UP Election 2022: 'घोषणापत्र' में Rakesh Tikait ने बेबाकी से रखी अपनी बात, बोले- हम किसी से नहीं डरते, किसानों को बोलना सिखाया
UP Assembly Election 2022: abp न्यूज के कार्यक्रम 'घोषणापत्र' में राकेश टिकैत ने यूपी की राजनीति पर किसान आंदोलन के प्रभाव को लेकर बहुत सी बातें कहीं.
Uttar Pradesh Assembly Election 2022: पश्चिमी यूपी के मतदान में महज 5 दिन बचे हैं, ऐसे में इस रीजन के सियासी गलियारों में माहौल गर्म है. पश्चिमी यूपी में बहुत ज्यादा दारोमदार किसानों पर है. ऐसे में सवाल है कि आखिर किसान आंदोलन का चुनाव में क्या असर होगा. abp के 'घोषणापत्र' कार्यक्रम में राकेश टिकैत ने यूपी की राजनीति पर किसान आंदोलन के प्रभाव को लेकर बहुत सी बातें कहीं. राकेश टिकैत की वैसे तो कोई पार्टी नहीं है, लेकिन इस सियासी समर में वो किसी भी पार्टी का खेल बना और बिगाड़ सकते हैं. 52 साल के राकेश टिकैत पश्चिमी यूपी के जाटलैंड का मुखर चेहरा है, जिसमें पहले चरण में मतदान होना है. राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक महेंद्र टिकैत के बेटे हैं. राकेश टिकैत दो बार चुनाव लड़ चुके हैं, हालांकि इसमें उन्हें हार मिली थी.
राकेश टिकैत ने कहा कि जनता को लगता है कि हम ऐसे उम्मीदवार को लेकर आए हैं, जो उसकी समस्याओं का समाधान करे. वहीं सरकार चालबाज है, जो जनता को उस मुद्दे पर जाने नहीं देना चाहती. वो जाति, धर्म, सम्प्रदाय के जाल में फंसाने की कोशिश करती है. टिकैत ने कहा कि अबकी बार जनता सरकार से सवाल कर रही है. जनता ने आवाज उठानी शुरू कर दी है. उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि सरकार जो प्रवचन देती है, उस पर न जाएं, अपने मुद्दों पर ही फोकस रखें.
राकेश टिकैत किसे देंगे वोट? इस सवाल के जवाब पर राकेश टिकैत ने कहा कि हमने मन बना लिया है, किसे वोट देना है. टिकैत ने कहा कि जो खेत में काम करता है, वो किसान है, जो गांवों में काम करता है वो मजदूर और किसान हैं. फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर, गांव का किसान ही है. ये देश का निर्माण करने वाला है. इस देश में अगर किसानी की बात नहीं की जाए तो खराब बात होगी. राकेश टिकैत ने कहा कि जो किसानों के मुद्दे सुलझाए उसे वोट देंगे. हमारे 13 महीनों के आंदोलन के बाद अब लोग सवाल करने लगे हैं. लोग सवाल-जवाब करना सीख गई है, हमने जनता को बोलना सिखाया. क्या बोलना है ये हम नहीं बताएंगे.
2013 के दंगे RSS ने कराए
राकेश टिकैत ने कहा कि जनता ही हार जीत तय करती है. हमने किसी जाति का संगठन नहीं चलाया, हमने किसानों का संगठन चलाया है. 13 महीनों के भीतर सबकी ट्रेनिंग हो गई है कि किसे वोट देना है. सरकार पुराने मुद्दे को फिर से चालू करने की कोशिश कर रही है, इन्हें नए मुद्दे लाने होंगे. आपका आरोप है कि 2013 वाले दंगे RSS ने कराए? इस सवाल के जवाब में राकेश टिकैत ने कहा कि किसने कराए, ये तो साफ है. राकेश टिकैत बोले कि 2013 के दंगे RSS ने कराए. एक खास जाति को टारगेट किया जा रहा है. राकेश टिकैत ने कहा कि बेरोजगारों की बड़ी फौज खड़ी होगी. अगला आंदोलन बेरोजगारी को लेकर होगा. जब हम बर्तन खरीदने जाते हैं तो ठोंक-बजाकर खरीदते हैं, सरकार भी चुननी है तो ठोंक-बजाकर फैसला कर लें.
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