देश का पहला राज्य जहां भीख मांगना होगा गैरकानूनी, बन रहा नया कानून, जल्द होगा लागू
Beggars Free State: भारत में भिखारियों की एक बड़ी समस्या है, लेकिन देश का एक राज्य बहुत जल्दी भिखारीमुक्त बनने जा रहा है. इसके लिए वहां की सरकार एक नया बिल लेकर आई है, जो कि जल्द ही लागू किया जाएगा.

भारत में भीख मांगना एक बेहद पुरानी और बड़ी समस्या है. अक्सर आपको आते-जाते सड़कों पर, बस स्टेशन, धार्मिक स्थलों या फिर ट्रेन आदि में भिखारी मिल जाते हैं. ये सभी गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा या फिर शारीरिक विकलांगता की वजह से भीख मांगने पर मजबूर हो जाते हैं. कई बार ये भिखारी असली होते हैं, लेकिन अक्सर तो इनका पूरा का पूरा गैंग होता है, जिनका यह धंधा होता है. इन्हीं सब चीजों को ध्यान में रखते हुए देश के राज्य मिजोरम में भीख मांगने पर पूरी तरह से रोक लगाई जा रही है.
मिजोरम में बीते दिन मिजोरम प्रोहिबिशन ऑफ बेग्गरी बिल 2025 पास कर दिया गया है. इस कानून का मकसद सिर्फ भिखारियों पर रोक लगाना नहीं है, बल्कि उनको मदद और रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाना व समाज में फिर से खड़ा करना है.
मिजोरम में बढ़ सकते हैं भिखारी
आंकड़ों की मानें तो 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में 4 लाख से ज्यादा लोग भिखारी हैं. इनमें महिलाओं और बुजुर्गों की संख्या भी काफी अधिक है. सबसे ज्यादा भिखारी पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार में पाए जाते हैं. वहीं सोशल वेलफेयर मंत्री लालरिनपुई का कहना है कि मिजोरम में बहुत कम संख्या में भिखारी हैं. इसकी वजह यहां का मजबूत सामाजिक ढांचा, चर्च और एनजीओ की मदद व तमाम सरकारी योजनाएं हैं.
लेकिन बहुत जल्दी वहां पर सैरांग-सिहमुई रेल लाइन शुरू होने वाली है, जिसका पीएम मोदी उद्घाटन करेंगे. इसके बाद से यहां भिखारी और बढ़ सकते हैं. सबसे ज्यादा बाहर से भिखारी आ सकते हैं.
रिसीविंग सेंटर करेगा मदद
मिजोरम सरकार ने राज्य को भिखारी मुक्त बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. विधानसभा में लंबी चर्चा के बाद एक नया कानून पारित किया गया, जिसके तहत भिखारियों को राज्य से हटाकर उन्हें उनके मूल घर या राज्यों में भेजा जाएगा. इसके लिए सरकार एक राज्य स्तरीय राहत बोर्ड का गठन करेगी, जो भिखारियों के लिए रिसीविंग सेंटर बनाएगा. इन केंद्रों में भिखारियों को अस्थायी रूप से रखा जाएगा और 24 घंटे के अंदर उन्हें उनके घर वापस भेज दिया जाएगा.
आइजोल में अभी कितने भिखारी?
समाज कल्याण विभाग द्वारा कराए गए सर्वेक्षण की मानें तो मिजोरम की राजधानी आइजोल में 30 से अधिक भिखारी मौजूद हैं. इनमें से कई लोग गैर-स्थानीय हैं, जो कि दूसरे राज्यों से आए हुए हैं. सरकार का मानना है कि इस कदम से न केवल शहरों में व्यवस्था बनी रहेगी, बल्कि भिखारियों को भी सम्मानजनक जीवन जीने में मदद मिलेगी.
यह भी पढ़ें: अब हॉलमार्किंग से तय होगी चांदी की शुद्धता, आखिर यह होता क्या है और कब से लागू होगा नियम?
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL
























