एक्सप्लोरर

UP Election 2022: सत्ता के शिखर तक पहुंचने का अहम रास्ता हैं दलित वोट! अबकी बार किधर, जानिए पूरा गणित

UP Assembly Election 2022: आखिर क्यों दलित वोट उत्तर प्रदेश चुनावों में इतना अहम माना जाता है? क्या वाकई में दलित वोट राजनीतिक दलों के लिए सत्ता तक पहुंचने का एक रास्ता है.

Uttar Pradesh Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश में चुनावों के साथ दलितों को लेकर राजनीति भी शुरू हो चुकी है. तमाम राजनीतिक दल दलित समुदाय को लुभाने की पूरी कोशिश में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में अलग-अलग राजनीतिक दलों के बड़े-बड़े नेता दलितों के घर आते-जाते और भोजन करते हुए नजर आ रहे हैं. दलित नेताओं की इस वक्त पूछ भी बढ़ गई है. आखिर क्यों दलित वोट उत्तर प्रदेश चुनावों में इतना अहम माना जाता है? क्या वाकई में दलित वोट राजनीतिक दलों के लिए सत्ता तक पहुंचने का एक रास्ता है.  

उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में होने वाले चुनावों की शुरुआत पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हो रही है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश जहां पर आंकड़ों के मुताबिक 21 फीसदी से ज्यादा दलित मतदाता हैं. ऐसे में यह माना जा सकता है कि 5 में से 1 मतदाता, दलित समाज से आता है. इसी वजह से दलित मतदाता खासतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश मैं किसी भी राजनीतिक दल की जीत और हार सुनिश्चित करने में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है. पिछले चुनावों के नतीजे भी यही बयां कर रहे हैं.

दलित वोट के सहारे 1993 में हुआ चमत्कार

उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो अमूमन यह माना जाता है कि दलित मतदाता बड़ी संख्या में बहुजन समाज पार्टी  के साथ रहा है. साल 1993 में बहुजन समाज पार्टी के गठन के बाद से ही दलित मतदाता बड़ी संख्या में बसपा के साथ ही जाता नजर आया है. 1993 में जिस साल बसपा सुर्खियों में आई, तब पार्टी को 11.12 फीसदी वोट मिले थे और पार्टी ने 67 सीटों पर जीत हासिल की थी. इसके बाद हुए 1996 के चुनाव में बसपा को 19.64 फीसदी वोट मिले. इस बार भी बसपा ने 67 सीटों पर कब्जा किया.

गवाह हैं 2002 के चुनाव, बसपा ने किया कमाल

2002 के विधानसभा चुनावों में बहुजन समाज पार्टी का मत प्रतिशत 23.06 तक पहुंचा और 98 सीटों पर उसे जीत हासिल हुई. साल 2007 में पूर्ण बहुमत पाकर, जब बसपा ने सरकार बनाई तो उस दौरान बसपा 30.43 फीसदी वोट मिले और 206 सीटों पर हासिल कर सत्ता पर काबिज हुई. हालांकि 2007 के इन चुनावों में मायावती दलितों के साथ ब्राह्मण वोटों को भी साथ लाने में सफल हुई थीं, जिसका नतीजा बढ़ा हुआ वोट प्रतिशत और सीटों के रूप में सामने आया.

2012 में क्यों 80 सीटों पर सिमटी बसपा

2012 के चुनाव में पार्टी को 25.95 फीसदी वोट मिले और 80 सीटों पर बसपा सिमट कर रह गई. 2017 के चुनाव में बसपा को 22.24 फीसदी ही वोट मिले और इसका नतीजा यह हुआ कि मायावती की पार्टी 19 सीटों पर सिमट के रह गई. लेकिन यह आंकड़े यह बताने के लिए काफई हैं कि भले ही बहुजन समाज पार्टी, जिसने अपनी पहचान दलितों की पार्टी के रूप में बनाई थी, वह कितने ही खराब दौर से क्यों ना गुजरी हो, लेकिन दलितों का वोट बड़ी संख्या में हमेशा उसके साथ बना रहा है. 

