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Explained: अमेरिका में मंकीपॉक्स को लेकर हेल्थ इमरजेंसी का एलान, क्या आपको भी चिंता करनी चाहिए?

Monkeypox Health Emergency: अमेरिका (America) ने विश्व भर में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए अपने देश में पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित की है.

US Declares Monkeypox Health Emergency: विश्व स्वास्थ्य संगठन-डब्ल्यूएचओ (WHO) ने पिछले महीने मंकीपॉक्स (Monkeypox) के बढ़ते मामलों को लेकर हेल्थ इमरजेंसी का एलान किया था. डब्ल्यूएचओ की चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए अब संयुक्त राज्य अमेरिका (United States Of America) ने भी मंकीपॉक्स के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी (Public Health Emergency) का एलान किया है. इसकी वजह से यहां की हेल्थ एजेंसियों को मंकीपॉक्स से निपटने के लिए धन की आवक आसान होने की उम्मीद जताई जा रही है. इसके साथ ही  यूएस (US) सरकार के लिए मंकीपॉक्स के मौजूदा टीकों (Vaccines) के उत्पादन और इस्तेमाल के लिए नए रास्ते खुलेंगे.

विश्व भर में मंकीपॉक्स का बढ़ता प्रकोप

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जुलाई में मंकीपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी (Public Health Emergency) घोषित किया था. रॉयटर्स (Reuters) की टैली पर नजर डालें, तो विश्व भर में मंकीपॉक्स के 25,800 से अधिक मामलों पाए गए हैं. इसके साथ ही अफ्रीका (Africa) से बाहर के तीन देशों में मंकीपॉक्स से तीन मौतें होने की सूचना है. 

यह कितना खतरनाक है?

सबसे पहले मंकीपॉक्स का वायरस बंदरों (Monkeys) में पाया गया था. ये वायरस विशेष तौर पर मंकीपॉक्स से संक्रमित शख्स के नजदीकी संपर्क में आने से फैलता है. इस बीमारी के हल्के लक्षणों में आमतौर पर बुखार, दाने, सूजी हुई लिम्फ नोड्स (Swollen Lymph Nodes) और मवाद से भरे त्वचा के घाव संक्रमित मरीज में उभरते हैं. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कुछ केसों में मंकीपॉक्स के गंभीर नतीजे हो सकते हैं, हालांकि सामान्यतः यह दो से चार हफ्ते के अंदर ठीक हो जाता है. ये वायरस (Virus) किसी के जरिए भी फैल सकता है, लेकिन अफ्रीका (Africa) के बाहर मंकीपॉक्स का मौजूदा प्रकोप खासकर पुरुषों के दूसरे पुरुषों से यौन संबंध रखने पर अधिक फैल रहा है. 

अंतरंग संपर्क से है फैलता

मंकीपॉक्स खासकर त्वचा से त्वचा (Skin-To-Skin) के अंतरंग (Intimate) संपर्क के जरिए फैलता है. आमतौर पर किसी ऐसे मरीज जिसके शरीर पर दानें या रैशेज होते हैं, उससे मंकीपॉक्स के फैलने की अधिक आशंका होती है. इसके साथ ही संक्रमित मरीज के बिस्तर या उसके कपड़ों के संपर्क में आने पर भी यह बीमारी एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलती है. हालांकि यह उतनी आसानी से नहीं फैलता जितना कि सार्स-कोव-2 वायरस (SARS-CoV-2) जिसने कोविड-19 (COVID-19) महामारी (Pandemic) फैलाकर दुनिया को हिला डाला था. 

यह एक इमरजेंसी क्यों है?

संयुक्त राज्य अमेरिका को उम्मीद है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा से बीमारी को काबू करने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही उस स्थिति से भी बचाव होगा जहां बीमारी लोगों में लगातार उभरने लगेगी. इसके साथ ही बीमारी से निपटने के लिए अच्छी फंडिग हो पाएगी. स्वास्थ्य एजेंसियों के नियमों में लचीलापन आने से बीमारी से निपटने के टीकों और उपचारों पर पहुंच बढ़ पाएगी. गौरतलब है कि दुनिया के कई देशों के स्वास्थ्य अधिकारियों ने डब्ल्यूएचओ से मंकीपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता का एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने का अनुरोध किया था, क्योंकि कई देशों में इसके मामलों में लगातार और तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. आपातकालीन घोषणा का मकसद परीक्षण से लेकर टीकों और उपचारों के उत्पादन और वितरण तक हर चीज पर वैश्विक कार्रवाई और सहयोग को बढ़ावा देना है.

