Robbery Theft And Dacoity: लूट, डकैती और चोरी में क्या होता है अंतर? नहीं जानते होंगे आप
Robbery Theft And Dacoity: चोरी, डकैती और लूट जैसे शब्द अक्सर हमें आसपास सुनने को मिलते हैं. इसमें अपराधी लोगों का सामान लेकर भाग जाते हैं. लेकिन इन तीनों में अंतर क्या होता है शायद आपको नहीं पता होगा.

Robbery Theft And Dacoity: आपने अक्सर अपने आसपास खबरों में या फिर मोहल्ले में चोरी और लूट या फिर डकैती की घटना के बारे में कभी न कभी जरूर सुना होगा. कई बार लोग घर में ताला लगाकर बाहर चले जाते हैं तो उनके घरों में चोरी हो जाती है. कहीं पर कोई बाहर अकेले या सूनसान जगह पर होता है तो उसे धमका कर सामान लूट लिया जाता है. लेकिन आपको शायद चोरी, डकैती और लूट के बीच का माइनर सा अंतर नहीं पता होगा. चलिए इसके बारे में बताएं और ये भी बताएंगे कि तीनों अपराधों में क्या सजा मिलती है.
लूट
जब कोई व्यक्ति किसी का सामान अपने साथ ले जाने के लिए किसी को धमकाता है या फिर उसे मारने की धमकी देता है. इससे सामने वाले के दिमाग में डर की स्थिति पैदा हो जाती है, यही लूट कहलाता है. लूट एक उग्र रूप होता है, इसमें कड़ी सजा का प्रावधान भी है. IPC की धारा 392 में सजा का प्रावधान सुनिश्चित किया गया है. इस दौरान अगर कोई लूट करने की कोशिश करता है तो उसे 10 साल की कड़ी सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है. लेकिन अगर लूट या अपराध सूर्यास्त के बाद या सूर्योदय के पहले अंधेरे कमरे में हुआ हो तो 14 साल की सजा और जुर्माना दोनों हो सकता है.
चोरी
जब कोई अपराधी किसी शख्स की चल संपत्ति जैसे रुपया-पैसा, मोबाइल, घड़ी, जेवरात जबरन या झूठ बोलकर लेकर चला जाता है तो उसे चोरी कहा जाता है. चोरी के लिए किसी तरह की मारपीट, डर या धमकी नहीं दी जाती है. अगर कोई किसी के घर में जबरन घुसकर बिना उसे बताए सामान उठाकर ले जाता है तो वो चोरी कहलाएगी. चोरी के लिए IPC की धारा 379 के तहत सजा का प्रावधान है. इस दौरान चोरी करने वाले को तीन साल की सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं. अगर चोरी किसी के घर में हुई है तो सात साल की जेल और जुर्माना लग सकता है.
डकैती
डकैती, चोरी और लूट के बाद तीसरा स्तर होता है. जब कोई व्यक्ति किसी की संपत्ति को चोरी करने के लिए 4-5 लोगों के साथ मिलकर ये काम करता है तो इसे डकैती कहा जाता है. IPC की धारा 391 के अनुसार जब पांच या पांच से ज्यादा लोग मिलकर लूट करते हैं तो वो डकैती कहलाती है. IPC की धारा 395 में इसके लिए प्रावधान दिया गया है. इसके लिए अपराधी को 10 साल की सजा या फिर आजीवन उम्रकैद हो सकती है.
Source: IOCL






















