मिनिमम बैलेंस के नाम पर कितना कमाते हैं बैंक, आंकड़े जानकर चौंक जाएंगे आप
भारत में सरकारी और प्राइवेट बैंक बचत खाते में मिनिमम बैलेंस ना होने पर ग्राहकों से भारी जुर्माना वसूलते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि मिनिमम बैलेंस के नाम पर बैंकों की कमाई कितनी होती है.

देश में एक तरफ जहां ज्यादातर बैंकों ने मिनिमम बैलेंस का झंझट खत्म कर दिया है तो वहीं कई बैंक ऐसे भी हैं जो अकाउंट में मिनिमम बैलेंस ना होने पर पेनल्टी लगाते हैं. अभी हाल ही में ICICI बैंक ने अपनी मिनिमम बैंक बैलेंस की लिमिट को बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया है. हलांकि, बाद में बैंक ने यूटर्न लिया और अब मिनिमम बैलेंस की लिमिट घटाकर 15 हजार रुपये कर दी है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपके खाते में मिनिमम बैलेंस न रखने की वजह से बैंक कितना कमा रहे हैं? हाल ही में सामने आए आंकड़े आपको हैरान कर सकते हैं. चलिए जानते हैं.
बैकों ने कितनी की कमाई
पिछले पांच सालों में भारत के सरकारी बैंकों ने मिनिमम बैलेंस न रखने की पेनाल्टी के जरिए ग्राहकों से करीब 9,000 करोड़ रुपये की कमाई की है. जी हां, यह खुलासा वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में किया. वित्त वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक, सरकारी बैंकों ने मिनिमम बैलेंस न मेंटेन करने पर 8,932.98 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला. इस राशि का बड़ा हिस्सा उन ग्राहकों से आया, जो अपने बचत खातों में तय न्यूनतम राशि नहीं रख पाए.
किस बैंक ने कितना कमाया
इंडियन बैंक ने इस दौरान सबसे ज्यादा 1,828 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला. पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने 1,662 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा ने 1,531 करोड़ रुपये की पेनाल्टी जमा की. केनरा बैंक ने 1,212 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ इंडिया ने 809 करोड़ रुपये वसूले. हालांकि, देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने 2020 में ही मिनिमम बैलेंस की पेनाल्टी को खत्म कर दिया था.
मिनिमम बैलेंस का नियम क्या है?
मिनिमम बैलेंस या एवरेज मंथली बैलेंस (AMB) वह न्यूनतम राशि है, जो आपको अपने खाते में हर महीने बनाए रखनी होती है. अगर खाते में यह राशि कम होती है, तो बैंक पेनल्टी वसूलते हैं. यह राशि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग होती है. उदाहरण के लिए, पंजाब नेशनल बैंक में शहरी क्षेत्रों के लिए मिनिमम बैलेंस 2,000 रुपये, छोटे शहरों में 1,000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 500 रुपये है. पेनाल्टी भी इसके आधार पर 100 से 250 रुपये तक हो सकती है.
इन बैंकों ने खत्म किया ये नियम
SBI के बाद, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने भी मिनिमम बैलेंस की पेनाल्टी को माफ कर दिया है. इसका मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा लोग बैंकिंग सुविधाओं से जुड़ें, खासकर ग्रामीण और छोटे शहरों में. वित्त मंत्रालय ने भी बैंकों को सलाह दी है कि वे ग्रामीण क्षेत्रों के ग्राहकों को राहत देने के लिए इस तरह के जुर्माने को कम करें या हटाएं.
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Source: IOCL
























