ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से भारत लौट रहे लोग, जानें कौन उठा रहा है इसका पूरा खर्चा?
Operation Sindhu: ईरान इजराइल के बीच चल रहे खूनी संघर्ष के बीच भारतीय छात्र वहां पर फंसे हुए हैं. अब भारत सरकार वहां से छात्रों को अपने मुल्क लेकर आ रही है और इसको ऑपरेशन सिंधु नाम दिया है.

इजराइल और ईरान के बीच चल रहे तनाव के दरमयान भारत अपने लोगों को वहां से सुरक्षित निकालने की हर संभव कोशिश कर रहा है. इसी के तहत ऑपरेशन सिंधु के जरिए भारत ने ईरान में फंसे 110 छात्रों की सुरक्षित तरीके से वापसी कराई है. पहला विमान इन छात्रों को लेकर आर्मेनिया के येरेवन से नई दिल्ली पहुंचा. विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि भारतीय दूतावास के साथ मिलकर तेहरान में रहने वाले छात्रों को सुरक्षित रूप से वहां से निकाल लिया गया है.
खबरों की मानें तो 18 जून को भारतीय छात्र एक खास किस्म की फ्लाइट में येरेवन के ज्वार्टनोट्स इंटरनेशनल एयरपोर्ट से रवाना हुए थे. अगले दिन 19 जून को यह विमान नई दिल्ली में लैंड हुआ. अब यह भी जान लेते हैं कि आखिर इसका खर्चा कौन उठा रहा है.
ऑपरेशन सिंधु क्या है?
ऑपरेशन सिंधु भारत सरकार द्वारा चलाया गया यह एक विशेष राहत अभियान है. इसका उद्देश्य ईरान में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित वहां से बाहर निकालना है. ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते हुए सैन्य संघर्ष को लेकर यह फैसला लिया गया है. ईरान में बिगड़ते हुए हालात को देखते हुए 17 जून को सड़क के रास्ते से ईरान से आर्मेनिया पहुंचाया गया था. इसके बाद 18 जून को उनको लेने के लिए भारत का एक विमान आर्मेनिया पहुंचा था और आज इन छात्रों को लेकर दिल्ली पहुंचा है.
कौन उठा रहा है इसका खर्चा
ऑपरेशन सिंधु के तहत भारतीय छात्रों को वापस लाने का पूरा खर्चा भारत सरकार उठा रही है. भारत सरकार ने ही इस मिशन की शुरुआत की है और अभी तक 110 छात्रों को वापस लाया जा चुका है. इसमें 90 जम्मू कश्मीर से हैं. विदेश मंत्रालय की मानें तो अभी ईरान में जितने भी नागरिक और छात्र बचे हैं उनको वहां से सुरक्षित निकालने को लेकर प्राथमिकता दी जाएगी. अभी ईरान में करीब 1500 छात्र फंसे हैं. इनमें से कुछ को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है.
ईरान ने बंद कर दिए हवाई क्षेत्र
बता दें कि ईरान और इजराइल में संघर्ष शुरू होने के बाद ईरान ने अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए थे, इस वजह से भारतीय नागरिकों की मुसीबतें बढ़ गई थीं. आसपास के देशों ने भी कई सारे एयरपोर्ट बंद कर दिए थे. तब भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए ईरान से बॉर्डर तक सुरक्षित रास्ता मुहैया कराने का अनुरोध किया था. ईरान ने इस अनुरोध को स्वीकारा और उन छात्रों को अजरबैजान, तुर्कमेनिस्तान और अफगानिस्तान के रास्तों के बाहर निकलने की सलाह दी थी.
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Source: IOCL





















