क्या बड़े अपराध में आधी सजा पूरी किए बिना भी मिल सकती है जमानत? जान लीजिए क्या कहता है कानून
अगर किसी व्यक्ति को किसी बड़े अपराध में 10 साल की सजा सुनाई गई है, तो क्या उसे आधी सजा यानी 5 साल की सजा पूरी करने से पहले ही जमानत मिल सकती है. आइए जानते हैं इस मामले कें क्या कहता है कानून.

भारतीय कानून में हर कैदी को जमानत का अधिकार दिया गया है. हालांकि, जटिल कानूनी प्रक्रियाओं के चलते कई कैदियों की जमानत सालों साल अटकती रहती है. हाल ही में इसके कई उदाहरण सामने आए हैं, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट को इस पर कड़ी टिप्पणी करनी पड़ी और यहां तक कहना पड़ा कि 'जमानत नियम है और जेल अपवाद'. इसके बावजूद देश में कई मामले ऐसे हैं, जिसमें लोग जमानत के लिए लंबे समय से अदालतों के चक्कर काट रहे हैं.
अब सवाल यह है कि किसी कैदी को जमानत कब दी जा सकती है? क्या जघन्य अपराध के मामले में आधी सजा पूरी किए बिना कैदी को जमानत मिल सकती है? इस मामले में भारतीय कानून क्या कहता है? आज हम इसी के बारे में जानेंगे.
क्या आधी सजा के बाद जरूरी होती है जमानत
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में पहुंचे एक मामले में अदालत ने टिप्पणी की है कि किसी भी दोषी को आधी सजा काटने के बाद भी उसको जमानत दी जाए, ऐसा कोई सख्त नियम नहीं है. अदालत ने कहा है कि अपील के दौरान दोषी को जमानत देने के लिए अपीलीय अदालत को केस का मैरिट देखना जरूरी होता है.
क्या कहता है कानून?
अब सवाल यह है कि अगर किसी व्यक्ति को किसी बड़े अपराध में 10 साल की सजा सुनाई गई है, तो क्या उसे आधी सजा यानी 5 साल की सजा पूरी करने से पहले ही जमानत मिल सकती है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे मामले ने टिप्पणी की है कि किसी भी दोषी को केवल इस आधार पर जमानत से वंचित नहीं किया जा सकता कि उसने आधी सजा नहीं काटी है. अदालत ने कहा है कि आधी से ज्यादा सजा काटने का कोई कठोर नियम नहीं है. किसी भी मामले में यदि सजा निलंबन या जमानत दिए जाने के उचित आधार मौजूद हैं, तो अदालत को अधिकार है कि वह जमानत दे या सजा को निलंबित करे. हालांकि, यह पूरी तरह से अदालत के विवेक पर निर्भर है.
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