का इम्यून सिस्टम इतना मजबूत कैसे होता है.
क्यों मजबूत होता है शार्क का इम्यून सिस्टम?
दरअसल, शार्क मछलियों में मजबूत इम्यून सिस्टम के पीछे का मुख्य कारण एक खास तरह का प्रोटीन है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, शार्क का इम्यून सिस्टम सामान्य मछलियों की तुलना में अलग होता है. शार्क की कोशिकाएं विशेष रूप से एक प्रकार का खास प्रोटीन पैदा करती हैं, जिन्हें "एंटीबॉडी" कहा जाता है, ये बैक्टीरिया और वायरस के खिलाफ प्रभावी होते हैं.
इसके अलावा, शार्क में "ट्रांसफेरिन" नाम का भी एक प्रोटीन भी होता है, जो आयरन को नियंत्रित करता है और सूजन को कम करने में मदद करता है. ये दोनों प्रोटीन शार्क का इम्यून सिस्टम काफी ज्यादा मजबूत कर देते हैं.
वहीं, शार्क में "जेडी-टी सेल" और "बायनर-एंटीबॉडी" जैसे खास तरह के एंटीबॉडी होते हैं. ये एंटीबॉडी न केवल बैक्टीरिया और वायरस को पहचानते हैं, बल्कि उन्हें निष्क्रिय करने में भी शार्क की मदद करते हैं. ऐसे तो ये कई मछलियों में पाए जाते हैं, लेकिन शार्क की प्रतिरक्षा प्रणाली में ये एंटीबॉडी अन्य मछलियों की तुलना में ज्यादा प्रभावी होते हैं.
गहरे पानी में रहना भी एक कारण
शार्क की जिंदगी जिस तरह की होती है उसकी वजह से भी उसका इम्यून सिस्टम काफी मजबूत हो जाता है. दरअसल, शार्क मछली अक्सर गहरे और ठंडे पानी में रहती हैं, जहां हानिकारक बैक्टीरिया और रोगाणुओं की संख्या बेहद कम होती है. इसके अलावा शार्क मछलियां अपने पर्यावरण में अनुकूलित होती हैं, जिससे वो हर तरह की स्थितियों का सामना कर सकती हैं.
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