ऐसे होता है दलिव वोटों का बंटवारा

दलित वोटों का भी उपजाति के आधार पर बंटवारा हो जाता है. मसलन जाटव, पासी, वाल्मीकि. हालांकि माना यह जाता है कि इसमें से 55 फीसदी से अधिक वोट जाटव बिरादरी से आते हैं और यह जाटव बिरादरी हमेशा से ही मायावती और उनकी पार्टी बसपा के साथ रही है. अगर हम 2017 के विधानसभा चुनावों के नतीजों को देखते हैं तो वहां पर मायावती की पार्टी भले ही 19 सीटों पर सिमट गई थी, लेकिन वो वोट प्रतिशत में अपने से ज्यादा सीट हासिल करने वाली सपा से आगे ही थी. सपा को जहां 2017 के विधानसभा चुनावों में करीबन 21.8 फीसदी वोट मिले थे. वहीं बसपा को इन चुनावों में 22.2 फीसदी के करीब वोट मिले थे.

यूपी की दलित राजधानी

यही गणित समझने के लिए एबीपी न्यूज़ की टीम पहुंची उत्तर प्रदेश में दलित राजधानी के तौर पर पहचाने जाने वाले आगरा जिले में. आगरा जिले में कुल 9 विधानसभा सीटें हैं, जहां पर 2007 के विधानसभा चुनावों में बहुजन समाज पार्टी ने 9 में से 7 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं 2012 में आगरा जिले की 9 विधानसभा सीटों में से 6 पर बहुजन समाज पार्टी ने जीत हासिल कीं. 2017 आते-आते बहुजन समाज पार्टी का ग्राफ अचानक नीचे गिरा और नतीजा ये हुआ कि 2017 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 9 की 9 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल कर ली.

बीजेपी ने लगा ली इस वोट बैंक में सेंध

यानी 2017 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने मायावती के कोर वोटर माने जाने वाले दलित वोट में भी सेंध लगाई, हालांकि सेंध बहुत ज्यादा तो नहीं थी, लेकिन फिर भी बीजेपी ने जितने वोट भी मायावती के खाते से अपने खाते में जोड़ें वो बीजेपी के खाते में एक बोनस की तरह आए. उसी का नतीजा रहा कि बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनावों में 325 सीटों पर जीत हासिल. इसी तर्ज पर बीजेपी ने मौजूदा चुनाव में भी मायावती के वोटों में सेंध लगाने की रणनीति तैयार कर ली है.

ये भी पढ़ें- Uttar Pradesh Poll of Polls: UP के पोल ऑफ पोल्स में अखिलेश को बड़ा झटका, BJP की बल्ले-बल्ले, बस इस एक सर्वे में बन रही है SP की सरकार

ये भी पढ़ें- Prashant Kishor ने किया बड़ा दावा- 2024 में BJP को हराना संभव, सुझाया वो फॉर्मूला, जिससे विपक्ष की बन सकती है बात

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

Saudi And UAE Relations: 'दोनों का मिडिल ईस्ट में दबदबा...', दो मुस्लिम देश कैसे बने एक दूसरे के दुश्मन, जानें पूरी कहानी
'दोनों का मिडिल ईस्ट में दबदबा...', दो मुस्लिम देश कैसे बने एक दूसरे के दुश्मन, जानें पूरी कहानी
मीरा भयंदर में अजित पवार गुट के उम्मीदवार की मौत, नामांकन के बाद आया हार्ट अटैक
मीरा भयंदर महानगरपालिक के NCP अजित पवार गुट के उम्मीदवार की मौत, नामांकन के बाद आया हार्ट अटैक
2026 में कितने मैचों में खेलते दिखेंगे रोहित शर्मा-विराट कोहली, ये रहा पूरा शेड्यूल
2026 में कितने मैचों में खेलते दिखेंगे रोहित शर्मा-विराट कोहली, ये रहा पूरा शेड्यूल
70 करोड़ के बजट में बनी मोहनलाल की ये फिल्म हुई बुरी तरह फ्लॉप, 97 परसेंट हुआ बॉक्स ऑफिस लॉस
70 करोड़ के बजट में बनी मोहनलाल की ये फिल्म हुई बुरी तरह फ्लॉप, 97 परसेंट हुआ बॉक्स ऑफिस लॉस