जलवायु परिवर्तन भी है मंकीपॉक्स का कारण

अफ्रीका में वर्तमान में फैल रहे मंकीपॉक्स वायरस के स्ट्रेन से मृत्यु दर लगभग 1 फीसदी रही है, लेकिन अभी तक यह प्रकोप गैर-स्थानिक (Non-Endemic Countries) देशों में कम घातक साबित हो रहा है. गैर -स्थानिक से मतलब जिन देशों में इसके फैलने की आशंका नहीं है. एक बात और भी ध्यान देने लायक है कि कई देशों में स्वास्थ्य सेवा का बुनियादी ढांचा मजबूत है. इस वजह से भी यहां मंकीपॉक्स का प्रकोप असर नहीं दिखा पा रहा है. यह वायरल बीमारी शायद ही कभी अफ्रीका के बाहर फैली हो. यहां मंकीपॉक्स स्थानिक है. वैज्ञानिक यह निर्धारित करने की कोशिश कर रहे हैं कि शुरुआती मामलों का कारण क्या था और क्या वायरस बदल गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ी हुई वैश्विक यात्रा के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन ने आम तौर पर वायरस के उभरने और प्रसार को तेज कर दिया है.संक्रामक रोग विशेषज्ञों का कहना है कि कई साल की वित्तीय उपेक्षा ने यौन स्वास्थ्य क्लीनिकों को वर्तमान में मंकीपॉक्स से निपटने में पछाड़ दिया है. इस वजह से ये इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए तैयार नहीं है. 

सुरक्षात्मक उपाय

US के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि लोगों को किसी ऐसे शख्स के साथ निकट व्यक्तिगत संपर्क से बचना चाहिए, जिसके शरीर पर एक विशेष तरह के दाने दिखाई दें. इसके साथ ही अधिकारियों का कहना है कि यदि किसी शख्स में बीमारी हो या वह अस्वस्थ दिखाई पड़े या फिर उसमें मंकीपॉक्स के लक्षण हो,उसे अलग-थलग कर देना चाहिए और मेडिकल केयर लेनी चाहिए. यूएस में स्वास्थ्य अधिकारी ऐसे लोग जिन्हें मंकीपॉक्स होने का अधिक खतरा है, उन्हें मंकीपॉक्स के टीके लगा रहे हैं. इसके साथ ही हाल ही में संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में रहने वाले लोगों को भी मंकीपॉक्स के टीके दिए जा रहे हैं. डेनमार्क (Danish) कंपनी बवेरियन नॉर्डिक (Bavarian Nordic) की एक वैक्सीन है, जिसे दुनिया में इसे ब्रांड नाम जीनियोस (Jynneos), इम्वाम्यून (Imvamune) या इम्वेनेक्स (Imvanex) से जाना जाता है. इस वैक्सीन को चेचक और मंकीपॉक्स दोनों की रोकथाम के लिए यूएस और यूरोपीय यूनियन का अनुमोदन मिला हुआ है. एक पुरानी एसीएएम2000 (ACAM2000) वैक्सीन जो मौजूदा वक्त में एमर्जेंट बायोसोल्यूशन (Emergent Biosolutions) बना रहा है, इसे भी मंकीपॉक्स के रोकने के लिए इस्तेमाल किया रहा है. हालांकि इसके गंभीर साइड-इफ़ेक्ट की वजह से इसका इस्तेमाल सीमित कर दिया गया है.बवेरियन नॉर्डिक का कहना है कि वह हर साल टीकों की 30 मिलियन खुराक बना सकता है, जिसमें मंकीपॉक्स भी शामिल है. उधर मंकीपॉक्स वैक्सीन (Monkeypox Vaccine ) क्षमता बढ़ाने के लिए यूएस की एक कंपनी काम कर रही है. 

इलाज

मंकीपॉक्स के लक्षण (Symptoms) अक्सर कुछ हफ्तों में अपने आप ही ठीक हो जाते हैं. सेकेंडरी यानी हल्के जीवाणु संक्रमण (Secondary Bacterial Infections) के मरीजों को अतिरिक्त तरल पदार्थ और अतिरिक्त उपचार दिया जा सकता है. टपॉक्स (TPOXX) ब्रांड का एक एंटीवायरल एजेंट (Antiviral Agent) टेकोविरिमैट (Tecovirimat) मंकीपॉक्स के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसे एसआईजीए (SIGA) टेक्नोलॉजीज ने बनाया है. इसे चेचक (Smallpox)के इलाज के लिए यूएस (US) और यूरोपीय संघ (EU) की मंजूरी है. उधर यूरोप में इसे मंकीपॉक्स और चेचक (Cowpox) दोनों के इलाज के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति है.

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