वीडियोज

West Bengal News: पश्चिम बंगाल में SIR में गड़बड़ी का आरोप, TMC का प्रतिनिधि मंडल पहुंचा EC | SIR
China Steel Dumping पर बड़ा Action: Indian Steel Stocks में तेज उछाल | Paisa Live
Khaleda Zia को आखिरी विदाई..जनाजे में उमड़ा जनसैलाब | Bangladesh | ABP News
MP News: Indore में दूषित पानी से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ा | Death | CM Mohan Yadav | Breaking
Delhi में क्राइम ब्रांच की बड़ी कार्रवाई, कई ब्रांड के नकली खाद्य पदार्थ जब्त | Breaking | ABP News

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Saudi And UAE Relations: 'दोनों का मिडिल ईस्ट में दबदबा...', दो मुस्लिम देश कैसे बने एक दूसरे के दुश्मन, जानें पूरी कहानी
'दोनों का मिडिल ईस्ट में दबदबा...', दो मुस्लिम देश कैसे बने एक दूसरे के दुश्मन, जानें पूरी कहानी
मीरा भयंदर में अजित पवार गुट के उम्मीदवार की मौत, नामांकन के बाद आया हार्ट अटैक
मीरा भयंदर महानगरपालिक के NCP अजित पवार गुट के उम्मीदवार की मौत, नामांकन के बाद आया हार्ट अटैक
2026 में कितने मैचों में खेलते दिखेंगे रोहित शर्मा-विराट कोहली, ये रहा पूरा शेड्यूल
2026 में कितने मैचों में खेलते दिखेंगे रोहित शर्मा-विराट कोहली, ये रहा पूरा शेड्यूल
70 करोड़ के बजट में बनी मोहनलाल की ये फिल्म हुई बुरी तरह फ्लॉप, 97 परसेंट हुआ बॉक्स ऑफिस लॉस
70 करोड़ के बजट में बनी मोहनलाल की ये फिल्म हुई बुरी तरह फ्लॉप, 97 परसेंट हुआ बॉक्स ऑफिस लॉस
पहले चेहरा छुपाया, फिर पैपराजी को किया हैलो, रजत बेदी की बेटी ने नए लुक में फ्लॉन्ट की नैचुरल ब्यूटी
पहले चेहरा छुपाया, फिर पैपराजी को किया हैलो, रजत बेदी की बेटी ने नए लुक में फ्लॉन्ट की नैचुरल ब्यूटी
सैनेटरी पैड पर 0% पर्सेंट तो कंडोम पर 12% टैक्स क्यों, क्या है दोनों हेल्थ प्रॉडक्ट में अंतर की वजह?
सैनेटरी पैड पर 0% पर्सेंट तो कंडोम पर 12% टैक्स क्यों, क्या है दोनों हेल्थ प्रॉडक्ट में अंतर की वजह?
पंजाब बोर्ड ने जारी की 10वीं-12वीं परीक्षा की डेटशीट, जानें कब से कब तक होंगे एग्जाम
पंजाब बोर्ड ने जारी की 10वीं-12वीं परीक्षा की डेटशीट, जानें कब से कब तक होंगे एग्जाम
Feelings Confusion: लड़कों में इंटरेस्ट है या लड़कियों में... किस वजह से होता है कंफ्यूजन, क्या ये स्थिति नॉर्मल?
लड़कों में इंटरेस्ट है या लड़कियों में... किस वजह से होता है कंफ्यूजन, क्या ये स्थिति नॉर्मल?
Embed widget